भोजन माताओं ने की न्यूनतम वेतन 26 हजार देने की मांग
उत्तराखंड भोजन माता कामगार यूनियन ने मानदेय बढ़ाने और राज्य कर्मचारी घोषित करने की मांग की है। यूनियन की बैठक में कहा गया कि भोजन माताएं लंबे समय से कम वेतन पर काम कर रही हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री और...

उत्तराखंड भोजन माता कामगार यूनियन ने मानदेय बढ़ाने, राज्य कर्मचारी घोषित करने समेत छह सूत्रीय मांगों को लेकर खंड शिक्षा अधिकारी के माध्यम से प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा है। भोजन माता कामगार यूनियन की मंगलवार को ब्लॉक में बैठक हुई। इस दौरान यूनियन की ब्लॉक अध्यक्ष कमला देवी, कोषाध्यक्ष मानुली देवी ने कहा है कि पिछले लम्बे समय से भोजन माताएं अल्प मानदेय में काम कर रही हैं। उन्होंने कहा कि सभी भोजन माताओं को राज्य कर्मचारी घोषित किया जाए। साथ ही जब तक राज्यकर्मचारी घोषित नहीं किया जाता है तब तक न्यूनतम वेतन 26 हजार प्रतिमाह दिया जाए, भोजन माताओं को नहीं हटाया जाय, स्कूल बंद होने की स्थिति में अध्यापकों की तरह भोजन माताओं को अन्य स्कूल में समायोजित किया जाए।
जून माह का वेतन और सेवानिवृत्ति पर दो लाख प्रोत्साहन राशि दी जाए। शिक्षा मंत्री की घोषणा के तहत मानदेय वृद्धि 5,000 को दिया जाए। मजदूर विरोधी श्रम कोड्स को अभिलम्ब वापस लेने की मांग उठाई है। उन्होंने खंड शिक्षा अधिकारी के माध्यम से प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा है। बैठक में धन्ना देवी, आनंदी देवी, दीक्षा देवी, पार्वती देवी, मोहनी देवी, बसंती देवी, रिंकी देवी, मुन्नी देवी, सीटू के जिला मंत्री मदन मिश्रा आदि मौजूद रहे।
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