Water crisis in Bihar by 2050 water availability will decrease by 37 Percent IIT Patna report reveals जल संकट के मुहाने पर बिहार, 2050 तक मच सकता है हाहाकार; नीतीश ​सरकार ने बताया, कितना कम है अब ​पानी, Bihar Hindi News - Hindustan
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जल संकट के मुहाने पर बिहार, 2050 तक मच सकता है हाहाकार; नीतीश ​सरकार ने बताया, कितना कम है अब ​पानी

मंत्री विजय कुमार चौधरी ने विधानसभा में कहा है कि बिहार जल संकट के दरवाजे पर खड़ा है।आजादी के समय बिहार में जल की उपलब्धता 5000 घन मीटर से अधिक थी। अगले 100 सालों में बिहार में जल की उपलब्धता में लगभग 90 फीसदी की कमी आ जाएगी।

sandeep हिन्दुस्तान, हिन्दुस्तान ब्यूरो, पटनाTue, 11 March 2025 07:38 PM
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जल संकट के मुहाने पर बिहार, 2050 तक मच सकता है हाहाकार; नीतीश ​सरकार ने बताया, कितना कम है अब ​पानी

बिहार में वर्ष 2050 तक प्रति व्यक्ति जल की उपलब्धता मात्र 635 घनमीटर रह जाएगी। अर्थात अगले 25 वर्ष में जल उपलब्धता करीब 37 फीसदी कम हो जाएगी। अभी वर्ष 2025 में बिहार में प्रति व्यक्ति जल की उपलब्धता 1006 घनमीटर है। आईआईटी पटना के अध्ययन में यह बात सामने आई है। इस रिपोर्ट के आधार पर जल संसाधन मंत्री विजय कुमार चौधरी ने विधानसभा में कहा है कि बिहार जल संकट के दरवाजे पर खड़ा है। मंत्री मंगलवार को विधानसभा में विभागीय बजट पर सरकार का पक्ष रख रहे थे। मंत्री ने सदन में जल संसाधन विभाग का 7451.1499 करोड़ का बजट पेश किया।

चौधरी ने कहा कि आजादी के समय बिहार में जल की उपलब्धता 5000 घन मीटर से अधिक थी। इस प्रकार 100 वर्षों में बिहार में जल की उपलब्धता में लगभग 90 फीसदी की कमी आ जाएगी। जल की उपलब्धता में लगातार कमी खतरनाक संकेत है। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि जल-जीवन-हरियाली के कारण बिहार ने जल संकट को दूर करने में जुटा है। इसके सकारात्मक परिणाम भी सामने आ रहे हैं। इसके कारण बीते साल बिहार में भूजल का क्षेत्र 929 वर्ग किलोमीटर तक बढ़ा है।

मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार बाढ़ के समय नदियों के अधिशेष जल को सूखाग्रस्त और जल संकट वाले इलाकों में भेजने की योजना पर काम कर रही है। विभाग ने बाढ़ के पानी को पेयजल और सिंचाई के लिए उपयोग करने की योजना बनायी है। इससे भी राज्य का जल संकट दूर होगा। यही नहीं, नदियों के पानी की बर्बादी भी रुकेगी। बाढ़ के समय नदियों का पानी बंगाल की खाड़ी में जाकर व्यर्थ हो जाता है।

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तटबंधों के सुदृढ़ीकरण के लिए केंद्र से मांगी मदद

मंत्री ने कहा कि विभाग ने प्रमुख नदियों के तटबंधों को ऊंचा करने और उन्हें सुदृढ़ करने की योजना बनायी है। इसके लिए केन्द्र सरकार से मदद भी मांगी है। केन्द्र सरकार ने सहयोग का आश्वासन दिया है। बीते साल बिहार में रिकॉर्ड बाढ़ आई। सभी प्रमुख नदियों ने जलस्तर का रिकॉर्ड बनाया। यही नहीं, कोसी, बागमती, गंडक, कमला बलान जैसी नदियों का पानी उनके तटबंध के ऊपर तक पहुंच गया। इसके पहले विपक्षी विधायकों ने मंत्री पर उनके द्वारा उठाये सवालों का जवाब नहीं देने का आरोप लगाया। विपक्षी विधायकों ने वेल में आकर विरोध में नारेबाजी भी की और सदन से वाकआउट किया। उनकी गैरमौजूदगी में ही सदन ने जल संसाधन विभाग के बजट पर अपनी सहमति प्रदान की।

2261 पदों पर होगी नियुक्ति

जल संसाधन मंत्री ने बताया कि इस साल 2261 पदों पर नियुक्ति होगी। इनमें 558 कनीय अभियंता और 351 सहायक अभियंता के पद शामिल है। इनमें कनीय अभियंता के 558 पदों पर नियुक्ति की अधियाचना बिहार तकनीकी सेवा आयोग को भेज दी गयी है, जबकि सहायक अभियंता के पद पर बहाली की अधियाचना भेजे जाने की प्रक्रिया चल रही है। मंत्री ने कहा कि साथ ही क्षेत्रीय कार्यालयों में 141 निम्नवर्गीय लिपिक और 1149 कार्यालय परिचारी के पदों पर सीधी नियुक्ति की अधियाचना सामान्य प्रशासन विभाग को भेजी गयी है। क्षेत्रीय कार्यालयों में 32 चालकों की भी नियुक्ति की जाएगी।

गाद के कारण मर रही नदियां

मंत्री ने कहा कि बिहार में गाद के कारण नदियों की स्थिति बेहद खराब हैं। खासकर गंगा नदी में तो बीच में ही गाद के टीले बन गए हैं। इस कारण नदी किनारे होकर बह रही है। जहां नदी को सबसे अधिक गहरी होनी चाहिए थी, वहां सबसे उथली है।