बोले हरिद्वार : रमा विहार में गंदे पानी की निकासी नहीं होने से बीमारी फैलने का खतरा
हरिद्वार के जमालपुर कलां ग्राम पंचायत में दो साल से गंदे पानी की निकासी की व्यवस्था नहीं है। लोग गंदे पानी के कारण संक्रामक बीमारियों के खतरे का सामना कर रहे हैं। स्थानीय निवासियों ने कई बार शिकायत...
जमालपुर कलां ग्राम पंचायत मधु और रमा विहार को नगर निगम हरिद्धार में शामिल होने के दो साल बाद यहां पर ग्राम पंचायत जैसी भी सुविधा नहीं है। दो साल पहले निगम का हिस्सा बनी इन कॉलोनियों में गंदे पानी की निकासी के लिए नाला नहीं बनाया गया है। गंदा पानी खाली प्लॉटों में जमा हो रहा है या फिर सड़कों पर बह रहा है। जिस कारण सड़कें टूटकर गड्ढ़ों में तब्दील हो रही है। सड़कों से गुजरने वाले राहगीर गंदे पानी से बेहद परेशान हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि खाली प्लॉटों में जमा गंदा पानी ग्रामीणों में संक्रामक बीमारी फैलने का डर पैदा कर रहा है। लोगों ने कई बार निगम कार्यालय में शिकायत दर्ज कराई, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। हरिद्वार से प्रवीण कुमार पेगवाल की रिपोर्ट...
खाली प्लॉटों में बारिश और नालियों का पानी जमा हो रहा है। इससे उठ रही दुर्गंध से पास में ठहरना तक मुश्किल हो रहा है। साथ ही मच्छर पनपने से संक्रामक बीमारियां बढ़ने की संभावना है। इसके बाद भी जिम्मेदार अनदेखा कर रहे हैं। ऐसे में लोगों को मलेरिया और डेंगू जैसी बीमारियां फैलने का खतरा सता रहा है। स्थानीय लोगों ने नगर निगम के अधिकारियों से कई बार शिकायत की है, लेकिन अधिकारी ध्यान नहीं दे रहे हैं। इस वार्ड में 800 से ज्यादा लोग निवास करते हैं। निगम प्रशासन से लगातार मांग की जा रही है कि सड़क के किनारे बड़ा नाला निर्माण कराया जाए। लेकिन कोई सुनवाई नहीं है। उन्होंने बताया कि जो नालियां है भी वह कूड़े करकट से चोक होने के कारण पानी खाली पड़े प्लॉटो में ही भरा रहता है। निगम इन नालियों की समय से सफाई तक नहीं कराता है। क्षेत्रों में भी कीटनाशक का छिड़काव नहीं कराया गया जाता है। कई बार स्थानीय लोगों ने एकत्रित होकर खुद ही नालियां साफ की है। लोगों का कहना है कि नगर निगम प्रशासन की उदासीनता का खामियाजा लोगों को भुगतना पड़ रहा है। कॉलोनी में यह समस्या ग्राम पंचायत के समय और अब निगम में आने के बाद भी करीब दो सालों से बनी हुई है। लोगों का कहना है कि निगम और स्थानीय जनप्रतिनिधि से लेकर मुख्यमंत्री तक शिकायत कर चुके हैं। बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। जिससे लोगों को भारी परेशानियां उठानी पड़ रही हैं।
कॉलोनियों में चलता है स्वच्छता सर्वेक्षण अभियान
निगम की कॉलोनियों को साफ सुथरा रखने के लिए निगम स्वच्छता सर्वेक्षण अभियान चलाता है। इसके बावजूद स्थिति में सुधार नहीं आ रहा। निगम की कॉलोनियों की स्थिति गांव की नालियों से भी बदतर है। स्वच्छता के नाम पर लगातार सरकार तो अभियान चलाती है। निगम के कर्मचारी भी सफाई करते है। लेकिन जमीनी स्तर पर इनका असर देखने को नहीं मिलता। वर्तमान में दोनों कॉलोनियों में गंदा पानी जमा होने के कारण अस्वच्छता पसरी हुई है। विभागीय अधिकारियों की तरफ स्वच्छता सर्वेक्षण की ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। इस कारण स्थानीय लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
रेलवे फाटक से सटी कॉलोनी का आता है गंदा पानी
रेलवे फाटक से सटी कॉलोनी का पानी भी रमा कॉलोनी के पीछे बंजर भूमि से होता हुआ अंदर की छोटी छोटी नालियों में मिल जाता है। यही गंदा पानी लोगों के घरों से सटी पड़ी खाली भूमि में जमा हो रहा है। गंदे पानी की निकासी से निजात पाने के लिए नगर निगम और स्थानीय विधायक, पार्षद को शिकायत की गई। लेकिन कोई भी इस तरफ ध्यान नहीं दे रहा है। सर्दी हो या गर्मी शाम होते ही मच्छरों का प्रकोप लोगों के ऊपर शुरू हो जाता है। एक बार शाम को घर का दरवाजा खुला नहीं की घरों में मधुमक्खियों की तरह मच्छर घुस जाते हैं। अभी से लोग रात भर मच्छरों के कारण सो तक नहीं पाते हैं।
25 से ज्यादा कॉलोनियों के लोगों को मिलेगा लाभ
फ्लाईओवर के नीचे स्पोर्ट्स जोन युवाओं के खेलने के लिए बनाया गया है। इससे युवाओं के स्वास्थ्य पर बेहतर असर पड़ेगा। स्थानीय लोगों कहना है कि यह भी एक तरह की युवाओं को बेहतर सुविधा दी गई है। ठीक इसी तरह स्थानीय लोगों को भी बारात घर की सुविधा दी जाए। उत्तरी हरिद्वार में उत्तम बस्ती, श्रद्धापुरम, जीडी पुरम, सत्यम विहार, गायत्री विहार, इंद्र एन्क्लेव फेस-टू, पीपल वाली गली, भागीरथी नगर, ओम विहार, हर्ष विहार, रानीगली, शिव नगर, साईंगली, एसडी पुरम, जसवेंद्र एन्क्लेव, साधुवेला, सप्तऋषि आदि 25 से ज्यादा कॉलोनियों और वार्डों के लोगों की समस्या दूर होगी।
क्षेत्र के खाली प्लॉट अब लगने लगे हैं छोटे तालाब
कॉलोनी में कई खाली प्लॉट ऐसे हैं, जहां बारिश और रोज घरों से निकलने वाला गंदा पानी भरा रहता है। स्थिति यह है कि खाली पड़े प्लाट गंदे पानी से छोटे तालाब में तब्दील हो गए हैं। इनमें मच्छरों से किटाणु पनपने के साथ दुर्गंध भी लोगों की परेशान का कारण बन रही है। गंदा पानी भी बीमारियों को आमंत्रण देता है। इस ओर ध्यान दिया जाना चाहिए।
जनप्रतिनिधियों के प्रति लोगों में भारी आक्रोश
स्थानीय लोगों का कहना है कि चुनाव के दौरान जनप्रतिनिधि उनकी हर समस्या ओर सुख दुख में खड़े होने के बड़े-बड़े दावे करते हैं। गंदे पानी की निकासी को नाले का निर्माण उनकी प्राथमिकता में होता है। लेकिन चुनाव जीतने के बाद जनता के चुने जनप्रतिनिधि उनकी समस्या सुनना तो दूर, कॉलोनी की तरफ आकर देखते तक नहीं है। इससे लोगों को भारी आक्रोश व्याप्त है।
दो साल से नहीं कराया कीटनाशक दवाओं का छिड़काव
स्थानीय लोगों का कहना है कि उनको नगर निगम का हिस्सा बने करीब दो साल का समय हो गया है। लेकिन इस अवधि में नगर निगम, पार्षद और न ही स्थानीय विधायक ने कीटनाशक दवाओं का छिड़काव तक नहीं कराया है। जबकि गंदे पानी से उठने वाली बदबू और मक्खी-मच्छरों से लोगों को होने वाली समस्या को लेकर कई बार पत्र लिखे जा चुके हैं और कितनी बार मौखिक रूप से जनप्रतिनिधियों एवं नगर निगम को शिकायत दर्ज करा चुके हैं। उसके बाद भी कोई जनप्रतिनिधि अथवा अधिकारी उनकी इस समस्या को सुनने वाला नहीं है।
हरिद्वार है स्वच्छता सर्वेक्षण की गंगा टाउन श्रेणी में
स्वच्छता सर्वेक्षण की गंगा टाउन श्रेणी में देशभर के 75 शहरों में हरिद्वार नगर निगम को वर्ष 2022 में प्रथम स्थान मिला है। एक अक्तूबर को राष्ट्रपति भवन में आयोजित समारोह में नगर निगम के अधिकारियों को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू पुरस्कार नवाजा गया था।
सुझाव
1. निगम को नाला बनाने के लिए बोर्ड बैठक में प्रस्ताव लाना चाहिए, प्रस्ताव पर मुहर लगा नाले का निर्माण कराया जाए।
2. निगम के किसी भी व्यक्ति की शिकायत को अधिकारी गंभीरता से ले।
3. रिहायशी इलाकों में पिछले दो साल में गंदे पानी की निकासी को नाला न बनाना अधिकारियों की कार्यशैली पर प्रश्नचिन्ह है।
4. निगम को क्षेत्र की अनदेखी नहीं करनी चाहिए। अधिकारी कॉलोनी का सर्वे कर रिपोर्ट बनाए।
5. निगम के पिछले दो वर्षों में कॉलोनी के अंदर विकास कार्य होने चाहिए थे।
शिकायतें
1. निगम में नाला बनाने को लेकर स्थानीय लोग कई बार निगम के चक्कर लगा चुके हैं। अधिकारी इसमें दिलचस्पी नहीं दिखा रहे हैं।
2. नाला नहीं होने के कारण घरों से निकला गंदा पानी सड़कों या खाली पड़े प्लाटों में जमा हो रहा है।
3. पिछले दो वर्षों में निगम की तरफ से कॉलोनी में गंदे पानी की निकासी के लिए नाले निर्माण को लेकर कोई तैयारी तक नहीं की गई।
4. नाले नहीं बनने के कारण लोगों में आक्रोश है। निगम को शिकायत की और अधिकारी मौके पर नहीं आए।
5. पिछले दो जनप्रतिनिधियों ने कॉलोनी में नाले बनाने में कोई दिलसचस्पी नहीं दिखाई है।
बोले लोग
बारिश के दिनों में नालियों के न होने से पानी सड़क पर बहने की समस्या और ज्यादा विकट हो जाती है। पानी निकासी की व्यवस्था नहीं होने के कारण जल भराव की स्थिति हो जाती है। -रेनू
कॉलोनी में करीब चार मोहल्ले हैं। एक मोहल्ले में करीब 200 परिवार रहते हैं। यह दूर तक फैले हुए हैं। कॉलोनी वाले खुद सफाई न करें तो ऐसा कोई रास्ता नहीं बचा जहां पर गंदा पानी न बहता हो। -प्रीत टाक
सड़क पर गंदा पानी आने पर यह समस्या न केवल यातायात व्यवस्था को बाधित करती है। बल्कि स्थानीय लोगों के स्वास्थ्य और पर्यावरण पर भी नकारात्मक प्रभाव डाल रही है। अधिकारियों को संज्ञान लेना चाहिए। -एकता
गड्ढों में जमा हुए पानी में मच्छर पनपते हैं। जिनके काटने से लोग मलेरिया सहित अन्य बीमारियों की चपेट में आ सकते हैं। खाली प्लॉटों में जमा पानी में मच्छर रोधी दवाओं का छिड़काव होना चाहिए। -अनिता
यह समय गर्मी का है। ऐसे में खाली पड़े प्लॉटों में भरे गंदे पानी में मक्खी मच्छरों का प्रकोप बढ़ जाएगा। यह बीमारी को जन्म देगी और लोगों के स्वास्थ्य पर बुरा असर डालेंगी। -बीना देवी
कई बार निगम के अधिकारी को शिकायत की लेकिन वह मौके पर जाकर सर्वे तक नहीं कर पाते हैं। नाली का निर्माण कब तक होगा। इसके बारे में कोई सटीक जवाब नहीं मिलता है। -लीलावती
खाली पड़े प्लॉटों में गंदा पानी भरा होने से कॉलोनी में बीमारी फैलने की आशंका भी बनी हुई है। स्थानीय लोगों की शिकायत के बाद भी जलनिकासी की कोई व्यवस्था निगम की तरफ से नहीं हो पा रही है। -सुरेंद्र शर्मा
गंदे पानी की निकासी की समुचित व्यवस्था नहीं हो पाने के कारण ग्रामीणों को भारी परेशानियों का सामाना करना पड़ रहा है। कई दिनों से गंदा पानी जमा होने के कारण इसमें से बदबू भी आने लगी है। -मुन्नी देवी
खाली पड़े प्लॉटों में जब निर्माण कार्य होता है तो गंदा पानी सड़कों पर बहने लगता है। बच्चे गंदे पानी में खेलते हैं तो वह बीमार पड़ जाते हैं। लोगों की समस्या को देखते हुए जल्दी नालियों का निर्माण किया जाए। -मीना शर्मा
जब तक निगम या स्थानीय विधायक, जिला पंचायत, सांसद निधि से कार्य नहीं होगा। तब तक कि यहां की स्थिति सुधरने वाली नहीं है। इस कॉलोनी में 800 लोग निवास करते हैं। -सुनीता अग्रवाल
कब तक कॉलोनी के लोग नरकीय जीवन जीने के लिए मजबूर होंगे। हम लोगों को मूलभूत सुविधा मिलनी चाहिए। पानी निकासी का इंतजाम नहीं होने से गंदा पानी सड़क पर आ जाता हैं। -सतपाल सिंह
पिछले दो सालों से पक्के नाले निर्माण की मांग की जा रही है। लेकिन कोई नहीं सुन रहा है। खाली पड़े जमीन के साथ पूरे वार्ड में साफ-सफाई के अभाव में जगह-जगह गंदगी फैली पड़ी हैं। - पंडित मोहन शास्त्री
बोले जिम्मेदार
सहायक नगर आयुक्त रविंद्र सिंह दयाल का कहना है कि कॉलोनी में गंदे पानी की निकासी के लिए नाला जरूरी है। लेकिन नाला निर्माण को किसी व्यक्ति की तरफ से शिकायत नहीं मिली है। इस संबंध में अधीनस्थ कर्मचारियों को मौके पर भेजकर रिपोर्ट मंगाई जाएगी। रिपोर्ट के आधार पर ही कुछ कहा जा सकता है।
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