कल नारद जयंती पर पूजा के शुभ मुहूर्त, जानें विधि व महत्व
Narad Jayanti 2025: धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, देवर्षि नारद पृथ्वी के प्रथम पत्रकार माने जाते हैं। हर साल ज्येष्ठ माह की कृष्ण पक्ष प्रतिपदा तिथि को नारद जयन्ती मनायी जाती है।

Narad Jayanti 2025: हर साल बुद्ध पूर्णिमा के अगले दिन नारद जयंती मनाई है। नारद जयंती को देवर्षि नारद मुनि के जन्मदिवस के रूप में मनाया जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, देवर्षि नारद पृथ्वी के प्रथम पत्रकार माने जाते हैं। हर साल ज्येष्ठ माह की कृष्ण पक्ष प्रतिपदा तिथि को नारद जयन्ती मनायी जाती है। पंचांग अनुसार 13 मई को नारद जयंती रहेगी। नारद जी भगवान विष्णु के परम भक्त माने जाते हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, नारद जयंती के दिन विधिवत नारद जी का ध्यान करने से ज्ञान व बुद्धि बढ़ती है। आइए जानते हैं पूजन के मुहूर्त- विधि एवं महत्व-
कल नारद जयंती पर पूजा के शुभ मुहूर्त
ब्रह्म मुहूर्त 04:08 से 04:50
अभिजित मुहूर्त 11:51 से 12:45
विजय मुहूर्त 14:33 से 15:27
गोधूलि मुहूर्त 19:02 से 19:23
अमृत काल 00:14, मई 14 से 02:01, मई 14
नारद जयंती पूजन-विधि
1- स्नान आदि कर मंदिर की साफ सफाई करें
2- गणेश जी को प्रणाम करें
3- नारद जी का ध्यान करें
4- अब प्रभु को चंदन, फल और पुष्प अर्पित करें
5- मंदिर में घी का दीपक प्रज्वलित करें
6- श्री नारद चालीसा का पाठ करें
7- पूरी श्रद्धा के साथ नारद जी की आरती करें
8- भोग लगाएं
9- अंत में क्षमा प्रार्थना करें
महत्व: नारद जयंती के दिन दान करने का विशेष महत्व माना जाता है। इस दिन ब्राह्मणों को भोजन कराने से जीवन के कष्ट दूर हो सकते हैं। वैदिक कथाओं के अनुसार, देवर्षि नारद देवी-देवताओं के लिए समस्त प्रकार की जानकारी के प्राथमिक स्रोत माने जाते हैं। इन्हें प्रथम पत्रकार के रूप में भी जाना जाता हैं। नारद जी किसी भी समय पृथ्वीलोक, स्वर्गलोक तथा पाताल लोक का भ्रमण कर सकते हैं। नारद जी समस्त प्रकार की सूचनाओं का आदान-प्रदान करने हेतु ब्रह्माण्ड में भ्रमण करते रहते हैं।
डिस्क्लेमर: इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम यह दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य एवं सटीक हैं। विस्तृत और अधिक जानकारी के लिए संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।