जन औषधि केंद्र खोलने की रफ्तार धीमी, जगह और स्टाफ की चुनौती
हल्द्वानी में प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र योजना के तहत सात केंद्र खोलने की योजना है, लेकिन केवल एक केंद्र गौलापार कुंवरपुर में खुला है। अन्य छह केंद्रों के लिए जगह और स्टाफ की कमी से समस्याएं आ रही...

- सहकारिता विभाग की योजना अधर में लटकी - गौलापार कुंवरपुर में खुला पहला केंद्र, अन्य छह के लिए प्रयास जारी
हल्द्वानी संवाददाता। सरकारी दवाओं को सस्ती दरों पर आम जनता तक पहुंचाने की केंद्र सरकार की योजना "प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र" को नैनीताल जिले में विस्तार देने की कोशिशें स्टॉफ नहीं मिलने और जगह नहीं मिल पाने के कारण रफ्तार नहीं पकड़ पा रही हैं। सहकारिता विभाग द्वारा जिले में कुल सात जन औषधि केंद्र खोलने की योजना बनाई गई थी। इनमें से केवल एक केंद्र गौलापार कुंवरपुर स्थित सहकारी समिति कार्यालय में शुरू हो पाया है बाकी छह केंद्रों के लिए अभी तक न तो स्थान मिल पाया है और न ही संचालन के लिए फार्मासिस्टों की व्यवस्था हो पाई है।
सहकारिता विभाग की ओर से ग्रामीण क्षेत्रों में किसानों को जेनेटिक दवाइयां पहुंचाने की योजना जन औषधि केंद्रों के संचालन के लिए स्थान नहीं मिलने और बेरोजगार फार्मासिस्टों के नहीं मिलने से परवान नहीं चढ़ पा रही है। विभाग को संचालन के लिए सरकार की ओर से जारी एसओपी में संचालकों को केंद्र में दवा बेचने पर तीन फीसदी का कमीशन दिया जाना है। वहीं विभाग की ओर से संचालित समिति परिसर में ही जन औषधि का संचालन होना है लेकिन रोजगार तलाश कर रहे युवाओं की ओर से कमीशन के तहत कार्य करने की शर्त को ठुकराने के कारण अब तक विभाग बचे हुए छह केद्रों का संचालन शुरु नहीं कर पाया है।
विभाग स्थानीय बेरोजगार युवाओं को रोजगार देने के साथ-साथ आम जनता को सस्ती दवा उपलब्ध कराने की दिशा में प्रयासरत है, इसके लिए हमारे केंद्रों में कुछ आवेदन भी पहुंचे लेकिन कमीशन आधारित भुगतान को लेकर युवा राजी नहीं हैं इसके चलते दिक्कतें आ रही हैं। सरकार की ओर से जारी एसओपी में बदलाव को लेकर प्रयास किए जाएंगे।केंद्रों को लेकर संचालन के लिए स्थान तलाशने की प्रक्रिया जारी है। - डीएस नपल्च्याल, जिला प्रशासक निबंधक नैनीताल।
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