Rising Road Accidents in Udham Singh Nagar Traffic Rule Violations and Lack of Safety Measures बोले रुद्रपुर : हादसे रोजाना निगल रहे जिंदगी, जिम्मेदार कुंभकरणी नींद में, Rudrapur Hindi News - Hindustan
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बोले रुद्रपुर : हादसे रोजाना निगल रहे जिंदगी, जिम्मेदार कुंभकरणी नींद में

ऊधमसिंह नगर जिले में सड़क हादसे बढ़ते जा रहे हैं, जिसमें लोग जान गंवा रहे हैं। यातायात नियमों की अनदेखी और सड़क सुरक्षा के प्रति जागरूकता की कमी मुख्य कारण हैं। इस साल मार्च तक 85 सड़क दुर्घटनाएं...

Newswrap हिन्दुस्तान, रुद्रपुरSun, 20 April 2025 06:41 PM
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बोले रुद्रपुर : हादसे रोजाना निगल रहे जिंदगी, जिम्मेदार कुंभकरणी नींद में

ऊधमसिंह नगर जिले में सड़क हादसे कम होने के बजाय लगातार बढ़ रहे हैं। हादसों में लोग आए दिन अपनी जान गंवा रहे हैं, लेकिन जिम्मेदार कुंभकरणी नींद में हैं। हादसों की मुख्य वजह यातायात नियमों की अनदेखी करना और सड़क सुरक्षा के प्रति जागरूक नहीं होना है। दुर्घटनाओं का मुख्य कारण गाड़ी चलाते समय सतर्क न रहना, रेडियो सुनना, मोबाइल पर बात करना, तेज गति व शराब पीकर गाड़ी चलाना, वयस्क होने से पहले ही गाड़ी चलाना आदि हैं। वहीं पुलिस प्रशासन द्वारा ऐसे कोई उपाय नहीं किए जा रहे हैं, जिनसे सड़क हादसों पर प्रभावी ढंग से लगाम लग सके। इस साल मार्च तक 85 सड़क दुर्घटनाओं में 63 लोगों की मौत हो चुकी है, वहीं कई लोग घायल हो चुके हैं। बीते दिनों कोतवाली से महज आधा किलोमीटर दूर एक अज्ञात वाहन ने सुबह करीब 6 बजे दंपति को जोरदार टक्कर मार दी। हादसे में पति-पत्नी की मौत हो गई। यह दंपति इलाज के लिए दिल्ली जा रहा था और सड़क किनारे खड़े होकर वाहन का इंतजार कर रहा था। शहर में ऐसी घटनाएं आए दिन हो रही हैं, जिनमें इसी तरह अज्ञात वाहनों की चपेट में आकर लोग अपनी जिंदगी से हाथ धो रहे हैं। शहर में लगातार बढ़ते सड़क हादसों को लेकर लोगों में काफी रोष व्याप्त है। लोगों का कहना है कि आए दिन भारी वाहनों की चपेट में आकर लोग अपनी जान गंवा रहे हैं। लोगों की जिंदगी की कोई कीमत नहीं रह गई है। लोग घरों से निकलते हैं तो यह कहना मुश्किल होता है कि वह सुरक्षित अपने घर लौट पाएंगे। कहा कि सड़कों पर बेलगाम दौड़ रहे व लोगों का जीवन लील रहे भारी वाहनों पर पुलिस-प्रशासन का कोई अंकुश नहीं है। पुलिस-प्रशासन ने सड़क दुर्घटनाओं पर अपनी आंखें मूंद ली हैं। कहा कि ईमानदारी से जांच की जाए तो ज्यादातर भारी वाहनों के पास फिटनेस आदि कागजात भी नहीं होंगे, लेकिन इसके बाद भी यह सड़कों पर बेखौफ दौड़ रहे हैं। शहर में सड़क हादसे की लगातार बढ़ती घटनाओं पर पुलिस-प्रशासन को नींद से जगाने के लिए व्यापारियों ने बीते दिनों डीडी चौक के पास हेलमेट पहनकर अनोखा विरोध प्रदर्शन तक किया था। व्यापारियों ने कहा कि वर्तमान में सबसे अधिक लोगों की मौत सड़क हादसों में हो रही है। वाहनों की बढ़ती संख्या व सड़क सुरक्षा वर्तमान में जिले के लिए बड़ी समस्या है। इससे निपटने के लिए सख्त कानून की जरूरत है। हालांकि, माना यह भी जाता है कि ज्यादातर सड़क दुर्घटनाएं यातायात नियमों का पालन नहीं करने से होती हैं। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि भारी वाहन से होने वाली सड़क दुर्घटनाएं जल्दी चर्चा में जरूर आ जाती हैं, लेकिन ज्यादातर सड़क हादसों का कारण यातायात नियमों की अनदेखी करना है। भारी वाहनों की तुलना में यातायात के नियमों को तोड़ने से ज्यादा सड़क हादसे हो रहे हैं। तेज गति, शराब पीकर, मोबाइल में बात करते हुए वाहन चलाना, सीट बेल्ट व हेलमेट न लगाना आदि कारणों से दुर्घटनाएं ज्यादा हो रही हैं।

नो एंट्री के बाद भी भारी वाहनों पर लगाम नहीं : रोजाना लगने वाले जाम से निजात दिलाने और भारी वाहनों से होने वाली दुर्घटनाओं पर लगाम लगाने के लिए प्रशासन की ओर से शहर में नो एंट्री लागू की गई है, लेकिन विडंबना यह है कि इसका पालन नहीं हो रहा है। प्रतिदिन नो एंट्री के नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। इस दौरान शहर में भारी वाहनों का प्रवेश होता दिख रहा है। लोग पहले से जाम की समस्या से जूझ रहे हैं। साथ ही नो एंट्री में भारी वाहनों के प्रवेश से परेशान हो रहे हैं। इस प्रकार के वाहनों के प्रवेश से शहर में यातायात व्यवस्था और बेकाबू होती जा रही है। ऐसे ही हालात मुख्य सड़कों पर देखने को मिलते हैं। इससे हमेशा दुर्घटना की आशंका बनी रहती है। बाकायदा, शहर में भारी वाहनों के प्रवेश से दुर्घटना के कारण अब तक कई लोगों की मौत हो चुकी है। इसके बाद भी शहर में भारी वाहनों का प्रवेश जारी है। कार्रवाई से बचने के लिए भारी वाहन जल्दी शहर से निकलने की कोशिश करते हैं, इसलिए तेज गति से गाड़ी चलाते हैं, लेकिन इन तेज रफ्तार भारी वाहनों के कारण लोगों की जिंदगी दांव पर लग जाती है।

हादसों को रोकने के लिए ठोस उपाय नहीं : बार-बार यह तथ्य सामने आ रहा है कि पहले की तुलना में अब अत्यधिक सड़क दुर्घटनाएं हो रही हैं और उनमें बड़ी संख्या में लोग जख्मी होने के साथ अपनी जान तक गंवा रहे हैं। लेकिन ऐसे कोई उपाय नहीं किए जा रहे हैं, जिनसे सड़क हादसों पर प्रभावी ढंग से लगाम लगाई जा सके। सड़क हादसों को रोकने के आवश्यक उपाय नहीं होने से मरने वालों की संख्या में तेजी से वृद्धि हो रही है। सड़क दुर्घटनाओं के कारण किसी से छिपे नहीं हैं। यातायात नियमों का उल्लंघन, पुराने वाहन, अकुशल चालक आदि सड़क हादसों के मूल कारण हैं। यह ऐसे कारण नहीं हैं कि जिनका समाधान नहीं किया जा सके, लेकिन दुर्भाग्य से इस ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। परिणाम यह है कि जिले के किसी न किसी हिस्से में प्रतिदिन कोई न कोई बड़ा सड़क हादसा जरूर होता है और उसमें लोग घायल या मौत का ग्रास बनते हैं। ऐसे हादसों पर शासन-प्रशासन शोक संवेदना जताकर अपने कर्तव्य की इतिश्री कर लेता है, लेकिन यह देखने से इनकार कर देता है कि ऐसी घटनाओं को होने से रोका जा सकता है। सड़क दुर्घटनाओं में मरने वाले अधिकांश लोग अपने घर के इकलौते कमाऊ सदस्य होते हैं। उनके नहीं रहने से परिवार विशेष को क्षति पहुंचती है।

यातायात के सभी नियम टूट रहे : यातायात के नियम लगातार टूट रहे हैं, जिससे सड़क दुर्घटनाओं में साल-दर-साल इजाफा हो रहा है। पुलिस रिकॉर्ड के मुताबिक, ऊधमसिंह नगर जिले में वर्ष 2024 में 401 सड़क दुर्घटनाएं हुईं, जिसमें से 278 लोगों की मौत हो गई। इसी तरह इस साल मार्च तक 85 सड़क दुर्घटनाओं में 63 लोगों की मौत हो चुकी है। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि ज्यादातर सड़क दुर्घटनाएं यातायात नियमों की अनदेखी होने से हो रही है। गाड़ी चलाते समय मोबाइल पर बात करने, शराब पीकर गाड़ी चलाने, तेज रफ्तार में गाड़ी चलाने, सुरक्षा उपकरणों का उपयोग न करना आदि कारणों से अत्यधित सड़क हादसे हो रहे हैं। कहा कि खतरनाक तरीके से ओवरटेकिंग करना, लालबत्ती पार करना और अन्य यातायात नियमों का उल्लंघन दुर्घटनाओं का कारण बन सकता है। कहा कि सभी को यातायात नियमों का पालन करना चाहिए। जैसे-गति सीमा का पालन करना, सीट बेल्ट पहनना, हेलमेट पहनना, नशे में गाड़ी न चलाना और मोबाइल फोन का उपयोग न करना। इन दुर्घटनाओं में जानमाल की हानि होती है और यह सामाजिक व आर्थिक रूप से भी नुकसानदेह होती है। सड़क दुर्घटनाएं एक गंभीर समस्या है और इन दुर्घटनाओं को रोकने के लिए सभी को मिलकर प्रयास करना चाहिए।

नियमों को नहीं मानने और उनका उल्लंघन करने वाली मानसिकता : सड़क दुर्घटनाओं के बढ़ने का एक कारण यह भी है कि ज्यादातर वाहन चालक यातायात नियमों का पालन करना अपनी तौहीन समझते हैं। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि अधिकतर वाहन चालक यातायात नियमों का उल्लंघन करना अपनी शान समझते हैं। लोग नियमों की अनदेखी करने के बाद भी पुलिसकर्मियों को रौब दिखाते हैं। अक्सर ऐसे मामले सामने आते हैं, जब वाहन चालक गलती पर माफी मांगने के बजाए पुलिसकर्मी से सीधे चालान काटने को कह देते हैं और किसी बड़े अधिकारी को फोन मिला देते हैं। कहा कि चालान काटने का अर्थ वाहन चालकों को अर्थिक नुकसान पहुंचाना नहीं, बल्कि जिम्मेदारियों का बोध कराना है। दोपहिया वाहन चालकों के लिए हेलमेट पहनना आवश्यक है, लेकिन शहर में बिना हेलमेट पहने दोपहिया वाहन धड़ल्ले से घूम रहे हैं। जल्दबाजी में दोपहिया वाहन अक्सर अपने साथ दूसरे की जिंदगी से भी खिलवाड़ करते हैं। कहा कि यदि लोग ईमानदारी से यातायात नियमों का पालन करने लगें तो पुलिस को चालान करने की नौबत ही नहीं आएगी।

जरूरत के रूप में हो वाहन का इस्तेमाल : लोगों को वाहन को शौक के बजाए जरूरत के रूप में इस्तेमाल करना चाहिए। पर्यावरणविदों का कहना है कि लोग दिखावे, शानो शौकत आदि के लिए बड़ी-बड़ी गाड़ियों का इस्तेमाल करते हैं। गाड़ियों को स्टेटस सिंबल से जोड़ने के बजाए लोगों को ज्यादातर पैदल चलने व साइकिल का इस्तेमाल करने की आदत डालनी चाहिए, जिससे पर्यावरण स्वच्छ रखने के साथ सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाई जा सकती है। कहा कि इसके लिए सड़कों में सुधार व उन्हें इतना सुरक्षित करना होगा कि पैदल चलने या साइकिल चलाने में लोग खुशी महसूस कर सकें। सड़क सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए चलते समय हमेशा फुटपाथ का प्रयोग करना चाहिए। जहां फुटपाथ नहीं हो तो भी हमेशा सड़क के बायीं ओर ही चलना चाहिए। ग्रीन सिग्नल होने पर ही सड़क पार करना चाहिए। सड़क पर चलते समय मोबाइल फोन का प्रयोग नहीं करना चाहिए। यदि मोबाइल का इस्तेमाल करना भी हो तो सुरक्षित जगह पर रुककर करना चाहिए। कहा कि यातायात नियमों की जागरूकता से ही सड़क दुर्घटनाओं को रोका जा सकता है। हमारी सतर्कता से ही सड़क दुर्घटनाओं से बचा जा सकता है।

शिकायतं

1-प्रतिदिन लगने वाले जाम से मुक्ति व सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाने के लिए भारी वाहनों के दिन के समय शहर में प्रवेश बंद है, लेकिन इसके बाद भी इनका प्रवेश जारी है।

2- सड़क हादसों को रोकने के आवश्यक उपाय नहीं होने से मरने वालों की संख्या में तेजी से वृद्धि हो रही है। आए दिन होने वाले हादसों में लोग अपनों को खो रहे हैं। इन पर लगाम लगाना होगा।

3-लोगों की ओर से यातायात नियमों का पालन नहीं किया जाता है। ज्यादातर सड़क दुर्घटनाओं में लोगों का यातायात नियमों की अनदेखी करना है। लोगों को इसको लेकर जागरूक होना चाहिए।

4-अधिकतर लोग नियमों का पालन करने के बजाए उनका उल्लंघन करने की मानसिकता रखते हैं। ऐसे लोग नियमों को तोड़कर चालान भरने को अपनी शान समझते हैं। ये लोग दूसरों के लिए भी मुसीबत बनते हैं।

5-कई लोग अपना रुतबा दिखाने के लिए बड़ी व महंगी गाड़ियां चलाते हैं। जरूरत नहीं होने पर भी वह गाड़ियों से ही चलना पसंद करते हैं। इससे सड़क पर जाम की स्थिति बनती है।

सुझाव

1-भारी वाहनों के दिन के समय शहर में प्रवेश पर लगाए गए प्रतिबंध का सख्ती से पालन कराया जाना चाहिए, जिससे अनावश्यक जाम और सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाई जा सके।

2-सड़क हादसों को रोकने के लिए आवश्यक उपाय किए जाने चाहिए। सड़क दुर्घटनाओं के कारण किसी से छिपे नहीं हैं। पुलिस प्रशासन को यातायात नियमों का सख्ती से पालन कराना होगा।

3-लोगों को सदैव यातायात नियमों का पालन करना चाहिए। वाहन चलाते समय गति पर नियंत्रण, सीट बेल्ट व हेलमेट पहनना, नशे में गाड़ी न चलाना आदि नियमों का पालन करना चाहिए।

4-नियमों का पालन करने के बजाए उनका उल्लंघन करने की मानसिकता के लोग अपने साथ दूसरों की जिदंगी से खिलवाड़ करते हैं। नियमों का पालन करने से चालान भरने की नौबत नहीं आएगी।

5-लोगों को वाहनों का इस्तेमाल जरूरत के समय ही करना चाहिए। उन्हें पैदल व साइकिल से चलने की आदत डालनी चाहिए। इससे सड़क दुर्घटनाओं में कमी आएगी।

साझा किया दर्द

आए दिन रो रही दुर्घटनाओं पर रोक लगनी चाहिए। रोजाना निर्दोष लोगों की मौत हो रही है। भारी वाहनों के शहर में प्रवेश पर सख्ती से रोक लगाई जानी चाहिए

- विजय कोली, अध्यक्ष, ऊधमसिंह नगर टैक्सी वेलफेयर एसोसिएशन

छोटे-छोटे बच्चे स्कूल आते-जाते हैं, तो मन में यही डर लगा रहता है कि कहीं उनके साथ कोई हादसा न हो जाए। भारी वाहनों की गति पर नियंत्रण बहुत जरूरी है।

-संजीव सचदेवा

सड़क दुर्घटनाओं का मुख्य कारण यातायात नियमों का पालन नहीं करना है। लोगों को स्वयं से यातायात नियमों का कड़ाई से पालन करना चाहिए, तभी हादसे रुकेंगे।

-पंकज सिंह

बढ़ते सड़क हादसे चिंता का विषय है। प्रशासन को ठोस कार्रवाई करने की जरूरत है। लोगों की बेवजह सड़क हादसों में मौत हो रही है। इसे रोका जाना चाहिए।

-रजत सागर

जिंदगी अनमोल है। सड़क हादसों में प्रतिदिन निर्दोष लोगों की मौत हो रही है। यातायात नियमों का उल्लंघन करने पर गाड़ी को सीज कर लाइसेंस जब्त कर लेना चाहिए।

-राकेश दिवाकर

लोगों को यातायात नियमों के प्रति जिम्मेदार बनना होगा। दिखावे के लिए लोग तेज रफ्तार में गाड़ी, बाइक आदि चलाते हैं और यही दुर्घटना का कारण बनता है।

-धर्मेंद्र सिंह

यातायात नियमों का पालन करने से ही सड़क हादसों में कमी लाई जा सकती है। पुलिस प्रशासन अपना काम करता है, लेकिन उन्हें इस ओर और ज्यादा सख्ती दिखाने की जरूरत है।

-सुनील शर्मा

हमारी मांग है कि भारी वाहनों के खिलाफ प्रशासन सख्त कदम उठाए। आए दिन सड़क हादसों में लोगों की मौत हो रही है और लोग घायल भी हो रहे हैं, इसका जिम्मेदार कौन है।

-महेश गंगवार

सड़क हादसों का बढ़ना बेहद चिंताजनक है। लोगों की जान बेहद कीमती है। कई लोग अपने घर में कमाने वाले अकेले होते हैं, लेकिन सड़क हादसे में उनकी मृत्यु से उनका परिवार टूट जाता है।

-संदीप राव

लोग नियमों को तोड़ना अपनी शान समझते हैं। उन्हें अहसास नहीं होता है कि नियमों से खिलवाड़ से उनकी जान जा सकती है। जब उनके साथ हादसा होता है, तब उन्हें अपनी गलती का अहसास होता है।

-सागर छाबड़ा

शहर की सड़कों पर भारी वाहनों का आतंक है। लोग सड़क पार करने तक से डरने लगे हैं। अंजाना भय लोगों के मन में रहता है कि कब भारी वाहन उन्हें अपनी चपेट में ले लें।

-हरविंदर सिंह

सुरक्षित ड्राइव करनी चाहिए, जिससे दुर्घटना होने से बचा जा सके। लोग जितनी सुरक्षित ड्राइव करेंगे, दुर्घटना की आशंका उतनी कम होगी। भारी वाहनों पर लगाम लगनी चाहिए।

-अंश अग्रवाल

बोले व्यापार मंडल अध्यक्ष

बच्चे, बुजुर्ग घरों से निकलते हैं तो यह चिंता हमेशा रहती है कि कहीं वह किसी भारी वाहन की चपेट में न आ जाएं। प्रशासन को भारी वाहनों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए।

- संजय जुनेजा, अध्यक्ष, प्रांतीय उद्योग व्यापार मंडल

भारी वाहन भी सड़क दुर्घटनाओं के लिए जिम्मेदार हैं, लेकिन अधिकतर सड़क घटनाएं यातायात नियमों का पालन नहीं करने से होती हैं। गाड़ी चलाते समय मोबाइल पर बात करने, शराब पीकर गाड़ी चलाने आदि से सड़क दुर्घटनाएं ज्यादा होती हैं।

- प्रशांत कुमार, सीओ सिटी रुद्रपुर

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