सुकरासा पुल पर गरमाई सियायत, पूर्व कैबिनेट मंत्री ने किया पुल की स्वीकृति का दावा
हरिद्वार ग्रामीण विधानसभा में सुकरासा पुल को लेकर सियासत तेज हो गई है। कांग्रेस विधायक अनुपमा रावत और पूर्व कैबिनेट मंत्री स्वामी यतीश्वरानंद दोनों ने पुल की स्वीकृति का दावा किया है। यतीश्वरानंद ने...

हरिद्वार ग्रामीण विधानसभा में सुकरासा पुल को लेकर सियासत गरमा गई है। एक दिन पहले कांग्रेस विधायक अनुपमा रावत ने दावा किया था कि उनके प्रस्ताव पर पुल की स्वीकृति मिली है और इससे ग्रामीण क्षेत्र की जनता को लाभ होगा। रविवार को एक कार्यक्रम में शिरकत करने पहुंचे पूर्व कैबिनेट मंत्री स्वामी यतीश्वरानंद ने भी दावा किया कि उनके प्रस्ताव पर पुल की स्वीकृति मिली है। उन्होंने 2022 के चुनाव में भी जनता से वादा किया था कि वो चुनाव जीतें या हारें, लेकिन सुकरासा पुल का निर्माण का कार्य जरूर कराएंगे। प्रदेश में उनकी सरकर बनी और उनके प्रस्ताव पर ही अधिकारियों ने सुकरासा पुल का एस्टीमेट बनाकर शासन में भेजा।
उन्होंने मुख्यमंत्री से मिलकर पुल की स्वीकृति दिलाई। उनके पास इसके प्रमाण भी हैं और समय समय पर सोशल मीडिया के माध्यम से इसकी जानकारी भी दी। विधायक अनुपमा रावत पर तंज कसते हुए उन्होंने कहा कि वो उनके प्रस्तावों को अपना बताकर जनता को भ्रमित कर रही हैं। विधानसभा में और भी कई कार्य हैं। वो इंटर कॉलेज, डिग्री कॉलेज और यूनिवर्सिटी बनवाए लेकिन किसी और के कामों को अपना बताने का कार्य न करें। स्वामी यतीश्वरानंद ने कहा कि 2021 में उन्होंने लालढांग क्षेत्र में भी एक पुल के लिए बजट जारी कराया था, लेकिन वन विभाग की आपत्ति के कारण उस पुल का निर्माण नहीं सका। बहुत जल्द ही वो उस आपत्ति को कटवाकर पुल का निर्माण कार्य शुरू करेंगे। जल्द ही प्रभारी मंत्री को बुलाकर बड़ा कार्यक्रम करेंगे।
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