अक्षय तृतीया 30 को: पुण्य, परंपरा और समृद्धि का अबूझ योग
हल्द्वानी में अक्षय तृतीया 30 अप्रैल को मनाई जाएगी। इस दिन जप, तप, दान और पूजा का विशेष महत्व है। तृतीया तिथि 29 अप्रैल को शाम 5:29 पर शुरू होगी। इस दिन भगवान परशुराम का जन्म भी मनाया जाएगा। गंगा...

हल्द्वानी। सनातन धर्म में अक्षय तृतीया को युगादि पर्व का दर्जा प्राप्त है। इस दिन जप, तप, दान और पूजा का अक्षय पुण्यफल मिलता है। इस बार यह पावन तिथि 30 अप्रैल, बुधवार को मनाई जाएगी। तृतीया तिथि का आगमन 29 अप्रैल को शाम 5:29 पर होगा, जो 30 अप्रैल की दोपहर 2:12 तक विद्यमान रहेगी। लेकिन इस बार भगवान परशुराम का जन्म दिवस 29 अप्रैल को प्रथम याम व्यापिनी तृतीया में मनाया जाएगा। ज्योतिषी अशोक वार्ष्णेय ने बताया कि इस दिन सूर्य, मेष और चंद्रमा वृषभ राशि में रहेंगे। सर्वार्थसिद्धि योग, रोहिणी नक्षत्र, शोभन योग, चतुर्थी युक्त तृतीया और बुधवार का संयोग इसे विशेष बना रहा है। अक्षय तृतीया को भगवान परशुराम, हयग्रीव के प्राकट्य दिवस, मां गंगा के अवतरण और सुदामा-कृष्ण मिलन की स्मृति में भी मनाया जाता है। बताया की इस दिन गंगा स्नान और तीर्थ दर्शन से कई गुना पुण्य फल प्राप्त होता है।
भविष्य पुराण के अनुसार सतयुग व त्रेता युग का प्रारंभ भी इसी तिथि को हुआ था। वैवाहिक जीवन, गृहप्रवेश, नव व्यापार, भवन निर्माण जैसे कार्यों के लिए यह अबूझ मुहूर्त है। पूजा का समय सुबह 6:07 से दोपहर 12:37 तक रहेगा। खरीदारी के लिए 5:41 से दोपहर 2:12 तक शुभ काल है। सोना, चांदी, वाहन, भूमि, वस्त्र, फर्नीचर, सेंधा नमक, रूई, मिट्टी के दीपक या घड़े भी खरीदे जा सकते हैं।
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