नरसिंह जयंती कल, जानें पूजन का मुहूर्त, विधि व पारण समय
Narasimha Jayanti tomorrow: हर साल वैशाख शुक्ल चतुर्दशी को नृसिंह जयन्ती पर्व मनाया जाता है। नरसिंह भगवान विष्णु जी के चौथे अवतार माने जाते हैं। नरसिंह जयंती पर भगवान विष्णु की पूजा करने से कष्ट-दुख दूर होते हैं।

Narasimha Jayanti 2025, नरसिंह जयंती कल: रविवार के दिन नरसिंह जयंती मनाई जाएगी। हिन्दू पंचांग के अनुसार, हर साल वैशाख शुक्ल चतुर्दशी को नृसिंह जयन्ती पर्व मनाया जाता है। नरसिंह भगवान विष्णु जी के चौथे अवतार माने जाते हैं। भगवान विष्णु राक्षस हिरण्यकशिपु का वध करने हेतु नरसिंह जयन्ती के दिन नरसिंह अर्ध सिंह (शेर) तथा अर्ध नर (मनुष्य) के रूप में प्रकट हुये थे। मन्यताओं के अनुसार, नरसिंह जयन्ती पर मध्याह्न के दौरान संकल्प ग्रहण करते हैं तथा सूर्यास्त से पहले शाम के समय भगवान नरसिंह की पूजा होती है। ऐसा माना जाता है कि भगवान नरसिंह चतुर्दशी तिथि में सूर्यास्त के समय प्रकट हुये थे। नरसिंह जयंती के दिन भगवान विष्णु की पूजा करना पुण्यदायक माना जाता है। जानें, कल नरसिंह जयंती का पूजन मुहूर्त, विधि व व्रत पारण टाइम-
जानें पूजन का मुहूर्त
नृसिंह जयन्ती मध्याह्न संकल्प का समय - 10:57 ए एम से 13:39 पी एम
चतुर्दशी तिथि प्रारम्भ - मई 10, 2025 को 17:29 पी एम
चतुर्दशी तिथि समाप्त - मई 11, 2025 को 20:01 पी एम
नृसिंह जयन्ती सायंकाल पूजा का समय - शाम 04:21 पी एम से 07:03 पी एम
अवधि - 02 घण्टे 42 मिनट्स
पारण समय: मई 12 05:32 ए एम के बाद। नृसिंह जयन्ती पारण के दिन चतुर्दशी सूर्योदय से पहले समाप्त हो जाएगी।
पूजा-विधि
- स्नान आदि कर मंदिर की साफ सफाई करें
- भगवान श्री हरि विष्णु का जलाभिषेक करें
- प्रभु का पंचामृत सहित गंगाजल से अभिषेक करें
- अब प्रभु को पीला चंदन और पीले पुष्प अर्पित करें
- मंदिर में घी का दीपक प्रज्वलित करें
- संभव हो तो व्रत रखें और व्रत लेने का संकल्प करें
- ॐ नमो भगवते वासुदेवाय मंत्र का जाप करें
- पूरी श्रद्धा के साथ भगवान श्री हरि विष्णु की आरती करें
- प्रभु को तुलसी दल सहित भोग लगाएं
- अंत में क्षमा प्रार्थना करें
नरसिंह जी की आरती
ॐ जय नरसिंह हरे,
प्रभु जय नरसिंह हरे ।
स्तंभ फाड़ प्रभु प्रकटे,
स्तंभ फाड़ प्रभु प्रकटे,
जनका ताप हरे ॥
ॐ जय नरसिंह हरे ॥
तुम हो दिन दयाला,
भक्तन हितकारी,
प्रभु भक्तन हितकारी ।
अद्भुत रूप बनाकर,
अद्भुत रूप बनाकर,
प्रकटे भय हारी ॥
ॐ जय नरसिंह हरे ॥
सबके ह्रदय विदारण,
दुस्यु जियो मारी,
प्रभु दुस्यु जियो मारी ।
दास जान आपनायो,
दास जान आपनायो,
जनपर कृपा करी ॥
ॐ जय नरसिंह हरे ॥
ब्रह्मा करत आरती,
माला पहिनावे,
प्रभु माला पहिनावे ।
शिव जी जय जय कहकर,
पुष्पन बरसावे ॥
ॐ जय नरसिंह हरे ॥
डिस्क्लेमर: इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम यह दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य एवं सटीक हैं। विस्तृत और अधिक जानकारी के लिए संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।