उद्यमिता के अवसरों के बारे में बताया
पौड़ी। जीबी पंत अभियान्त्रिकी एवं प्रौद्योगिकी संस्थान घुड़दौड़ी के जैव प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा बायो-उद्यमिता एवं बौद्धिक संपदा अधिकार (आईपीआर) सृजन

जीबी पंत अभियान्त्रिकी एवं प्रौद्योगिकी संस्थान घुड़दौड़ी के जैव प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा बायो-उद्यमिता एवं बौद्धिक संपदा अधिकार (आईपीआर) सृजन विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला का सफल आयोजन किया गया। कार्यशाला में बीटेक, एमटेक व पीएचडी. शोधार्थियों ने हिस्सा लिया। कार्यशाला का उद्घाटन संस्थान के कार्यवाहक निदेशक डा. केकेएस मेर व डीन (अनुसंधान एवं विकास) डा. संजीव नैथानी ने किया। दोनों ने विभाग की इस पहल की सराहना करते हुए छात्रों को नवाचार और उद्यमिता के क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया। कार्यशाला में मुख्य वक्ता रोमा भद्रा ने छात्रों को मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के महत्व पर जागरूक किया।
हर्षवर्धन चंदोला ने अपने क्लीन हिमालयन अभियान की प्रेरणादायक यात्रा साझा कर युवाओं को सामाजिक परिवर्तन में भागीदारी के लिए प्रेरित किया। हिमांक शर्मा ने नाबार्ड की विभिन्न योजनाओं की जानकारी देते हुए कृषि व जैव-प्रौद्योगिकी के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध रोजगार एवं उद्यमिता के अवसरों पर प्रकाश डाला। प्रोफेसर डा. ममता बौंठियाल ने कहा कि युवाओं को नवाचार, नेटवर्किंग एवं विचारों के आदान-प्रदान के माध्यम से उत्तराखंड के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभानी चाहिए। इस मौके पर जैव प्रौद्योगिकी विभागाध्यक्ष डा. अरुण भट्ट, प्रोफेसर डा. ममता बौंठियाल, डा. पवन अग्रवाल, डा. सुरेश फुलारा, प्रांशु डंगवाल आदि शामिल रहे।
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