होम स्टे संचालक राज्य के ब्रांड एंबेसडर: धामी
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने होम स्टे कारोबार को बढ़ावा देने के लिए आयोजित संवाद में कहा कि होम स्टे संचालक राज्य की सांस्कृतिक विरासत को आगे बढ़ा रहे हैं। उन्होंने कहा कि गांव की पहचान को ग्लोबल...

राज्य की सांस्कृतिक विरासत को बढ़ावा देने का कर रहे हैं काम राज्य की इस पहचान को गांव से ग्लोबल तक पहुंचाने पर दिया जोर
देहरादून, मुख्य संवाददाता।
मुख्यमंत्री आवास स्थित मुख्य सेवक सदन में सोमवार को मुख्य सेवक संवाद ‘‘गाँव से ग्लोबल तक होम स्टे आयोजित हुआ। इस संवाद में प्रदेश के होम स्टे कारोबार से जुड़े लोग पहुंचे। सीएम पुष्कर सिंह धामी ने होम स्टे संचालकों को राज्य का ब्रांड एंबेसडर बताया। कहा कि ये लोग राज्य की सांस्कृतिक विरासत को आगे बढ़ाने का काम कर रहे हैं। अब समय आ गया है कि गांव की इस पहचान को गांव से ग्लोबल तक पहुंचाया जाए।
सीएम धामी ने कहा कि सरकार ने होम स्टे को तेजी से बढ़ावा दिया है। होम स्टे संचालक प्रदेश में आने वाले पर्यटकों को ठहरने को अच्छी सुविधा के साथ राज्य की संस्कृति, परंपरा, खानपान, पहनावे से भी अवगत करा रहे हैं। इस पहचान को हमें गांव से ग्लोबल तक पहुँचाना है। स्थानीय अर्थव्यवस्था और स्वरोजगार को बढ़ावा देने को राज्य सरकार ने होमस्टे योजना की शुरुआत की थी। आज राज्य के दूरदराज गांवों में होमस्टे योजना अपनी एक अलग पहचान बना रही है। राज्य के पांच हजार से अधिक परिवारों ने इस योजना से जुड़कर अपने घरों के द्वार पर्यटकों के लिए खोले हैं। केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय ने राज्य के चार गांवों जखोल, हर्षिल, गूंजी और सूपी को सर्वश्रेष्ठ पर्यटन ग्राम पुरस्कार से भी सम्मानित किया है।
कहा कि राज्य सरकार विभिन्न नीतियों और योजनाओं के माध्यम से स्थानीय अर्थव्यवथा को सशक्त बनाने को काम कर रही है। एक जनपद, दो उत्पाद योजना के माध्यम से लोगों की आजीविका को बढ़ाया जा रहा है। स्थानीय उत्पादों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलाने को राज्य में ‘हाउस ऑफ हिमालयाज ब्रांड की शुरुआत की गई है। स्टेट मिलेट मिशन से राज्य के मिलेट को देश में अलग पहचान भी मिल रही है। तीर्थाटन और पर्यटन राज्य की अर्थव्यवस्था का मजबूत आधार है। राज्य में धार्मिक, साहसिक, ईको-टूरिज्म, वेलनेस टूरिज्म, एग्रो टूरिज्म और फिल्म पर्यटन जैसे विभिन्न क्षेत्रों को तेजी से बढ़ावा दिया गया है। इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी, विधायक डॉ. प्रमोद नैनवाल, सचिव सचिन कुर्वे आदि मौजूद रहे।
स्टेट टास्क फोर्स का होगा गठन
पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि यह संवाद कार्यक्रम हमारे ग्रामीण पर्यटन की दिशा में एक नई सफलता का कदम जोड़ेगा। यह कार्यक्रम केवल एक संवाद ही नहीं, बल्कि हमारे गांवों की आत्मा को वैश्विक पहचान देने की दिशा में एक बड़ा कदम है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विजन और सीएम धामी के विकास के मॉडल का भी एक मजबूत आधार है। कहा कि पर्यटन विभाग ने वर्ष 2024-25 में 317 होमस्टे संचालकों को वित्तीय और प्रबंधन प्रशिक्षण दिया है। वर्ष 2025-26 में सभी जिलों में यह प्रशिक्षण लागू होगा। राज्य में एक समन्वित “स्टेट टास्क फोर्स“ का गठन होगा। इसमें पर्यटन, पंचायती राज, ग्राम्य विकास और स्वास्थ्य विभाग शामिल होंगे।
ब्लॉक स्तर पर हो होम स्टे पंजीकरण की व्यवस्था
होम स्टे को बढ़ावा देने को पंजीकरण की प्रक्रिया को किया जाए सरल
होम स्टे से जुड़े गांवों को सीधे सड़कों से जोड़ने पर किया जाए काम
देहरादून, मुख्य संवाददाता।
संवाद कार्यक्रम में आए होम स्टे संचालकों ने ब्लॉक स्तर पर भी होम स्टे पंजीकरण की व्यवस्था सुनिश्चित किए जाने पर जोर दिया। इसके साथ ही पूरी प्रक्रिया को सरल बनाने की मांग की। ताकि राज्य में होम स्टे को बढ़ावा मिल सके।
पौड़ी जिले से आई होमस्टे संचालक नम्रता कंडवाल ने कहा कि ब्लॉक स्तर पर भी होमस्टे रजिस्ट्रेशन की व्यवस्था बनाई जानी चाहिए। स्कूल और कॉलेजों के छात्र छात्राओं को होमस्टे के टूर पर भी लाया जाए। मुक्तेश्वर नैनीताल से होमस्टे संचालक दीपक बिष्ट ने कहा कि राज्य में ज्यादा से ज्यादा होमस्टे को बढ़ावा देने को इसकी प्रक्रिया को सरल बनाना होगा। लाभार्थियों को बैंकों से आसानी से लोन मिले, इस पर भी काम करने की आवश्यकता है।
चमोली के नरेंद्र सिंह बिष्ट ने कहा विभिन्न होम स्टे को सड़कों से जोड़ना चाहिए। जिससे पर्यटकों को आवाजाही में सुगमता हो और अधिक से अधिक पर्यटक होम स्टे में आ सके। होमस्टे में कचरा प्रबंधन एवं प्लास्टिक के निस्तारण का भी काम होना चाहिए।
लैंसडाउन के विक्की रावत ने कहा कि होमस्टे में अधिक से अधिक सस्टेनेबल आर्किटेक्चर का इस्तेमाल होना चाहिए। राज्य में ही होमस्टे के मॉडल तैयार करने चाहिए। पर्यटन विभाग के माध्यम से अन्य लोगों को भी होमस्टे के नक्शे दिए जा सकते हैं। उत्तरकाशी के अखिल पंत ने कहा कि पर्यटन विभाग को ब्लॉक एवं ग्राम स्तर पर लोगों से मिलकर जागरूकता अभियान चलाया जाना चाहिए। होमस्टे के लिए आयोजित होने वाली कार्यशालाओं का आयोजन भी किसी होमस्टे में ही होना चाहिए।
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