After fake ips now fake police inspector in bihar bhojpur ara फर्जी IPS के बाद बिहार में नकली दारोगा, चुनाव में भी करता था ड्यूटी; पत्नी से भी जालसाजी, Bihar Hindi News - Hindustan
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फर्जी IPS के बाद बिहार में नकली दारोगा, चुनाव में भी करता था ड्यूटी; पत्नी से भी जालसाजी

जगदीशपुर एसडीपीओ राजीव चंद्र सिंह ने बताया कि नकली दारोगा बन कर घूमने वाला राकेश कुमार सिंह कुछ दिन पहले बिहिया थाना भी आया था। तब उसने अपने को 2019 बैच का दारोगा बताया था और एक केस के अनुसंधान में आने की बात कही थी। बिहिया थाने में पोस्टेड एसआई पूजा कुमारी को अपना बैचमेट बताया था।

Nishant Nandan हिन्दुस्तान, हिन्दुस्तान संवाददाता, आरा/बिहियाWed, 25 Dec 2024 06:55 AM
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फर्जी IPS के बाद बिहार में नकली दारोगा, चुनाव में भी करता था ड्यूटी; पत्नी से भी जालसाजी

बिहार में कुछ समय पहले एक फर्जी आईपीएस मिथिलेश कुमार को पकड़ा गया था और अब एक नकली दारोगा भी सामने आया है। भोजपुर के बिहिया में मंगलवार को नकली दारोगा बन कर घूम रहे एक जालसाज को गिरफ्तार किया गया है। दारोगा के नाम पर लोगों पर धौंस जमाने की सूचना मिलने पर उसे गिरफ्तार किया गया। गिरफ्तार युवक जिले के ही गड़हनी थाना क्षेत्र के मदुरा गांव निवासी अनिल सिंह का पुत्र राकेश कुमार सिंह है। वह अपने को 2019 बैच का दारोगा बता रहा था। उसके पास दारोगा की वर्दी, बेल्ट, टोपी और बैच भी बरामद किया गया है। वह करीब दो सालों से रोहतास और भोजपुर जिले में नकली दारोगा बन कर घूम रहा था। उसके मोबाइल से रोहतास जिले में पैक्स चुनाव और छठ पूजा के अवसर पर ड्यूटी करने का फोटो भी मिला है। पुलिस ने उसका मोबाइल भी जब्त कर लिया है। एसपी राज की ओर से उसकी गिरफ्तारी की पुष्टि की गयी है।

उन्होंने बताया कि प्राथमिकी दर्ज करते हुए कहा उसके खिलाफ विधि सम्मत कार्रवाई की जा रही है। उससे नकली दारोगा बनने के कारणों के बारे में भी पूछताछ की जा रही है। उसके मोबाइल से मिले फोटो की सच्चाई की भी पुलिस जांच कर रही है। बताया जा रहा है मंगलवार को पुलिस को सूचना मिली कि अपने को दारोगा बता रहा एक युवक बाजार में घूम रहा है और लोगों पर धौंस जमा रहा है। सूचना मिलने पर तुरंत थानाध्यक्ष आदित्य कुमार के नेतृत्व में एसआई पूजा कुमारी पहुंची, तो वह भागने लगा। हालांकि पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया। उसके पास से दारोगा की वर्दी, बेल्ट, बैच और टोपी बरामद की गयी है। वह पूर्व में बिहिया थाने पर दारोगा बन कर गया था। इधर, जमुई में आईपीएस अफसर के बाद भोजपुर में नकली दारोगा की गिरफ्तारी से जिले में तरह-तरह की चर्चा चल रही है।

केस के अनुसंधान के नाम पर आया था बिहिया थाना

जगदीशपुर एसडीपीओ राजीव चंद्र सिंह ने बताया कि नकली दारोगा बन कर घूमने वाला राकेश कुमार सिंह कुछ दिन पहले बिहिया थाना भी आया था। तब उसने अपने को 2019 बैच का दारोगा बताया था और एक केस के अनुसंधान में आने की बात कही थी। बिहिया थाने में पोस्टेड एसआई पूजा कुमारी को अपना बैचमेट बताया था। अन्य दारोगा के साथ लिया गया अपना फोटो भी दिखाया था। उसने कहा था कि वह रोहतास के बिक्रमगंज थाने में पोस्टेड है। केस के अनुसंधान के जानकारी लेनी है। वह अनुसंधान में अक्सर मिलने-जुलते रहने की बात कहते हुए दारोगा पूजा कुमारी का मोबाइल नंबर मांग रहा था। इस पर दारोगा पूजा कुमारी को संदेह हुआ और उन्होंने थानाध्यक्ष को इसकी जानकारी दी। इसके बाद बिक्रमगंज थाने में बात की गयी, तो पता चला कि वह नकली दारोगा बन घूम रहा है।

चयन प्रमाण पत्र भी फर्जी निकला

नकली दारोगा के पास से पुलिस अवर निरीक्षक पद का चयन से संबंधी एक प्रमाण पत्र भी मिला है। एसडीपीओ के अनुसार वह भी फर्जी है। दूसरे के प्रमाण पत्र को फर्जी तरीके से इसने अपने नाम का बनवा लिया है।

परिजनों को कर रहा था गुमराह, टेक्नीशियन के नाम पर की थी शादी

नकली दारोगा बन कर घूमने वाला राकेश कुमार सिंह पत्नी सहित अपने घरवालों को भी बेवकूफ बना रहा था। उसने घरवालों को भी बता रखा था कि वह दारोगा बन गया है। वर्दी में ड्यूटी करते फोटो भी दिखाया था। उसकी पत्नी भी उसकी जालसाजी से बेखबर थी। एसडीपीओ ने बताया कि गिरफ्तारी की सूचना पर पहुंचे उसके परिजनों ने बताया कि उन लोगों को भी उसने धोखे में रखा था। पहले बता रहा था कि टेक्नीशियन है। इस पर ही उसकी शादी हुई थी। बाद में बताने लगा कि दारोगा बन गया है। एसडीपीओ ने बताया कि जांच में पता चला कि वह सिर्फ जालसाजी करता है। बताया जा रहा है कि उसकी पत्नी छत्तीसगढ़ में रेलवे में स्टेशन मास्टर है।

रोहतास के जमुआ में बनाया था ठिकाना

गड़हनी के मदुरा गांव निवासी राकेश कुमार सिंह करीब दो साल से नकली दारोगा बन कर घूम रहा था। उसने रोहतास और भोजपुर के कई अधिकारियों को गुमराह कर उनसे संपर्क स्थापित कर लिया था। जवानों के साथ ड्यूटी का फोटो दिखाकर वह लोगों पर वर्दी का धौंस भी जमाता था। वह अपने को कभी सासाराम, कभी काराकाट, तो कभी हसन बाजार में पोस्टेड होने की बात कहता था। उसके मोबाइल से चुनाव ड्यूटी करने का फोटो भी मिला है।