पार्टी निकाला के बाद भी आरजेडी के विरोध में नहीं जा सकते तेज प्रताप, सदन में होगा अलग सीटिंग अरेंजमेंट
पार्टी से निकाले गए राजद विधायक तेज प्रताप यादव तकनीकी तौर पर अब असम्बद्ध सदस्य हो जाएंगे। हालांकि वे किसी और दल में शामिल नहीं हो सकते हैं। ऐसा करने पर दल-बदल कानून के तहत उनकी सदस्यता जा सकती है। जल्द ही राजद की ओर से विधानसभा को तेज प्रताप के पार्टी से निष्कासन की जानकारी दी जाएगी।

राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) चीफ लालू प्रसाद यादव ने अपने बड़े बेटे और विधायक तेज प्रताप यादव को 6 साल के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया है। उन्होने एक्स पर अपने फैसले की जानकारी देते हुए लिखा कि उनके बड़े बेटे की गतिविधि, लोक आचरण और गैर ज़िम्मेदाराना व्यवहार हमारे पारिवारिक मूल्यों और संस्कारों के अनुरूप नहीं है। इसलिए उन्हें पार्टी और परिवार से अलग किया जाता है।
जिसके बाद पार्टी से निकाले गए राजद विधायक और पूर्व मंत्री तेज प्रताप यादव तकनीकी तौर पर अब असम्बद्ध सदस्य हो जाएंगे। हालांकि वे किसी और दल में शामिल नहीं हो सकते हैं। ऐसा करने पर दल-बदल कानून के तहत उनकी सदस्यता जा सकती है। इसलिए पार्टी से निकाले जाने के बाद भी राजद के विरोध में नहीं जा सकते हैं।
जानकारी के मुताबिक जल्द ही राजद की ओर से विधानसभा को तेज प्रताप के पार्टी से निष्कासन की जानकारी दी जाएगी। इसके बाद विधानसभा में तेज प्रताप के बैठने की व्यवस्था अलग से की जाएगी। उनकी सीट तय की जाएगी, हालांकि व्हीप जारी होने पर तेज प्रताप को राजद के पक्ष में ही वोट करना होगा। आपको बता दें शनिवार को तेज प्रताप यादव के फे़सबुक अकाउंट से एक तस्वीर पोस्ट की गई थी।
हालांकि कुछ ही देर बाद उस फोटो को डिलीट कर दिया गया। जिसके बाद देर रात तेज प्रताप ने एक्स पर सफाई देते हुए लिखा कि सोशल मीडिया हैंडल को हैक कर लिया गया है और उन्हें बदनाम और परेशान करने की कोशिश की जा रही है। वहीं इस मामले पर सियासी घमासान मचा हुआ है। बीजेपी समेत एनडीए के सहयोगी दल लालू यादव पर हमलावर हैं।
भाजपा सांसद डॉ. संजय जायसवाल ने कहा है कि लालू प्रसाद और उनकी पत्नी राबड़ी देवी ने एक साथ तीन जिंदगियों को तबाह किया। वे दोनों अच्छी तरह जानते थे कि उनका पुत्र तेज प्रताप यादव किसी और लड़की से शादी करना चाहता है। इसके बाद भी यादव समाज में अपनी प्रतिष्ठा बढ़ाने के लिए उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री दारोगा राय प्रसाद की पोती के साथ अपने बेटे की शादी जबरदस्ती कराई। इसके बाद बिहार की बेटी अपनी बहू को को जलील करके अपने घर से निकाला भी। आज वे केवल इसलिए तेज प्रताप को घर से निकालने का नाटक कर रहे हैं, क्योंकि पुत्र के तलाक का केस अब भी चल रहा है।
वहीं जीतन राम मांझी ने कहा कि लालू परिवार हर फैसला सियासी नफा–नुकसान को देखकर करता है। अगर बिहार में चंद महीनों बाद चुनाव नहीं होने होते तो लालू यादव अपने बड़े लाल तेजप्रताप यादव को सीने से लगाए बैठे होते।