फिल्म फूले को उत्तराखंड में टैक्स फ्री किया जाए
अखिल भारतीय डॉ. भीमराव आंबेडकर महासंघ ने सीएम पुष्कर सिंह धामी को ज्ञापन भेजकर फिल्म 'फूले' को टैक्स फ्री करने की मांग की। यह फिल्म सावित्रीबाई फुले और ज्योतिबा फुले के जीवन पर आधारित है, जिन्होंने...

अखिल भारतीय डॉ. भीमराव आंबेडकर महासंघ ने मंगलवार को सीएम पुष्कर सिंह धामी को ज्ञापन भेजा। उन्होंने भारत की प्रथम अध्यापिका सावित्रीबाई फुले तथा ज्योतिबा फुले के जीवन पर आधारित फिल्म फूले को टैक्स फ्री करने की मांग की। महासंघ अध्यक्ष पंकज जाटव ने कहा कि भारत की प्रथम अध्यापिका सावित्रीबाई फुले तथा ज्योतिबा फुले के जीवन पर आधारित एक महत्वपूर्ण फिल्म अभी हाल ही में प्रदर्शित हुई है, जो भारत के महान समाज सुधारकों महात्मा ज्योतिबा फुले एवं माता सावित्रीबाई फुले के जीवन संघर्ष एवं समाज सेवा पर आधारित है। इस फिल्म में दर्शाया गया है कि किस प्रकार इन महान विभूतियों ने जातिवाद लिंग भेद और शिक्षा जैसी सामाजिक कुरीतियों के विरुद्ध ऐतिहासिक आंदोलन चलाया।
सावित्रीबाई फुले ने वर्ष 1848 में पुणे में देश का पहला महिला विद्यालय स्थापित कर भारत में नारी की शिक्षा की क्रांति का सूत्रपात किया। यह उस समय का अत्यंत महत्वपूर्ण साहसिक और ऐतिहासिक कदम था, जब समाज में महिलाओं की शिक्षा को लेकर अनेकों बाधाएं थी। महान ज्योतिबा फुले ने शोषित और वंचित वर्गों के अधिकारों के लिए जीवनभर पर्याप्त संघर्ष किया। महासंघ सदस्यों ने फिल्म फूले को उत्तराखंड में पूर्णता टैक्स फ्री करने की मांग की। ज्ञापन देने वालों में महासंघ संरक्षक प्रदीप कुमार, आशुतोष शर्मा, महासचिव सुभाष जाटव, रूकम सिंह पोखरियाल, रजत कलरा, राजकुमार राज, राधेश्याम, अतुल भारती, नीरज जाटव, इंदर सिंह कटकवाल, धीरज सिंह चौहान, महेश कुमार वाल्मीकि, राजकुमार जाटव, मनोज जाटव, रवि कुमार गौतम, नीरज जाटव, आदित्य, रमेश कुमार गौतम, वीर सिंह, भारती गौतम, संजीव कुमार बिट्टू, हरीश आजाद, सरल चौहान आदि शामिल रहे।
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