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CM हेल्पलाइन नंबर पर सबसे ज्यादा इन बातों की शिकायतें, आम लोगों की बात सुनने में पौड़ी जिले ने किया टॉप

  • सीएम हेल्पलाइन पर अब तक कुल छह लाख 34 हजार 135 शिकायतें प्राप्त हुई हैं। इनमें से एक लाख 84 हजार 480 शिकायतें नौ मई 2023 से 17 मार्च 2025 के बीच प्राप्त हुई हैं। इनमें से 68.70 प्रतिशत शिकायतों का निस्तारण कर दिया गया।

Himanshu Kumar Lall हिन्दुस्तान, देहरादून। विनोद मुसानTue, 15 April 2025 07:43 AM
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CM हेल्पलाइन नंबर पर सबसे ज्यादा इन बातों की शिकायतें, आम लोगों की बात सुनने में पौड़ी जिले ने किया टॉप

सीएम हेल्पलाइन में सबसे अधिक बिजली-पानी से संबंधित शिकायतें पहुंच रही हैं। लेकिन जिस तादाद में लोग शिकायत दर्ज करा रहे हैं, उतनी तेजी से इनका निस्तारण नहीं हो पा रहा है। इस पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने नाराजगी जताई है।

इतना ही नहीं, कुछ विभाग तो ऐसे हैं, जिन्होंने बीते 30 दिनों से पोर्टल पर लॉगइन ही नहीं किया है। ऐसे में शिकायतों की पेंडेंसी लगातार बढ़ती जा रही है। सर्वाधिक लंबित 7713 शिकायतें उत्तराखंड जल संस्थान की हैं, जिनमें लोगों ने घरों में पानी नहीं आने की शिकायत दर्ज की है।

सीएम हेल्पलाइन पर अब तक कुल छह लाख 34 हजार 135 शिकायतें प्राप्त हुई हैं। इनमें से एक लाख 84 हजार 480 शिकायतें नौ मई 2023 से 17 मार्च 2025 के बीच प्राप्त हुई हैं। इनमें से 68.70 प्रतिशत शिकायतों का निस्तारण कर दिया गया।

इसमें से 19 हजार 500 शिकायतें ऐसी हैं, जो बीते 36 दिनों से लंबित हैं। इनमें सबसे अधिक पानी नहीं आने की और दूसरे नंबर पर खराब स्ट्रीट लाइट संबंधित हैं। बीते दिनों मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सीएम हेल्प लाइन से संबंधित समीक्षा की तो पता चला कि राज्य के महत्वपूर्ण गृह विभाग और मत्स्य विभाग के अधिकारियों ने बीते 30 दिनों पोर्टल के एल-01 स्तर पर लॉगइन ही नहीं किया है।

जबकि ऊर्जा, वन, नियोजन, खाद्य नागरिक आपूर्ति, शिक्षा विभाग की ओर से खानापूर्ति के आंशिक रूप से लॉगइन किया गया। मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन ने कहा कि सीएम हेल्पलाइन में नियमित तौर पर शिकायतें प्राप्त होती हैं, जिनका समय से निस्तारण किया जाता है। खासकर अब ग्रीष्मकाल में बिजली-पानी से संबंधित शिकायतों को प्राथमिकता से देखा जाएगा। इस संबंध में संबंधित विभागों को निर्देश दिए गए हैं।

जनता से संवाद में दो जिले टॉप पर: शिकायतों पर जिलाधिकारियों की ओर से जनता से संवाद का भी प्रावधान है। इसमें पौड़ी जिला टॉप पर है। यहां जिलाधिकारी की ओर से 2526 लोगों से सीधा संवाद किया गया। जबकि ऊधमसिंह नगर दूसरे स्थान पर है, यहां जिलाधिकारी की ओर से 2403 लोगों को फोन कर उनकी समस्या के बारे में पूछा गया और उसका निस्तारण किया गया।

दो बड़े जिलों का प्रदर्शन सबसे खराब

जिलाधिकारी स्तर पर लंबित प्रकरणों में दो बड़े जिलों हरिद्वार और देहरादून का सबसे खराब प्रदर्शन सामने आया है। हरिद्वार जिले में लेवल-01 पर 180 और देहरादून जिले में लेवल-01 पर 121 शिकायतें लंबित हैं, जो विभिन्न विभागों से संबंधित हैं।

ऊर्जा-परिवहन आगे, वन- लोनिवि पिछड़े

शिकायतों के निस्तारण में ऊर्जा, परिवहन, समाज कल्याण, महिला बाल विकास और कृषि विभाग सबसे आगे हैं तो राजस्व, वन विभाग, शिक्षा, पंचायती राज और लोक निर्माण विभाग का प्रदर्शन खराब है।

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