डामरीकरण की खराब गुणवत्ता से नाराज लोगों ने काम रोका, प्रदर्शन
प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के अंतर्गत डामर की गुणवत्ता को लेकर ग्रामीणों ने प्रदर्शन किया। उन्होंने चौसाला नौलड़ा सड़क पर 22 करोड़ की लागत से चल रहे डामरीकरण के काम में मानकों के उल्लंघन का आरोप...

थल, संवाददाता। प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत किए जा रहे डामर की गुणवत्ता पर सवाल उठाते हुए लोगों ने प्रदर्शन किया। उन्होंने कहा कि लगातार मांग के बाद भी उनके हितों की अनदेखी हो रही है। बुधवार को चौसाला नौलड़ा सड़क में 22 करोड़ की लागत से डामरीकरण के हो रहे काम पर लोगों ने गंभीर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि मानकों के अनुसार तीन मीटर चौड़ाई में डारीकरण नहीं किया जा रहा है। ग्रामीणों ने यहां आमथल गांव के पास हो रहे डामरीकरण का कार्य रोक दिया। लोनिवि पर निम्न कोटि के कार्य करने के आरोप लगाते हुए उसके खिलाफ जमकर नारेबाजी की व प्रदर्शन किया। गुस्साए ग्रामीणों का कहना है कि बिना नए सोलिंग किए मिट्टी में ही डामरीकरण किया जा रहा है। ग्रामीणों ने कहा कि 2019 में शुरू हुए कार्य के पूरा होने की अवधि 2021 में थी।। का कि वन विभाग और ठेकेदार के उदासीन रवैये ने इसकी अवधि 2025 तक पहुंचा दी गई है। उन्होंने कहा कि इन पांच सालों में कई स्थानों पर आधे अधूरे स्क्रबर बना कर छोड़े गए हैं। छह मीटर की चौड़ाई वाले सड़क पर मानक के अनुसार तीन मीटर चौड़ाई में डामरीकरण न होने से भी ग्रामीणों में रोष व्याप्त है। ग्रामीणों ने चेतावनी देते हुए कहा है कि यदि विभाग गुणवत्ता और मानक के अनुसार कार्य नहीं करेगा तो वे उग्र आंदोलन कर सड़कों में उतर जाएंगे।
ये रहे शामिल
बसंत लोहनी ,मोहन चंद्र जोशी, आनंद राम,गणेश मर्तोलिया,गोपाल राम,पुष्पा देवी,मोहनी देवी,नंदी देवी,गोदावरी
देवी,सुंदरी देवी,गंगोत्री देवी,यमुना देवी
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