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हरिद्वार नगर निगम ने करोड़ों में खरीदी जो जमीन उसकी क्यों शुरू हुई जांच? बैंक खाते फ्रीज

हरिद्वार नगर निगम की ओर से सराय में खरीदी गई करोड़ों रुपये के जमीन मामले में जांच शुरू हो गई है। बैंक खातों को फ्रीज किया जा रहा है, ताकि खातों से लेनदेन न किया जाए। बताया जा रहा है कि तीन खातों में रुपये दिए गए हैं।

Sneha Baluni हिन्दुस्तान, हरिद्वारThu, 1 May 2025 11:31 AM
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हरिद्वार नगर निगम ने करोड़ों में खरीदी जो जमीन उसकी क्यों शुरू हुई जांच? बैंक खाते फ्रीज

हरिद्वार नगर निगम की ओर से सराय में खरीदी गई करोड़ों रुपये के जमीन मामले में जांच शुरू हो गई है। बैंक खातों को फ्रीज किया जा रहा है, ताकि खातों से लेनदेन न किया जाए। बताया जा रहा है कि तीन खातों में रुपये दिए गए हैं। जांच अधिकारी नामित होने के बाद सचिव रणवीर सिंह चौहान ने बुधवार को डीएम कर्मेंद्र सिंह को बैंक खाते फ्रीज करने के लिए कहा है। इस पर कार्रवाई शुरू हो गई है।

नगर निगम को एनएचएआई और एचआरडीए की ओर से जमीन रखीदने के बाद करीब 100 करोड़ रुपये मिले थे। सराय ज्वालापुर में 60 करोड़ रुपये में करीब 33 बीघा जमीन नवंबर में खरीदी गई थी। इसमें 54 करोड़ रुपये खाते में और छह करोड़ रुपये के स्टॉप शुल्क दिया गया है। बीते दिनों पहले जमीन खरीदने का मामला मेयर ने उठाया, जब उन्होंने देखा कि निगम के खाते में रुपये ही नहीं है। आरोप है कि जमीन सर्किल रेट के आधार पर खरीदी गई, जबकि मौके पर बाजार मूल्य बेहद कम है।

मेयर ने इसकी जांच शुरू कराकर पांच सदस्यों की टीम बनाई और पूरे प्रकरण के बारे में शासन को अवगत कराया। शिकायतों का संज्ञान लेकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस मामले की गहन और तथ्यात्मक जांच के आदेश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए हैं कि सचिव रणवीर सिंह चौहान द्वारा पूरे प्रकरण की निष्पक्ष और विस्तृत जांच कर रिपोर्ट जल्द शासन को सौंपी जाए। बुधवार को रणवीर सिंह चौहान ने डीएम कर्मेंद्र सिंह को लेनदेन करने वाले खातों को फ्रीज करने के लिए कहा है। इस पर डीएम ने कार्रवाई शुरू कर दी है।

आईएएस और मेयर आमने-सामने

जमीन खरीद को लेकर मेयर किरन जैसल और तत्कालीन एमएनए आईएएस वरुण चौधरी दोनों आमने सामने हैं। मेयर ने इस पूरे मामले की शिकायत सीएम को कर कोर्ट जाने की बात कही है, जबकि तत्कालीन एमएनए ने जमीन खरीदने की पूरी प्रक्रिया को वैध बताया है। कहा है कि प्रशासक की अनुमति के बाद ही जमीन खरीदी गई थी। उन्होंने कहा कि बिना वजह उनको टारगेट किया जा रहा है। तत्कालीन मुख्य नगर आयुक्त वरुण चौधरी का कहना है कि 2024 में सराय की भूमि की खरीद नियमानुसार की गई अैर जमीन खरीदने से पहले प्रशासक की अनुमति भी ली गई। जमीन का क्रय निगम हित में नियमानुसार सर्किल रेट के अनुसार किया गया।

सहयोग के लिए एसडीएम उपलब्ध कराने का आग्रह

जांच अधिकारी ने मामले में साक्ष्य जुटाने में मदद करने और पूरी जांच में सहयोग के लिए एक एसडीएम को नियुक्त करने के लिए कहा है। गुरुवार को एसडीएम की नियुक्ति हो सकती है। मालूम हो कि जिस जगह जमीन ली गई है, वहां पर सरकार की ओर से तय किया सर्किल रेट 25 हजार रुपये स्क्वायर मीटर है। आरोप है कि इस जगह बाजार मूल्य कूड़े का प्लांट होने के कारण कम है।

तत्कालीन प्रशासक डीएम कर्मेंद्र सिंह ने कहा, "शासन की ओर से पूरे मामले की जांच के आदेश दिए गए हैं। बैंक खातों के लेनदेन पर रोक लगाई जा रही है। नगर निगम की ओर से जमीन के बदले जमीन खरीदने की अनुमति मांगी गई थी। सर्किल रेट के आधार पर जमीन खरीदने की अनुमति दी गई थी।"

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