Bada Mangal: पहला बड़ा मंगल कल, जानें पूजन के 2 उत्तम मुहूर्त, विधि, उपाय, मंत्र,भोग, हनुमान जी की आरती
First Bada Mangal 2025: ज्येष्ठ माह का पहला बड़ा मंगल 13 मई को है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, इस शुभ दिन पर भगवान श्री राम से हनुमान जी की पहली मुलाकात हुई थी। बड़े मंगल पर हनुमान जी के साथ प्रभु श्री राम का पूजन अत्यंत पुण्यदायक माना जाता है।

First Bada Mangal 2025, पहला बड़ा मंगल कल:2025 में ज्येष्ठमाह कापहला बड़ा मंगल 13 मई को मनाया जाएगा। सनातन धर्म में बड़े मंगल का विशेष महत्व है।बड़े मंगल को बुढ़वा मंगल के नाम से भी जाना जाता है। पंचांग अनुसार, ज्येष्ठ कृष्ण प्रतिपदा तिथि 12 मई की रात 10:25 मिनट से 14 मई को 12:35 ए एम तक रहेगी। पौराणिक कथाओं के अनुसार, इस शुभ दिन पर श्री राम से हनुमान जी की मुलाकात हुई थी। बड़े मंगल के दिन पूरी श्रद्धा के साथ हनुमान जी, भगवान श्री राम और माता सीता की उपासना करने से जातक की सभी इच्छाएं पूरी हो सकती है। जानें बड़े मंगल का पूजन शुभ मुहूर्त, मंत्र, भोग, रंग, पुष्प, उपाय, पूजाविधि और आरती-
जानें पूजन के 2 उत्तम मुहूर्त: ज्योतिषविद शुभ्रा शुक्ला के अनुसार, बड़ा मंगल पूजा के लिए सुबह 5:32 से 7:13 बजे तक एवं शाम 7:04 से रात 9:30 बजे तक उत्तम मुहूर्त है। इस दिन अभिजित मुहूर्त सुबह 11:51 से दोपहर 12.45 बजे तक है।
प्रिय पुष्प व रंग- बड़े मंगल के दिन पूजा के समय लाल या पीले रंग के वस्त्र पहनना अत्यंत शुभ रहेगा। वहीं, हनुमान जी का प्रिय रंग लाल माना जाता है। इसलिए प्रभु को लाल गुलाब के फूल और माला चढ़ाएं।
बड़ा मंगल पूजा-विधि: मंगलवार के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और लाल रंग के साफ सुथरे कपड़े पहन लें। इसके बाद बजरंगबली को लाल रंग के पुष्प अर्पित करें, सिंदूर में चमेली का तेल मिलाकर चोला चढ़ाएं, चना, गुड़ और नारियल भी चढ़ाएं। प्रभु को बेसन के लड्डू या फिर बूंदी के लड्डू का भोग लगा सकते हैं। इसके बाद घी का दीपक जलाएं और सुंदरकांड या हनुमान चालीसा का पाठ करें। इसके बाद आरती करें और व्रत रखने का संकल्प लें। हनुमान जी के साथ-साथ प्रभु श्री राम और माता सीता की भी उपासना करें। अंत में क्षमा प्रार्थना करें।
मंत्र- ॐ हनु हनु हनु हनुमते नमः
भोग- हनुमान जी को केले, बेसन या बूंदी के लड्डुओं का भोग लगाना शुभ रहेगा।
उपाय
- मान्यता है कि बड़े मंगल पर गरीब लोगों को अन्न दान करने और उन्हें भोजन कराने से बजरंगबली प्रसन्न होते हैं और लोगों के रुके कार्य बिना किसी बाधा के पूर्ण होते हैं।
- श्री हनुमान जी महाराज का ॐ हनु हनुमते नम: मंत्र का जाप करने से संकट और मानसिक क्लेश से मुक्ति मिलती है।
- पैसों से जुड़ी दिक्कतों को दूर करने के लिए बड़े मंगल पर हनुमान जी के साथ प्रभु श्री राम जी की पूजा करें। साथ ही रामायण का पाठ भी करें।
हनुमान जी की आरती
आरती कीजै हनुमान लला की। दुष्ट दलन रघुनाथ कला की।
आरती कीजै हनुमान लला की। दुष्ट दलन रघुनाथ कला की।।
जाके बल से गिरिवर कांपे। रोग दोष जाके निकट न झांके।
अंजनि पुत्र महाबलदायी। संतान के प्रभु सदा सहाई।।
आरती कीजै हनुमान लला की। दुष्ट दलन रघुनाथ कला की।।
दे बीरा रघुनाथ पठाए। लंका जारी सिया सुधि लाए।
लंका सो कोट समुद्र सी खाई। जात पवनसुत बार न लाई।
आरती कीजै हनुमान लला की। दुष्ट दलन रघुनाथ कला की।।
लंका जारि असुर संहारे। सियारामजी के काज संवारे।
लक्ष्मण मूर्छित पड़े सकारे।आनि संजीवन प्राण उबारे।
आरती कीजै हनुमान लला की। दुष्ट दलन रघुनाथ कला की।।
पैठी पाताल तोरि जमकारे। अहिरावण की भुजा उखारे।
बाएं भुजा असुरदल मारे। दाहिने भुजा संत जन तारे।
आरती कीजै हनुमान लला की। दुष्ट दलन रघुनाथ कला की।।
सुर-नर-मुनि जन आरती उतारें। जय जय जय हनुमान उचारें।
कंचन थार कपूर लौ छाई। आरती करत अंजना माई।
आरती कीजै हनुमान लला की। दुष्ट दलन रघुनाथ कला की।।
लंकविध्वंस कीन्ह रघुराई। तुलसीदास प्रभु कीरति गाई।
जो हनुमानजी की आरती गावै। बसी बैकुंठ परमपद पावै।
आरती कीजै हनुमान लला की। दुष्ट दलन रघुनाथ कला की।
आरती कीजै हनुमान लला की। दुष्ट दलन रघुनाथ कला की।।
डिस्क्लेमर: इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम यह दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य एवं सटीक हैं। विस्तृत और अधिक जानकारी के लिए संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।