मंडी बाईपास पर अंधेरे से कारोबारियों के साथ किसान और ग्राहक भी परेशान
हल्द्वानी की नवीन मंडी और बाईपास रोड में व्यापारी, किसान और राहगीरों को कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। यहां स्ट्रीट लाइट्स की कमी, लो-वोल्टेज की समस्या और मंडी का गेट देर से खुलने जैसी...
हल्द्वानी। हल्द्वानी की नवीन मंडी और उसके आसपास का क्षेत्र इन दिनों कई बुनियादी समस्याओं से जूझ रहा है, जिससे यहां आने वाले व्यापारी, किसान और आम राहगीर खासे परेशान हैं। ‘बोले हल्द्वानी की टीम ने जब क्षेत्र की समस्याओं का जायजा लिया तो सामने आया कि मंडी के पीछे की बाईपास रोड पर अंधेरा पसरा रहता है, पूरे रूट में कहीं भी सार्वजनिक शौचालय नहीं है, और नवीन मंडी में बिजली की लो-वोल्टेज से कामकाज प्रभावित होता है। इसके साथ ही, मंडी का गेट सुबह देर से खुलने और बाईपास रूट पर कैमरों की कमी से सुरक्षा को लेकर चिंताएं बढ़ गई हैं।
इन समस्याओं के समाधान के लिए स्थानीय लोगों ने प्रशासन से तुरंत कदम उठाने की मांग की है। हल्द्वानी की नवीन मंडी और उससे लगी बाईपास रोड में लंबे समय से काफी समस्याएं हैं, जिससे मंडी में आवाजाही करने वाले लोगों और राहगीरों को काफी दिक्कतें होती हैं। लोगों का कहना है कि मंडी के पीछे की बाईपास रोड पर स्ट्रीट लाइटें न होने से शाम ढलते ही यह रास्ता अंधेरे में डूब जाता है, जिससे दुर्घटनाओं का खतरा बढ़ता है और राहगीर खुद को असुरक्षित महसूस करते हैं। इस पूरे बाईपास पर कहीं भी सार्वजनिक शौचालय की व्यवस्था न होना भी एक बड़ी परेशानी है, खासकर महिलाओं और बुजुर्गों के लिए। नवीन मंडी के भीतर बिजली की लो-वोल्टेज से भी व्यापारी और किसान परेशान हैं, क्योंकि कम वोल्टेज के कारण बिजली से चलने वाले उपकरण ठीक से काम नहीं कर पाते। इसके अतिरिक्त ऑनलाइन कामकाज करने में भी दिक्कतें आती हैं। इसके अलावा, मंडी व्यापारियों ने कहा कि मंडी का मुख्य गेट सुबह काफी देर से खुलता है, जिससे सुबह जल्दी आने वाले किसानों और व्यापारियों को घंटों इंतज़ार करना पड़ता है, जो उनके काम में बाधा डालता है। बाईपास रूट पर सुरक्षा कैमरों का न होना भी चिंता का विषय है, क्योंकि इससे चोरी और अन्य आपराधिक घटनाओं का डर बना रहता है। मंडी व्यापारियों ने प्रशासन से तुरंत इन समस्याओं पर ध्यान देने और बाईपास रोड पर स्ट्रीट लाइटें लगाने, एक शौचालय बनाने, लो-वोल्टेज की समस्या दूर करने, मंडी गेट सुबह 4 बजे खोलने और बाईपास पर कैमरे लगाने की मांग की है। लो-वोल्टेज की समस्या से परेशान लोग: मंडी व्यापारियों ने लो-वोल्टेज की पुरानी समस्या पर चिंता व्यक्त की है। यह समस्या साल भर बनी रहती है और गर्मियों में और भी विकराल रूप ले लेती है। व्यापारियों का कहना है कि सरकार लगातार ऑनलाइन काम करने पर जोर दे रही है, लेकिन कम वोल्टेज के कारण उन्हें अपने दैनिक कामकाज, खासकर ऑनलाइन लेनदेन में भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। व्यापारियों ने बताया कि बिजली के वोल्टेज में उतार-चढ़ाव इतना अधिक होता है कि उनकी दुकानों में पंखे और कूलर जैसे जरूरी उपकरण भी ठीक से काम नहीं कर पाते, जिससे उन्हें और उनके ग्राहकों को परशानी होती है। इस समस्या के कारण न केवल व्यापारियों को शारीरिक परेशानी हो रही है, बल्कि उनके व्यावसायिक कार्यों में भी बाधा आ रही है। बाईपास पर स्ट्रीट लाइट नहीं होने से लोग परेशान : व्यापारियों ने मंडी के पीछे स्थित बाईपास पर स्ट्रीट लाइटों की कमी को लेकर चिंता व्यक्त की है। उनका कहना है कि शाम होते ही इस सड़क पर घना अंधेरा छा जाता है, जिससे राहगीरों और ट्रांसपोर्टरों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है। व्यापारियों ने बताया कि यह बाईपास जंगल से सटा है, जिसके कारण अंधेरे में लोगों को वहां से आवाजाही करने में डर लगता है। शाम होते ही वहां पर नशेड़ी घूमने लगते हैं, जिससे लोगों को सुरक्षित महसूस नहीं होता है। अधिकांश ट्रांसपोर्ट वाहन इसी बाईपास रोड से आते-जाते हैं, और ऐसे में अंधेरे के कारण हादसे होने का डर बना रहता है। विभागीय अधिकारियों को वहां पर स्ट्रीट लाइट लगवानी चाहिए ताकि लोगों को आवाजाही करने में कोई तकलीफ ना हो। घंटों करना पड़ता है इंतजार : नवीन मंडी में सुबह गेट खुलने का समय व्यापारियों के लिए एक बड़ी परेशानी का सबब बन गया है। मौजूदा समय में मंडी का गेट सुबह 6 बजे खुलता है, जबकि कई व्यापारियों का माल तड़के 4 बजे ही मंडी परिसर पहुंच जाता है। ऐसे में, उन्हें और किसानों को भी गेट खुलने का इंतजार करते हुए दो घंटे तक बाहर ही रुकना पड़ता है, जिससे न सिर्फ समय की बर्बादी होती है, बल्कि ताजे माल की गुणवत्ता भी प्रभावित होती है। मंडी व्यापारियों का कहना है कि सुबह के ये दो घंटे बेहद महत्वपूर्ण होते हैं। अगर गेट सुबह 4 बजे ही खोल दिया जाए तो व्यापारी और किसान अपने काम समय पर शुरू कर पाएंगे, जिससे उन्हें काफी सुविधा होगी। सुबह जल्दी कामकाज शुरू होने से भीड़ को भी नियंत्रित करने में मदद मिलेगी। मंडी क्षेत्र की पांच समस्याएं 1. मंडी के पीछे बाईपास रोड पर नहीं हैं स्ट्रीट लाइट। 2. बाईपास रोड में नहीं है शौचालय की व्यवस्था। 3. नवीन मंडी में लो-वोल्टेज की समस्या से लोग परेशान। 4. सुबह देर से खुलता है मंडी का गेट। 5. बाईपास रूट में कैमरे नहीं होने से राहगीर परेशान। लोगों के पांच सुझाव 1. बाईपास रोड पर लगवाई जाएं स्ट्रीट लाइट। 2. बाईपास में कम से कम एक शौचालय का निर्माण किया जाए। 3. लो-वोल्टेज की समस्या का समाधान किया जाए। 4. सुबह चार बजे मंडी का गेट खोला जाए। 5. बाईपास रूट में कैमरे लगाए जाएं। इनकी बात मंडी में लो-वोल्टेज की समस्या बहुत ज्यादा है, ऑनलाइन काम करने में भी दिक्कत आती है और यहां पंखे, कूलर व अन्य बिजली के उपकरण भी अच्छे से नहीं चल पाते हैं। नमित पाठक बाईपास रोड पर स्ट्रीट लाइट की कमी से रात में सामान लाने-ले जाने में बहुत परेशानी होती है। यहां लाइटें लगवाने से रहागीरों की और हमारी सुरक्षा बढ़ेगी और काम करने में भी आसानी होगी। सलीम लो-वोल्टेज की समस्या से हमारे उपकरण सही से काम नहीं करते। सरकार ऑनलाइन काम करने को कह रही है। अगर बिजली की आपूर्ति सुधर जाए तो हम अपना काम अच्छे से कर पाएंगे। सुरेश चंद्र सुबह गेट देर से खुलने से हमारा व्यापार प्रभावित होता है। बड़े व्यापारी और होलसेलर चार बजे तक आ जाते हैं। अगर गेट जल्दी खुले तो हम अपना माल जल्दी बेच सकेंगे और ग्राहकों को भी ताजा सामान मिलेगा। ज्ञान सिंह कैमरे न होने से चोरी और अन्य अपराध का खतरा बना रहता है। पिछले महीने दो दुकानों में चोरी हुई, लेकिन कोई सबूत नहीं मिला। सीसीटीवी कैमरे लगने से सुरक्षा बढ़ेगी और अपराधियों पर नज़र रखी जा सकेगी। दीपक पाठक बाईपास रोड पर अंधेरे में गाड़ी चलाना बहुत खतरनाक है। कई बार तो बड़े हादसे होते-होते बचे हैं। स्ट्रीट लाइट लगने से रात में भी सुरक्षित यात्रा कर पाएंगे और माल की आवाजाही में भी आसानी होगी। जगदीश बिनवाल सुबह का समय हमारे लिए सबसे महत्वपूर्ण होता है। गेट देर से खुलने के कारण हम बड़े शहरों से आने वाले व्यापारियों को समय पर सामान नहीं दे पाते। अगर चार बजे से गेट खुलने लगे तो हमारा व्यापार बढ़ेगा। नवीन चंद्र बाईपास रोड पर अंधेरे में ट्रक और अन्य वाहन चलाना जान जोखिम में डालने जैसा है। स्ट्रीट लाइट लगने से सड़क हादसों में कमी आएगी और हमारा कारोबार सुचारू रूप से चल पाएगा। रियाज खान काफी सुधार की जरूरत है, लेकिन सबसे पहले लो-वोल्टेज और स्ट्रीट लाइट की समस्या का समाधान होना चाहिए। इसके बाद कैमरे लगवाए जाएं। इन तीनों से मंडी की सुरक्षा और व्यापार दोनों को बढ़ावा मिलेगा। सिजायद खान रात में बाईपास रोड से गुजरने में डर लगता है। कोई स्ट्रीट लाइट नहीं है और हमें मोबाइल की टॉर्च से काम चलाना पड़ता है। कई बार तो गड्ढों में गिरकर चोट भी लगी है। स्ट्रीट लाइट लगाना जरूरी है। कैलाश जोशी शाम को जब हम बाईपास रोड से वापस जाते हैं तो वहां इतना अंधेरा रहता है कि कुछ दिखता ही नहीं। वहां से आने-जाने में भी डर लगता है। रास्ते में कुछ स्ट्रीट लाइट तो होनी ही चाहिए। जीवन कार्की मंडी से आते-जाते हमें बाईपास रोड से ही गुजरना पड़ता है। शौचालय न होने से बहुत दिक्कत होती है, खासकर महिलाओं के लिए। लोगों को खुले में जाना पड़ता है, जो बहुत असहज है। नीरज गर्ग सुबह 4 बजे हमारा माल मंडी पहुंच जाता है, लेकिन गेट देर से खुलने के कारण माल उतारने के लिए घंटों इंतजार करना पड़ता है। इससे समय बर्बाद होता है और माल भी खराब होने का खतरा रहता है। मनोहर मेहरा लो-वोल्टेज के कारण दुकान का ऑनलाइन काम ठीक से नहीं हो पाता है। ऑनलाइन भुगतान और हिसाब-किताब में बहुत दिक्कत आती है। लो-वोल्टेज की समस्या का समाधान किया जाए। जगजीत सिंह बाईपास रोड पर स्ट्रीट लाइट व कैमरे नहीं होने के कारण आपराधिक गतिविधियां बढ़ रही हैं। अगर स्ट्रीट लाइट व कैमरे होते तो कम से कम आपराधिक गतिविधि करने वालों पर लगाम लगाई जा सकती है। नंदन सिंह लो-वोल्टेज के कारण हमारे कंप्यूटर और अन्य मशीनें ठीक से काम नहीं करतीं। ऑनलाइन पेमेंट लेने में भी दिक्कत आती है, जिससे ग्राहकों को भी परेशानी होती है। कुंदन नेगी हमारा माल सुबह जल्दी मंडी पहुंच जाता है लेकिन गेट देर से खुलता है। जिसकी वजह से बाहर ही घंटों इंतजार करना पड़ता है, जिससे हमारा कीमती समय खराब होता है। मनोज मेलकानी बाईपास रोड पर कैमरे न होने से यहां चोरी और छीना-झपटी की घटनाएं बढ़ गई हैं। रात में अकेले निकलने में डर लगता है। सुरक्षा के लिए कैमरे बहुत ज़रूरी हैं। हेमचंद्र आजकल सब कुछ ऑनलाइन हो रहा है, लेकिन लो-वोल्टेज के कारण इंटरनेट और कंप्यूटर ठीक से नहीं चल पाते। इससे हमारे ग्राहकों से संपर्क टूट जाता है और व्यापार में नुकसान होता है। सुरेंद्र कुमार यह रास्ता बच्चों और महिलाओं के लिए सुरक्षित नहीं है। अंधेरे के साथ कैमरे नहीं होने की वजह से बदमाशों का डर लगा रहता है। हमें डर-डर के चलना पड़ता है। अराजक तत्व यहां हुड़दंग करते हैं। विपिन जोशी
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