अटाल-मीनस मोटर मार्ग की मरम्मत नहीं होने पर आंदोलन को चेताया
मीनस-अटाल मोटर मार्ग पर दशकों से सुधारीकरण और चौड़ीकरण कार्य नहीं किए जाने से ग्रामीणो को हर दिन जान जोखिम में डालकर सफर करना पड़ रहा है।

मीनस-अटाल मोटर मार्ग पर दशकों से सुधारीकरण और चौड़ीकरण कार्य नहीं किए जाने से ग्रामीणों को अपनी जान जोखिम में डालकर सफर करना पड़ रहा है। मार्ग के सुधारीकरण की मांग को लेकर बीते साल ग्रामीणों ने चक्काजाम भी किया था। बावजूद इसके आज तक सड़क की मरम्मत नहीं की गई है। सोमवार को गुस्साए लोगों ने जल्द सड़क की सुध नहीं लिए जाने पर आंदोलन की चेतावनी दी है। मुख्यमंत्री को भेजे ज्ञापन में ग्रामीणो ने बताया कि मार्ग सुधारीकरण के लिए बीते साल फरवरी माह में चक्काजाम किया गया था, तब उन्हें जल्द सुधारीकरण कार्य शुरू किए जाने का आश्वासन मिला था, लेकिन अभी तक सुधारीकरण कार्य शुरू नहीं हुआ है।
जिसके चलते डेढ़ दर्जन से अधिक गांवों आसोई, बायला, डिंडा, खेड़ा, बुल्हाड़ बागनी, पुनिंग, कांडोई, भरम, पिंगवा, ठारटा, गोरछा, कावा खेड़ा, नौरा, उठरोडा, अटाल, फेडिज, हेडसू, रडू के ग्रामीण हर दिन जान जोखिम में डालकर सफर करने को मजबूर हैं। उन्होंने बताया कि साल 1985 से 1990 के बीच मीनस अटाल मोटर मार्ग निर्माण कार्य चला। 1990 से लेकर 2025 तक 35 साल बाद भी सड़क यातायात योग्य नहीं बनी। करोड़ों रुपये खर्च करने के बाद भी सड़क ठीक नहीं है। मीनस-अटाल मोटर मार्ग बनने से इस मार्ग से जुड़े अटाल-रोहटा खड्ड मोटर मार्ग के दो दर्जन गांवों के ग्रामीणों को भी सीधा लाभ मिलेगा। ग्रामीणों को अपने गंतव्य तक जाने के लिए कम समय लगेगा। इससे काश्तकारों को अपनी नगदी फसलें मंडी तक पहुंचाने में सहूलियत मिलेगी। ग्रामीणों ने जल्द मार्ग सुधारीकरण कराए जाने की मांग मुख्यमंत्री से की है। ज्ञापन भेजने वालों में दीवान सिंह, हरीश चंद्र, विरेंद्र, साधु सिंह, राकेश सिंह, शूरवीर सिंह आदि शामिल रहे।
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