पटना में एक और डॉक्टर की मौत, डेड बॉडी छोड़ भागे अस्पताल संचालक और कर्मी; मर्डर का आरोप
- मृत डॉक्टर के भाई दानिश ने अस्पताल से जुड़े लोगों और तीन कर्मियों पर हत्या का आरोप लगाया है। उन्होंने बताया कि जताउल्लाह खान के हाथ में पूरे अस्पताल का प्रबंधन था। वे अस्पताल के तीसरी मंजिल पर रहते थे। उन्होंने बताया कि भाई के हाथ पर खरोंच के निशान हैं।

बिहार की राजधानी पटना में एक और डॉक्टर की मौत के बाद मर्डर का आरोप लगा है। दरअसल दीघा थाने के घुड़दौड़ रोड स्थित निजी अस्पताल में कार्यरत आयुष चिकित्सक जताउल्लाह खान उर्फ बादशाह खान (32) की संदिग्ध परिस्थिति में मौत हो गई। उनका शव अस्पताल स्थित उनके कमरे से बरामद किया गया। डॉक्टर की मौत के बाद अस्पताल संचालक और कर्मी फरार हो गए। डॉक्टर मूल रूप से मोतिहारी के वार्ड संख्या 13 स्थित नकछंद टोला के रहने वाले थे। घटना की सूचना के बाद पटना पहुंचे परिजनों ने अस्पताल से जुड़े लोगों पर हत्या का आरोप लगाया है।
मोतिहारी निवासी जताउल्लाह खान ने मोतिहारी के चकिया सूफी यूनानी कॉलेज से बीयूएमएस की पढ़ाई की थी। वे तीन भाइयों में मांझिल थे। दो भाई व्यापार करते हैं। पिता मुस्तकीम खान स्थानीय कोर्ट में वकील हैं। अविवाहित जताउल्लाह खान बीते चार वर्ष से घुड़दौड़ रोड स्थित निजी अस्पताल में आयुष चिकित्सक के पद पर कार्यरत थे। मंगलवार की आधी रात बाद उनकी अचानक मौत हो गई। इसके बाद अस्पताल के कर्मी शव छोड़ भाग गए।
बुधवार सुबह घटना की सूचना पर परिजन पटना पहुंचे और दीघा थाने में शिकायत की। पूछताछ में अस्पताल के कर्मियों ने बताया कि जताउल्लाह कुछ दिनों से अस्वस्थ थे। तबीयत बिगड़ने पर मंगलवार की आधी रात उन्हें स्लाइन चढ़ाई गई थी। बाद में मौत हो गई।
भाई बोले-शरीर पर खरोंच के निशान
भाई दानिश ने अस्पताल से जुड़े लोगों और तीन कर्मियों पर हत्या का आरोप लगाया है। उन्होंने बताया कि जताउल्लाह खान के हाथ में पूरे अस्पताल का प्रबंधन था। वे अस्पताल के तीसरी मंजिल पर रहते थे। उन्होंने बताया कि भाई के हाथ पर खरोंच के निशान हैं। उन्होंने आशंका जाहिर की कि पैसों के लेनदेन अथवा अस्पताल में हिस्सेदारी को लेकर उनकी हत्या की गई है। थानेदार ब्रज किशोर सिंह ने बताया कि अस्पताल में लगे सीसीटीवी कैमरों व डॉक्टर के मोबाइल का सीडीआर खंगाला जा रहा है। एफएसएल की टीम ने साक्ष्य एकत्र किए हैं।
आपको याद दिला दें कि इससे पहले एशिया अस्पताल की चिकित्सक डॉक्टर सुरभि राज की भी मौत अस्पताल में हुई थी। उन्हें उनके चैंबर में 7 गोलियां मारी गई थीं। जांच-पड़ताल के बाद पुलिस ने इस हत्याकांड में सुरभि के पति समेत कुछ अन्य आरोपियों को गिरफ्तार किया था।