Bihar s Self-Help Groups Rank 4th in Savings Nationwide 6th in Loan Repayment बिहार के स्वयं सहायता समूह बचत में चौथे, ऋण लेने में छठे स्थान पर, Patna Hindi News - Hindustan
Hindi NewsBihar NewsPatna NewsBihar s Self-Help Groups Rank 4th in Savings Nationwide 6th in Loan Repayment

बिहार के स्वयं सहायता समूह बचत में चौथे, ऋण लेने में छठे स्थान पर

बिहार के स्वयं सहायता समूह (एसएचजी) देश में बचत में चौथे और ऋण चुकौती में छठे स्थान पर हैं। बिहार के एसएचजी ने 3906 करोड़ रुपये की बचत की है। देश में 1.44 करोड़ एसएचजी हैं, जिनमें बिहार के 12.64 लाख...

Newswrap हिन्दुस्तान, पटनाWed, 16 April 2025 09:04 PM
share Share
Follow Us on
बिहार के स्वयं सहायता समूह बचत में चौथे, ऋण लेने में छठे स्थान पर

बिहार के स्वयं सहायता समूह (एसएचजी) देश भर में बचत के मामले में चौथे स्थान पर है। वहीं बैंकों से ऋण लेने व उसको बकाया रखने के मामले में बिहार का स्थान छठा है। केंद्रीय सांख्यिकी एवं कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय की ओर से 31 मार्च 2024 के आधार पर हालिया जारी रिपोर्ट में इसका उल्लेख है। रिपोर्ट के मुताबिक देशभर में 1.44 करोड़ स्वयं सहायता समूह बैंकों से रजिस्टर्ड हैं, जिनके 17.75 करोड़ सदस्य हैं। इसके मुकाबले बिहार के 12.64 लाख से अधिक स्वयं सहायता समूहों के पास 1.65 करोड़ सदस्य हैं। स्वयं सहायता समूह के मामले में 16.30 लाख एसएचजी के साथ महाराष्ट्र पहले, 15.75 लाख एसएचजी के साथ बंगाल दूसरे और 12.64 लाख एसएचजी के साथ बिहार का स्थान तीसरा है। वहीं, दो करोड़ सदस्य के साथ पश्चिम बंगाल पहले, 1.96 करोड़ सदस्य के साथ महाराष्ट्र दूसरे और 1.65 करोड़ सदस्य के साथ बिहार तीसरा बड़ा एसएचजी समूह है।

बिहार के एसएचजी ने की 3906 करोड़ रुपये की बचत

रिपोर्ट के मुताबिक बिहार के स्वयं सहायता समूहों ने 3906 करोड़ रुपये की बचत की है। बचत के मामले में बिहार के स्वयं सहायता समूह आंध्र प्रदेश, पश्चिम बंगाल, ओडिशा के बाद चौथे स्थान पर है। बिहार के बाद महाराष्ट्र के स्वयं सहायता समूहों ने 3611 करोड़ रुपये जबकि तमिलनाडु के स्वयं सहायता समूहों ने 2854 करोड़ रुपये की बचत की है। वहीं, बैंकों के माध्यम स्वयं सहायता समूहों को ऋण वितरण किए जाने के मामले में आंध्र प्रदेश का स्थान पहला है। आंध्र प्रदेश के 6.73 लाख स्वयं सहायता समूहों को 59,777 करोड़ रुपये का ऋण बांटा गया। इसके मुकाबले बिहार के 10.36 लाख स्वयं सहायता समूहों को बैंकों ने 16893 करोड़ रुपये के ऋण मिले। बिहार से अधिक ऋण कर्नाटक, पश्चिम बंगाल, तेलंगाना और तमिलनाडु के स्वयं सहायता समूहों को मिला।

जनधन के 6.15 करोड़ खाते में 3.44 करोड़ महिलाओं के

रिपोर्ट में केंद्रीय योजनाओं में राज्यों की भागीदारी का भी उल्लेख है। आंकड़ों के मुताबिक वृद्धों के पेंशन को लेकर चलाई जा रही प्रधानमंत्री वय वंदना योजना के नवंबर 2024 तक बिहार में 5544 पुरुष एवं 2260 महिला सहित कुल 7804 लाभुक थे। वहीं, प्रधानमंत्री जनधन योजना के तहत बिहार में दिसंबर 2024 तक करीब 6.15 करोड़ खाते थे। इनमें 2.71 करोड़ खाते पुरुष जबकि 3.44 करोड़ से अधिक खाते महिलाओं के नाम पर थे। देश भर में 54 करोड़ से अधिक जनधन खाते हैं। इसी तरह, अटल पेंशन योजना के बिहार में 63.59 लाख से अधिक लाभुक हैं। इनमें 35.54 लाख पुरुष जबकि 28.04 लाख महिलाएं हैं। देश भर में 3.38 करोड़ खाते अटल पेंशन योजना से जुड़े हैं। स्टैंड अप इंडिया के तहत बिहार के 8754 एससी-एसटी महिला उद्यमियों को 1704 करोड़ रुपये से अधिक की स्वीकृति दी गयी है। 30 नवंबर 2024 तक बिहार में 66.32 लाख से अधिक लोगों के पास डीमैट खाते थे। इनमें 57.36 लाख से अधिक खाते पुरुषों जबकि 8.95 लाख से अधिक खाते महिलाओं के नाम पर रजिस्टर्ड थे। इस दौरान देश भर में 11.53 करोड़ लोगों के पास डीमैट खाता उपलब्ध था।

लेटेस्ट   Hindi News ,    बॉलीवुड न्यूज,   बिजनेस न्यूज,   टेक ,   ऑटो,   करियर , और   राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।