उप जिला चिकित्सालय में ऑपरेशन के लिए करना पड़ रहा इंतजार
उप जिला चिकित्सालय (एसडीएच) में अलग अलग विभागों के पांच सर्जन की तैनाती है, लेकिन एनेस्थीसिया एक ही होने के कारण कई बार मरीजों को ऑप्रेशन के लिए लंबे

उप जिला चिकित्सालय (एसडीएच) में अलग-अलग विभागों के पांच सर्जन की तैनाती है, लेकिन एनेस्थीसिया एक ही होने के कारण कई बार मरीजों को ऑप्रेशन के लिए इंतजार करना पड़ता है। जिससे मरीजों और उनके तीमारदारों को परेशानी झेलनी पड़ रही है। उप जिला चिकित्सालय विकासनगर में जनरल सर्जन समेत गायनोकॉलोजिस्ट, दो आर्थोपेडिक सर्जन, नेत्र सर्जन और ईएनटी सर्जन तैनात हैं। प्रत्येक विभाग की अपनी अलग ओटी है, लेकिन एनेस्थेटिक एक ही होने से सभी विभागों में एक साथ सर्जरी करना संभव नहीं होता है। खासकर अगर गायनी विभाग में सीजेरियन डिलीवरी करनी पड़े तो गर्भवती महिला को दूसरे अस्पतालों में रेफर करना पड़ता है, जिससे कई बार जच्चा-बच्चा के जीवन पर संकट मंडराने लगता है।
अस्पताल में हर दिन औसतन पांच सामान्य आप्रेशन होते हैं। ऐसे में हड्डी और अन्य विभागों से संबंधित मरीजों को ऑप्रेशन के लिए कई दिन तक इंतजार करना पड़ता है। इतना ही नहीं अस्पताल के एनेस्थेटिक सप्ताह में एक दिन राज्य मानसिक स्वास्थ्य संस्थान में भी अपनी सेवाएं देते हैं, लिहाजा उस दिन उप जिला चिकित्सालय में कोई भी ऑप्रेशन नहीं होता है। इसके साथ ही एनेस्थेटिक के अवकाश पर जाने से भी ऑप्रेशन तक ठप हो जाते हैं। ऐसे में कई बार गंभीर बीमारी से ग्रसित मरीजों को प्राइवेट नर्सिंग होम में महंगे दामों पर ऑप्रेशन करना पड़ता है। हालांकि चार साल पहले अस्पताल में उप जिला चिकित्सालय में उच्चीकृत होने के बाद यहां पांच सर्जन की तैनाती के बाद एक से अधिक एनेस्थीसिया के तैनात होने की उम्मीद जगी थी, लेकिन स्वास्थ्य विभाग ने इस दिशा में कोई कार्यवाही नहीं की, जिसका खामियाजा मरीजों को भुगतना पड़ रहा है।
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