बिहार के 39 लाख परिवार अब भी बेघर, मंत्री श्रवण कुमार ने बताया कैसे मिलेगा PMAY का लाभ?
पीएमएवाई के तहत किए गए सर्वे में राज्य के 38 लाख 98 हजार पक्का आवास विहीन परिवार चिह्नित किये गये हैं। ग्राम सभा से अनुमोदन के बाद इन परिवारों की अंतिम सूची बनेगी, जिन्हें उक्त योजना का लाभ दिया जाएगा। इसकी जानकारी ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार ने दी।

प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के तहत चल रहे सर्वे में अब-तक राज्य के 38 लाख 98 हजार पक्का आवास विहीन परिवार चिह्नित किये गये हैं। ग्राम सभा से अनुमोदन के बाद इन परिवारों की अंतिम सूची बनेगी, जिन्हें उक्त योजना का लाभ दिया जाएगा। इसके तहत पक्का मकान बनाने के लिए हर लाभुक को एक लाख 20 हजार की सहायता राशि दी जाएगी। ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार ने सोमवार को विधानसभा में विभाग के बजट पर हुए वाद-विवाद के बाद सरकार के उत्तर में कहा कि सर्वे 31 मार्च तक चलेगा। इस दौरान और भी आवासविहीन परिवारों के नाम जुड़ेंगे। इन पात्र परिवारों में जिनके पास भूमि नहीं है, उन्हें सरकार भूमि भी उपलब्ध कराएगी। सरकारी भूमि नहीं होने पर एक लाख रुपये सरकार देगी, ताकि लाभुक मकान बनाने के लिए जमीन की खरीद कर सकें। दस जनवरी से इसका सर्वे चल रहा है।
मंत्री ने आगे बताया कि उक्त योजना में वर्ष 2016-17 से 2022 तक 37 लाख एक हजार 38 आवास का लक्ष्य भारत सरकार से मिला था। इनमें 36 लाख 58 आवास का निर्माण पूरा कर लिया गया है। शेष आवास का निर्माण जल्द ही करा दिया जाएगा। विधानसभा में विभाग के 16 हजार 93 करोड़ के बजट की स्वीकृति दे दी गई। मंत्री ने यह भी कहा कि बिहार पहला राज्य है जहां मुख्यमंत्री ग्रामीण आवास योजना की शुरुआत की गई है। इसके तहत अब-तक 86 हजार 586 घर की स्वीकृति दी गई है, जिनमें 79 हजार 645 का निर्माण पूरा हो गया है।
376 बीडीओ पर कार्रवाई
मंत्री ने यह भी कहा कि किसी भी कर्मी-पदाधिकारी द्वारा किसी प्रकार की अनियमितता बरतने पर टॉल फ्री नंबर जारी किया गया है, ताकि जनता शिकायत कर सके। राज्य में अब-तक 185 आवास कर्मियों का अनुबंध समाप्त किया गया है। साथ ही 376 प्रखंड विकास पदाधिकारी (बीडीओ) पर कार्रवाई की गई है। उन्होंने यह भी कहा कि सभी सांसदों, विधायकों और विधान पार्षदों को पत्र भेजा गया है कि आवास योजना में कोई भी गरीब का नाम छूट रहा है तो वह सरकार को बतायें। ताकि, सबके नाम शामिल किये जायें। उन्होंने यह भी कहा कि राज्य में हरियाली क्षेत्र बढ़ाने के लिए 17 करोड़ 80 लाख से अधिक पौधे लगया गये हैं। हरियाली बढ़ने से जलवायु परिवर्तन होने से हो रहे नुकसान में कमी आयी है। वहीं, राज्य सरकार की ओर से सौर्य ऊर्जा के क्षेत्र में सरकार तेजी से कदम बढ़ा रही है।
मुख्यमंत्री वोट के लिए काम नहीं करते
ग्रामीण विकास मंत्री ने यह भी कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में महिला सशक्तीकरण के लिए किये गये कार्य देश के लिए मिसाल बने हैं। मुख्यमंत्री वोट के लिए काम नहीं करते हैं। बिहार की जनता के साथ उनका कमिटमेंट है, जिसके लिए वह काम करते हैं। बिहार में कोई भी गरीब छत से वंचित नहीं रहेगा।
जल-जीवन-हरियाली नाम पर सीएम ने टोका
विधानसभा में ग्रामीण विकास विभाग के बजट पर चल रहे वाद-विवाद के दौरान जल-जीवन-हरियाली अभियान के नाम को लेकर सीएम ने टोका, कहा कि जल-जीवन-हरियाली के बीत डैश है। इसलिए जल डैश जीवन डैश हरियाली बोलें, ना कि सिर्फ जल-जीवन-हरियाली। इसके बाद सदस्यों ने भी उसी अनुरूप जल-जीवन-हरियाली बोलने लगे।