Water Crisis in Kanakhal Residents Struggle Despite Overhead Tanks बोले हरिद्वार : कनखल क्षेत्र में पीने के पानी की समस्या से जूझ रहे लोग, Haridwar Hindi News - Hindustan
Hindi NewsUttarakhand NewsHaridwar NewsWater Crisis in Kanakhal Residents Struggle Despite Overhead Tanks

बोले हरिद्वार : कनखल क्षेत्र में पीने के पानी की समस्या से जूझ रहे लोग

कनखल के पीठ बाजार और आसपास की कॉलोनियों में 20 हजार से ज्यादा लोगों को पीने के पानी की समस्या का सामना करना पड़ रहा है। अधिकारियों की अनदेखी के चलते, लोग पानी खरीदने को मजबूर हैं। नए पाइपलाइन के...

Newswrap हिन्दुस्तान, हरिद्वारTue, 20 May 2025 08:12 PM
share Share
Follow Us on
बोले हरिद्वार : कनखल क्षेत्र में पीने के पानी की समस्या से जूझ रहे लोग

तीन ओवरहेड टैंक से भरपूर पानी की सप्लाई होने के बावजूद कनखल के पीठ बाजार समेत कई रिहायशी कॉलोनियों में पीने के पानी की समस्या है। यहां रहने वाले 20 हजार से ज्यादा लोग परेशान हैं। स्थानीय लोगों कहना है कि करीब 15 वर्ष पहले पानी आसानी से पहली, दूसरी और तीसरी मंजिल तक पहुंच जाता था। आज नई पाइप लाइन डालने के बावजूद बिना मोटर के पानी पहली मंजिल तक नहीं पहुंचता है। स्थानीय लोगों कहना है कि बैरागी कैंप, महिला मिलन आश्रम, टूरिस्ट बंगला, ज्ञान लोक में पानी की बड़ी ट्यूबवेल और बूस्टर पाइप लगे हैं। इसके बावजूद स्थिति बेहद खराब है। छतरी वाला कुआं, इमली मोहल्ला, सती घाट, पहाड़ी बाजार में लगे ठंडे पानी के कुएं भी बंद कर दिए गए हैं। हरिद्वार से प्रवीण कुमार पेगवाल की रिपोर्ट...

गर्मी बढ़ने से पीने के पानी की समस्या भी लगातार बढ़ती जा रही है। कनखल पीठ बाजार क्षेत्र में 20 हजार से ज्यादा स्थानीय लोग और व्यापारी रहते हैं। कनखल में तीन स्थानों से पीने के पानी की आपूर्ति की जाती है। लोगों का आरोप है कि पानी उनके घरों तक नहीं पहुंच रहा है। अधिकारी इसका जवाब देने को तैयार नहीं है। कनखल पीठ बाजार में जगह-जगह पानी के नल लगे हुए थे। उन नलों को भी बंद कर दिया गया। बाहरी राज्यों से आने वाले हजारों श्रद्धालुओं को पानी खरीद कर पीना पड़ रहा है। स्थानीय लोगों कहना है कि यहां आश्रमों की संख्या अधिक है। उनमें बड़े पैमाने पर पानी की मोटर लगी है। ऐसे में, कनखल पीठ बाजार तक पहुंचने वाला पानी आश्रमों तक सिमट कर रह जाता है। सुबह 6:30 बजे पानी आने के बाद 8:00 तक बंद कर दिया जाता है। स्थानीय लोगों कहना है कि बैरागी कैंप, टूरिस्ट बंगला और महिला मिलन आश्रम से कनखल को पानी की आपूर्ति की जाती है। फिर भी पानी के लिए तरसना पड़ रहा है। शिकायत करने के बाद भी अधिकारियों ने कभी इसका संज्ञान नहीं लिया है।

स्थानीय लोगों कहना है कि दक्ष प्रजापति मंदिर रोड, संदेश विहार, मोहल्ला शिवपुरी, कुम्हार गढ़ा, हनुमानगढ़ी, गुरु बख्श विहार समेत कई कालोनी के लोग परेशान हैं। आरोप है कि आधिकारिक और कर्मचारी ट्यूबवेल या पाइप-लाइन की स्थिति का मौका मुआयना तक नहीं करते हैं। केवल लाइनमैन के भरोसे रहते हैं। कहा कि अमृत योजना के तहत कनखल क्षेत्र में नई पाइप-लाइन डाली गई थी। कहां और किस क्षेत्र में डाली गई है कुछ पता नहीं है। मौखिक और लिखित शिकायत करने पर अधिकारी ने कभी मौके पर नहीं जहमत तक नहीं उठाई है। स्थानीय लोगों ने कहा कि अधिकारी बड़े नेता की सिफारिश आने पर कुछ हद तक समस्या का समाधान करते हैं। आम आदमी के लिए अधिकारियों के पास समय तक नहीं है।

सुझाव

1. पीने के पानी की समस्या मूलभूत सुविधाओं में शामिल है। लोगों की शिकायत पर जल संस्थान के अधिकारियों को तत्काल संज्ञान लेना चाहिए।

2. आजादी के समय से बने पानी के कुओं को पहले की अपेक्षा सुचारू करने चाहिए। ताकि स्थानी और बाहरी राज्यों से आने वाले लोगों को पानी खरीदकर न पीना पड़े।

3. कनखल क्षेत्र में नगर पालिका की समय से लगे सार्वजनिक नल (प्याऊ) को एक फिर सुचारू करना चाहिए। ताकि लोगों को पानी की समस्या से निजात मिल सकें।

4. हरिद्वार-रुड़की विकास प्राधिकरण ने कई पानी के कुओं को बंद कर उनके ऊपर लोगों के बैठने के लिए स्थान बना दिया। जबकि यहां पानी की समस्या रहती है। इनको हटाकर दोबारा पानी के स्त्रोत बनाएं जाए।

5. जल संस्थान को कनखल पीठ बाजार का सर्वे कराकर पानी की सप्लाई स्थानीय लोगों तक पहुंचाए। ताकि पानी की समस्याओं से निजात मिल सके।

शिकायतें

1. वर्ष 2021 में कुंभ के दौरान ठंडे पानी के कुओं को बंद कर हरिद्वार-रुड़की विकास प्राधिकरण ने सौंदर्यीकरण कर दिया है। अगर यह पानी के कुएं दोबारा संचालित कर दिए जाए। तो यहां पर पानी की कमी नहीं रहेगी।

2. आम जनता अधिकारियों के कागजों की इस समस्या में उलझ कर रह गई है। आखिर चार-चार ओवरहेड टैंक होने के बावजूद भी उनको पानी क्यों नहीं मिल रहा है।

3. एक नहीं 10-10 शिकायत जल संस्थान के अधिकारी, विधायक, सांसद, सीएम पोर्टल तक की जा चुकी है। लेकिन समाधान एक का नहीं हो सका है।

4. छतरी वाला कुंआ, इमली मोहल्ला, सती घाट, पहाड़ी बाजार में लगे ठंडे पानी के कुएं भी बंद कर दिए गए हैं।

5. लोग पीने के पानी को लेकर समस्या से गुजर रहे हैं। लेकिन अधिकारी है कि न तो उनका फोन उठाते हैं और न ही कार्यालय में जाकर उनको कोई सटीक जवाब देते हैं।

बोले जिम्मेदार

अधिशासी अभियंता विपिन चौहान का कहना है कि कनखल क्षेत्र में पेयजल समस्या की कोई शिकायत अभी तक नहीं मिली है। इस संबंध में कर्मचारियों को मौके पर भेज कर निरीक्षण कराया जाएगा। हैंडपंप के काम पेयजल निगम करता है। लोगों की पानी से संबंधित समस्या का समाधान किया जाएगा। कोई टेक्निकल कमी होगी तो उसे भी दूर किया जाएगा। लोगों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराना विभाग की प्राथमिकता है।

लोगों को पर्याप्त पानी के लिए बने कुएं कर दिए गए बंद

लगभग 15 साल पहले कनखल क्षेत्र में जगह-जगह यात्रियों की सुविधाओं के लिए आजादी के समय बनाए गए सरकारी नल (प्याऊ) लगे हुए थे। लेकिन अब एक भी नल नहीं दिखाई देते हैं। या तो वह बंद कर दिए गए हैं या उन्हें उखाड़ दिया गया है। अब ऐसी स्थिति में श्रद्धालु कनखल क्षेत्र में आते हैं। उन्हें पानी के लिए दर-दर भटकना पड़ता है या फिर बाजार से लेकर खरीद कर पीना पड़ता है। सरकारी नल (प्याऊ) की सुविधा न होने से लोगों के साथ ही कई बार पशु-पक्षियों को भी पानी नहीं मिल पाता। स्थानीय लोगों कहना है कि कनखल के मुख्य चौक चौराहों पर जनसंख्या के हिसाब से कुए बनाएं गए थे। ताकि लोगों को पीने के पानी की समस्या का सामना नहीं करना पड़े। कनखल से श्रद्धालु गलत संदेश लेकर न जाए जरूरी है कि संबंधित विभाग चुनिंदा स्थानों पर सार्वजनिक नलों के लगाने की व्यवस्था करें।

जनता के लिए जगह-जगह लगाए गए नल हो गए गायब

बंगाली अस्पताल रोड से चौक बाजार कनखल और चौक बाजार से सतीघाट, दक्ष रोड, ज्वालापुर रोड, वाल्मिकी बस्ती, मिशन रोड समेत चौक चौराहा पर लगे 70 से ज्यादा सार्वजनिक नल (प्याऊ) दिखाई नहीं देते। इन नलों को लोगों की सुविधाओं को देखते हुए जगह-जगह लगाएं थे। ताकि उन्हें पीने के पानी के लिए भटकना न पड़े लेकिन सार्वजनिक नलों के हटाने से लोगों को पीने के पानी के लिए इधर-उधर भटकना पड़ता है। नगर पालिका के दौरान लगे यह नल (प्याऊ) स्थानीय लोगों और बाहरी राज्यों से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए मुफीद साबित होते थे। आज यह नल (प्याऊ) या तो नगर निगम या जल संस्थान, जिला-प्रशासन ने हटा दिए या फिर लोगों ने इनको तोड़ दिया गया। स्थानीय लोगों कहना है कि गर्मी में लोगों के पीने के पानी और पशुओं के लिए यह नल काफी कारगर थे।

बीस शिकायतों के बाद भी संज्ञान न लेने पर व्यापारियों में आक्रोश

स्थानीय व्यापारियों का कहना है कि करीब 20 शिकायत करने के बावजूद एक महिला अधिकारी क्षेत्र का निरीक्षण करती है। लोगों की समस्या का समाधान करने का दावा किया जाता है। करीब 15 दिन अधिकारियों के संपर्क में रहा जाता है और जल्दी ही इस पीने के पानी की समस्या समाधान करने का आश्वासन दे दिया जाता है। लेकिन उस आश्वासन को करीब डेढ़ साल बीत चुका है। इसके बावजूद न तो महिला अधिकारी अब लोगों को सटीक जवाब दे पाती है और ने ही उच्च अधिकारी इसमें बोलने को तैयार है। रोजाना पानी की समस्या से जूझना लोगों को मानसिक रूप से भी परेशान कर देता है। सुबह स्कूल, ऑफिस जाते समय लोगों के अधिक दिक्कत होती है। लोगों की मांग है कि उन्हें जल्द से जल्द इस परेशानी से छुटकारा चाहिए। पानी के लिए स्थायी व्यवस्था की आवश्यकता है।

‘जीरो टॉलरेंस की सरकार में अधिकारी बेलगाम’

पीने के पानी की समस्या एक नहीं 20 हजार से ज्यादा लोगों की है। अधिकारी को फोन करते हैं, लेकिन वह फोन नहीं उठाते। मिलने के लिए जाते हैं तो वह अपने दफ्तर नहीं मिलते हैं। जीरो टॉलरेंस की सरकार में अधिकारी बेलगाम हो रहे हैं। -योगेश भारद्धाज

कनखल के पहाड़ी बाजार में प्रसिद्ध ठंडा कुआं नगर निगम या जल संस्थान की देखरेख के अभाव में बंद कर दिया गया। अगर जिला प्रशासन इनको दोबारा चला दे तो बाहरी राज्यों और स्थानीय लोगों को 24 घंटे पीने का पानी मिलेगा। -गुरुदत्त शर्मा

अमृत योजना के तहत कनखल क्षेत्र में नई पाइप लाइन डाली गई। पुरानी पाइप लाइन को उससे जोड़ दिया गया। नई और पुरानी लाइन में ही पानी घूमता रहता है। लोगों तक बामुश्किल पानी पहुंचता है। इसको लेकर अधिकारी कोई संज्ञान क्यों नहीं लेते। -हिमांशु राजपूत

बार-बार शिकायत करने के बावजूद भी अधिकारी बड़े नेताओं की पैरवी के बिना मौके पर नहीं आते हैं। यह गलत बात है। अधिकारी आम जनता और नेताओं दोनो के लिए बराबर है। पीने के पानी की समस्या में नेतागिरी बीच में नहीं आनी चाहिए। -अश्वनी अग्रवाल

लिखित शिकायत देने के बावजूद अधिकारी प्रकरण संज्ञान नहीं ले रहे हैं। जबकि शिकायत का निदान करने के लिए समय सीमा तय है। ऐसे अधिकारियों पर जीरो टारलेंस की सरकार को कार्रवाई होनी चाहिए। -लव गुप्ता

सत्ताधारी पार्टी के नेता का भाई विभाग में अधिकारी हैं। वह केवल उन्हीं की सुनते हैं, जो प्रभावशाली नेता है। आम आदमी की सुनवाई नहीं होती। लोगों और व्यापारियों ने नाराजगी दिखाई तो उसके बाद काम करने का सिर्फ आश्वासन मिला। -राजकुमार ठाकुर

अधिकारी भी बड़े नेता को साथ लाने के लिए दबाव डालते हैं। अगर यही स्थिति रही तो आम लोगों का मनोबल टूट जाएगा। अधिकारी अगर नेताओं के ऊपर निर्भर है, तो आम आदमी के काम नहीं होगें। उन लोगों की समस्याओं का निदान कैसा होगा। -मृत्युंजय शिवपुरी

व्यापारी वर्ग का प्रतिनिधि मंडल कई बार जल संस्थान के अधिशासी अभियंता से इस समस्या को लेकर मिल चुका है। लेकिन अधिकारी काम नहीं कर रहे हैं। ऐसी स्थिति में व्यापारी या आम आदमी अपनी समस्या को किस अधिकारी के पास जाए। -राम मोहन अत्री

तीन स्थानों पर बड़े-बड़े ओवरहेड टैंक होने के बावजूद भी लोगों को सुबह 8:00 बजे के बाद और शाम को छह बजे से पहले एक बूंद पीने के पानी की नहीं मिलेगी। एक गिलास पानी के लिए लोगों को बिजली की मोटर चलानी पड़ती है। -अनिल कुमार गुप्ता

कनखल क्षेत्र के बाहरी राज्यों से आने वाले श्रद्धालुओं को पीने का पानी खरीद कर पीना पड़ता है। जबकि पूर्व में लोगों की समस्या को देखते हुए चौक चौराहों पर लगे पानी के नल और कुएं हटा दिए गए हैं। अधिकारी ऐसा क्यों कर रहे हैं। -विजय अरोरा

मुख्य चौक चौराहों और सार्वजनिक स्थानों पर जगह-जगह लगे सरकारी नल हेडपंप आज नहीं है। जहां पर इक्का दुक्का हेडपंप खड़े भी हैं। शिकायत करने के बावजूद भी न तो इन हेडपंप की मरम्मत होती है। न ही नए हेडपंप लगाए जा रहे हैं। -अजय कन्नोजिया

नगर निगम या जल संस्थान की देखरेख के अभाव में या तो इनको बंद कर दिया गया या फिर इनका सौंदरर्यीकरण कराकर यहां बैठने का स्थान बना दिए गए। उनके बराबर में पानी के छोटे-छोटे (प्याऊ) लगा दिए गए जो की पर्याप्त नहीं है। - नीटू प्रजापति

लेटेस्ट   Hindi News ,    बॉलीवुड न्यूज,   बिजनेस न्यूज,   टेक ,   ऑटो,   करियर , और   राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।