अस्वस्थ घोड़े-खच्चरों की केदारनाथ ट्रैक पर नो-एंट्री
फोटो - केदारनाथ में 13 घोड़ों की मौत के बाद पशुपालन विभाग अलर्ट अगले

फोटो - केदारनाथ में 13 घोड़ों की मौत के बाद पशुपालन विभाग अलर्ट अगले आदेश तक दूसरे राज्यों से आने वाले घोड़ों की भी नो-एंट्री 22 पशु चिकित्सकों की तैनाती, पंतनगर, हिसार से बुलाए विशेषज्ञ सचिव पशुपालन बीवीआरसी पुरुषोत्तम ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में दी जानकारी देहरादून, मुख्य संवाददाता। चारधाम यात्रा शुरू होने के दो दिन बाद ही केदारनाथ ट्रैक पर 13 घोड़े-खच्चरों की मौत के बाद पशुपालन विभाग अलर्ट हो गया है। शासन की ओर से इस संबंध में विशेष निर्देश जारी करते हुए कार्यवाही शुरू कर दी गई है। सचिव पशुपालन डॉ. बीवीआरसी पुरुषोत्तम ने बुधवार को सचिवालय स्थित मीडिया सेंटर में आयोजित प्रेसवार्ता में इस संबंध में जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय अश्व अनुसंधान संस्थान, हिसार ने बीते 26 मार्च 2025 को रुद्रप्रयाग जिले के दो गांव में घोड़े खच्चरों की सैंपलिंग की थी, जिसमें एक्वाइन इन्फ्लूएंजा वायरस से संक्रमित घोड़े होने की सूचना मिली थी। इसके बाद पशुपालन विभाग ने कई तैयारियां की। चार अप्रैल से यात्रा शुरू होने तक उत्तराखंड में 16 हज़ार घोड़े- खच्चरों की सैंपलिंग की गई है। सैंपलिंग में जो घोड़े नेगेटिव आए हैं, उन्हीं घोड़ों को यात्रा में ले जाने की अनुमति दी गई। 16 हज़ार घोड़ों की सैंपलिंग में 152 सैंपल पॉजिटिव आए हैं। इन सभी का पुनः आरटीपीसीआर टेस्ट भी कराया गया। जिसमें किसी भी घोड़े खच्चर की रिपोर्ट पॉजिटिव नहीं पाई गई। सचिव पशुपालन ने बताया कि दो दिन की यात्रा में 13 घोड़े खच्चरो की मृत्यु होने की सूचना मिली थी। इसमें आठ घोड़ों की मृत्यु डायरिया एवं पांच घोड़ों की मृत्यु एक्यूट कोलिक से हुई है। इसके साथ ही विस्तृत रिपोर्ट के लिए सैंपल आईवीआरआई बरेली भेजे गए हैं। उन्होंने बताया मामले की गंभीरता को देखते हुए 22 से अधिक डॉक्टरों की टीम को यात्रा मार्ग में तैनात किया गया है। --- बाहर के घोड़े खच्चरों पर पूर्ण प्रतिबंध सचिव पशुपालन ने बताया कि हर वर्ष यात्रा मार्ग पर पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश से 2-3 हजार घोड़े खच्चर आते हैं। एक्वाइन इन्फ्लूएंजा वायरस से बचाव के चलते यूपी से आने वाले घोड़ों- खच्चरों पर वर्तमान समय तक पूर्ण रूप से प्रतिबंध लगाया है। ---- मनुष्यों में नहीं फैलता यह वायरस सचिव पशुपालन ने बताया कि एक्वाइन इन्फ्लूएंजा वायरस में जानवरों से मनुष्यों में संक्रमण नहीं फैलाता है, लेकिन यह घोड़े- खच्चरों में बहुत तेजी से फैलता है। उन्होंने बताया कि घोड़े खच्चरों के पुनः संचालन के लिए जिला प्रशासन की ओर से स्थानीय स्तर पर निर्णय लिया जाएगा।
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