पार्किंग नहीं तो कार नहीं! गाड़ी खरीदने जा रहे लोगों के लिए आई बुरी खबर, इस सरकार ने रख दी ये नई शर्त
अगर आप महाराष्ट्र में रहते हैं और आपके पास कार पार्किंग की जगह नहीं है, तो आप आने वाले समय में नई कार नहीं खरीद पाएंगे। जी हां, क्योंकि महाराष्ट्र सरकार ने गाड़ी खरीदने जा रहे ग्राहकों के लिए ये नई शर्त रख दी है। आइए इसे जरा विस्तार से समझते हैं।

अगर आप महाराष्ट्र में रहते हैं और नई कार खरीदने का सोच रहे हैं, तो जरा रुक जाइए। अब सिर्फ पैसे और पसंद की कार चुनना काफी नहीं होगा। जी हां, क्योंकि महाराष्ट्र सरकार ने एक ऐसा नया नियम प्रस्तावित किया है, जो आपकी कार खरीद की पूरी सोच को बदल सकता है। आइए जरा विस्तार से इसकी डिटेल्स जानते हैं।
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"नो पार्किंग, नो कार" – क्या है ये नया नियम?
महाराष्ट्र सरकार ने भीड़-भाड़ और ट्रैफिक जाम से जूझते शहरों को राहत देने के लिए एक सख्त कदम उठाया है। अब कार खरीदने से पहले ये साबित करना होगा कि आपके पास वैलिड पार्किंग स्पेस है। यानि, जब तक आपके पास पार्किंग की जगह नहीं होगी, आप नई कार रजिस्टर ही नहीं करवा पाएंगे।
किन शहरों में लागू होगा यह नियम?
यह नियम शुरुआत में केवल शहरी इलाकों में लागू होगा। इसमें मुंबई, पुणे, ठाणे और नागपुर जैसे शहर शामिल होंगे। ग्रामीण इलाकों और कमर्शियल वाहनों को इससे फिलहाल छूट मिल सकती है।
क्यों लाया गया ये नियम?
महाराष्ट्र में 4 करोड़ से ज्यादा रजिस्टर्ड वाहन हैं। सिर्फ मुंबई में ही रोजाना करीब 600 नए वाहन सड़क पर उतरते हैं। इसका नतीजा तंग गलियों में खड़ी गाड़ियां, फुटपाथ तक पर कब्जा, दिन-ब-दिन बढ़ता ट्रैफिक जाम है। सरकार की मंशा है कि लोग सोच-समझकर गाड़ी खरीदें, सिर्फ इसलिए नहीं कि उनके पास पैसा है, बल्कि इसलिए कि उनके पास उसे रखने की जगह भी हो।
कैसे काम करेगा नया सिस्टम?
जब कोई ग्राहक नई कार की रजिस्ट्रेशन के लिए RTO में आवेदन करेगा, तब उसे ये प्रमाण देना होगा कि उसके पास पार्किंग स्पेस (खुद की या किराए पर ली हुई) उपलब्ध है। ये दस्तावेज RTO अधिकारी वेरीफाई करेंगे। सब कुछ सही पाया गया, तो ही गाड़ी की रजिस्ट्रेशन होगी। प्रक्रिया का फॉर्मेट अभी फाइनल नहीं हुआ है, लेकिन जल्दी ही इसका खाका सामने आएगा।
किसे होगी सबसे ज्यादा परेशानी?
इस नियम से पुरानी बिल्डिंग्स में रहने वाले लोग, जहां पार्किंग की सुविधा नहीं है, उन्हें काफी परेशानी होगी। इसके अलावा किरायेदार को भी समस्या होगी, जिन्हें पक्की पार्किंग नहीं मिलती है। इसके अलावा दूसरी या तीसरी गाड़ी खरीदने वालों को भी असुविधा होगी और वो लोग जो सिर्फ शो-ऑफ या शौक में गाड़ी खरीदते हैं, वे भी अब नई कार नहीं ले पाएंगे।
कार डीलरों और कंपनियों पर क्या असर पड़ेगा?
एंट्री-लेवल कार्स की बिक्री पर असर पड़ सकता है। लोग कार खरीदने का प्लान टाल सकते हैं। लेकिन, कुछ कंपनियां इस नियम को पॉजिटिव बदलाव मान रही हैं, क्योंकि इससे शहरों का इंफ्रास्ट्रक्चर और भीड़ कुछ हद तक कंट्रोल में आएगा।
क्या यह काफी है?
सिर्फ नियम बना देने से समाधान नहीं होगा। इसके साथ-साथ सरकार को पब्लिक ट्रांसपोर्ट को बेहतर बनाना होगा। मल्टी-लेवल पार्किंग जैसी सुविधाएं बढ़ानी होंगी और साथ ही गैरकानूनी पार्किंग पर सख्त कार्रवाई करनी होगी।
महाराष्ट्र सरकार का यह कदम साफ संकेत देता है कि अगर कार खरीदनी है, तो जिम्मेदारी से खरीदो। यह नियम सिर्फ एक सरकारी आदेश नहीं, बल्कि शहरों को सांस लेने का मौका देने की कोशिश है। अगर इसे सही तरीके से लागू किया गया, तो यह बाकी राज्यों के लिए भी एक रोल मॉडल बन सकता है।
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