बिहार का एक और लाल बॉर्डर पर शहीद, मनीष कुमार की 2 महीने पहले हुई थी शादी, कल आएगा पार्थिव शरीर
देश की सीमा पर बिहार का एक और जवान शहीद हो गया है। नवादा जिले के जवान मनीष कुमार जम्मू-कश्मीर में ड्यूटी के दौरान शहीद हो गए। दो महीने पहले ही उनकी शादी हुई थी। कल उनका पार्थिव शरीर पैतृक गांव आएगा।

नवादा जिले के कौआकोल प्रखंड का लाल केंद्रशासित प्रदेश लद्दाख के कारगिल में शहीद हो गया। वह भारत-पाकिस्तान की सीमा पर तैनात था। बुधवार को उसके पैतृक गांव पाण्डेय गंगौट में जैसे ही उसके शहादत की सूचना मिली, परिजनों से लेकर गांव तक में कोहराम मच गया। शहीद फौजी की मां और पत्नी का रो-रोकर बुरा हाल है। शहीद का पार्थिव शरीर गुरुवार की शाम तक गांव पहुंचने की संभावना है। इसके बाद राजकीय सम्मान के साथ गांव के ही श्मशान घाट पर उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।
शहीद जवान मनीष कुमार के पिता अशोक राम ने बताया कि बुधवार को सुबह अचानक वहां के कर्नल ने बेटे पिंटू कुमार के मोबाइल पर फोन किया और उन्होंने बोला कि आपका भाई शहीद हो गया है। अचानक मिली इस खबर से परिजन सकते में आ गए और पूरे परिवार में कोहराम मच गया। शहीद जवान की मां व पत्नी बेसुध हो गईं। पिता सन्न रह गए। उनके मुंह से कोई आवाज ही निकल पा रही थी। गांव में जैसे ही मनीष की शहादत की खबर मिली, सभी दौड़े दौड़े उनके घर पहुंच गए। देखते ही देखते शहीद के घर पर भीड़ उमड़ पड़ी।
वहीं घटना की जानकारी मिलते ही सदर एसडीओ अखिलेश कुमार, पकरीबरावां डीएसपी महेश चौधरी, थानाध्यक्ष दीपक कुमार, पाण्डेय गंगौट पंचायत के मुखिया दीपक कुमार शहीद जवान के घर पहुंचे और उसके माता-पिता तथा पत्नी को सांत्वना दी। सभी ने कहा कि मनीष की शहादत कभी भी बेकार नहीं जाएगी। इस दुख की घड़ी में पूरे देशवासी और सरकार आपके साथ हैं।
वहीं घटना की जानकारी मिलते ही सदर एसडीओ अखिलेश कुमार, पकरीबरावां डीएसपी महेश चौधरी, थानाध्यक्ष दीपक कुमार, पाण्डेय गंगौट पंचायत के मुखिया दीपक कुमार शहीद जवान के घर पहुंचे और उसके माता-पिता तथा पत्नी को सांत्वना दी। सभी ने कहा कि मनीष की शहादत कभी भी बेकार नहीं जाएगी। इस दुख की घड़ी में पूरे देशवासी और सरकार आपके साथ हैं।
दो माह पहले ही हुई थी फौजी की शादी
मनीष अशोक राम का तीसरा पुत्र था। 2018 में उसकी बहाली आर्मी में हुई थी। पिता ने बताया कि मनीष की शादी 6 मार्च 2025 को ही हुई थी। शादी के कुछ दिनों बाद ही वह देश की सेवा के लिए ड्यूटी पर चला गया। गांव वालों ने बताया कि मनीष बड़ा ही मिलनसार और सामाजिक लड़का था। वह छुट्टी पर घर आता था तो सभी लोगों से मिलकर हाल-चाल पूछता और अपना हाल-चाल भी सभी को बताता था। उसकी शहादत से पूरे गांव में मातम छा गया है।