सम्मानजनक हो संविदाकर्मियों का मानदेय तो सेवानिवृत्त कर्मियों को मिले पेंशन का लाभ
बेतिया नगर निगम के सेवानिवृत्त कर्मचारियों को पेंशन नहीं मिल रही है, जबकि वर्तमान कर्मचारियों की तनख्वाह बेहद कम है। यूनियन के अध्यक्ष ने 18000 रुपये मासिक वेतन की मांग की है। कर्मचारियों की समस्याएं...
बेतिया नगर निगम के अधीन काम करने वाले व सेवानिवृत्त कर्मचारी कम वेतन और पेंशन की मार से बेजार हो रहे हैं। सेवानिवृत्त कर्मचारियों का कहना है कि पिछले 40 साल तक काम किया लेकिन, अब उन्हें पेंशन नहीं दी जा रही है। वहीं वर्तमान में काम कर रहे कर्मचारियों का तनख्वाह बेहद कम है। इस तनख्वाह से घर चलाना मुश्किल है। कर्मचारियों के यूनियन के अध्यक्ष हरेंद्र पटेल ने कहा कि आउटसोर्स के तहत कार्यरत कर्मियों को बेतिया नगर निगम से अन्य कर्मियों की भांति 18000 की मासिक मजदूरी मिलनी चाहिए। सीवान नगर परिषद में कर्मचारियों को प्रतिमाह 18000 रुपए मिलते हैं लेकिन बेतिया नगर निगम होने के बावजूद कर्मचारियों को मात्र 9000 रुपये प्रतिमाह मिलते हैं। इतने कम पैसों में परिवार का भरण-पोषण, बच्चों की शिक्षा, इलाज आदि का खर्च नहीं चल पा रहा है। यहां काम करने वाले स्थायी कर्मचारियों को वरीयता के आधार पर पदोन्नति का लाभ नहीं दिया गया है। इससे कर्मचारी अपने पद से आगे नहीं पढ़ पा रहे हैं। उन्हें आर्थिक लाभ नहीं मिल पा रहा है।
गणपत राउत ने कहा कि वर्ष 2011 में ही बेतिया के बोर्ड से स्वीकृति मिली थी, इसमें सेवानिवृत कर्मचारियों को पेंशन और पारिवारिक पेंशन का भुगतान होना था लेकिन इक्का-दुक्का कर्मचारियों को छोड़कर अन्य कर्मचारियों को वेतन का लाभ नहीं मिल पा रहा है। कार्य के दौरान मौत हो जाने पर आश्रित को अनुकंपा पर नौकरी और 10 लाख रुपये आर्थिक मदद मिलनी चाहिए। सभी कर्मचारियों की भविष्य निधि की कटौती राशि को अधिकतम किया जाए और इसकी जानकारी कर्मचारियों को दी जाए। शिवजी कुमार ने कहा कि सेवानिवृत्त कर्मचारियों के तमाम बकाये का भुगतान किया जाय। निगम की ओर से मिलने वाले सभी तरह के लाभ दिये जायें। 60 वर्ष की उम्र तक नौकरी की गारंटी दी जाए। इसके बाद सेवानिवृत्ति का लाभ दिया जाए। अभी हमारी सभी मांगें पूरी हो पाएंगी। 2009 में ही रिटायर हुईं जमानती देवी कहती हैं कि आज तक उन्हें पेंशन की राशि नहीं दी गई है। एक टेबल से दूसरे टेबल पर फाइल राशि के लिए भटकती रहती है। लेकिन कोई पूछने वाला नहीं है। इतने सारे काम करने के बावजूद उनकी कोई देखरेख करने वाला नहीं है। राम जी राम ने कहा कि उनकी बेटी की शादी है लेकिन रिटायरमेंट की राशि अभी तक नहीं मिल पाई है। जबकि सीता देवी, सोना देवी आदि का कहना था कि हमलोगों के पति की मौत का काफी समय बीत चुका है, लेकिन अभी तक उन्हें अनुकंपा का लाभ नहीं मिल पाया। अनुकंपा का लाभ नहीं मिलने से वह अभी भी अपने बाल-बच्चों के भरोसे रह रही हैं। रघुनाथ राम का कहना था कि 40 वर्षों से ज्यादा समय तक नौकरी की। इसके बाद भी पेंशन के लिए हम लोग भटक रहे हैं। नगर निगम की मेयर और नगर आयुक्त को हमारी भावनाओं की कद्र करनी चाहिए। हमारा पेंशन और जितने भी कर्मी काम कर रहे हैं उन्हें बेहतर वेतन की व्यवस्था करनी चाहिए। ताकि परिवार के भरण पोषण की परेशानी नहीं हो।
प्रस्तुति-गौरव कुमार
सर्विस बुक को सत्यापन के लिए भेजा गया है मुख्यालय
जितने भी संविदा कर्मचारी पूर्व से कार्यरत थे, उनका सर्विस बुक सत्यापन के लिए नगर विकास एवं आवास विभाग के मुख्यालय भेजा गया है। अभी तक के कर्मियों के सर्विस बुक सत्यापन होकर नहीं लौटे हैं। सर्विस बुक सत्यापन होकर आने के बाद पेंशन से संबंधित मामलों में आगे की कार्रवाई की जाएगी। अन्य जितने भी संविदा और भुगतान संबंधित मामले हैं उसमें ऑफिस से बातचीत कर मामले का हल निकाला जाएगा। इसके साथ ही बोर्ड के निर्णय पर भी संविदा के वेतन संंबंधी मामले में कार्रवाई की जाएगी। अगर बोर्ड वेतनमान बढ़ाने का निर्णय लेती है तो आने वाले दिनों में कर्मियों के वेतन में बढ़ोत्तरी की जा सकती है। मृतकों के आश्रितों की फाइल मंगाई जा रही है। उसकी जांच कर कार्रवाई की जाएगी।
-विनोद कुमार, नगर आयुक्त, नगर निगम बेतिया
सुझाव
1. संविदाकर्मियों के वेतन में इजाफा किया जाए। इससे उन्हें घर-परिवार चलाने में आसानी हो।
2. कर्मियों का तबादला एक जगह से दूसरी जगह होता है तो वहां पर पगार ऐप से हाजिरी बनाने की सुविधा मिले।
3. पेंशन भोगियों को पेंशन देने की व्यवस्था नगर निगम शीघ्र करे ताकि उन्हें किसी पर आश्रित नहीं रहना पड़े।
4. सीवान नगर परिषद की तर्ज पर यहां भी 18000 रुपए मानदेय कर्मियों को मिलना चाहिए।
5. जितने भी स्थाई कर्मी हैं, उन्हें वरीयता के आधार पर पदोन्नति का लाभ मिलना चाहिए। इससे प्रोत्साहन मिलता है।
शिकायतें
1. संविदाकर्मियों को बेहद कम राशि दी जाती है। इससे उनका घर परिवार चलाना मुश्किल हो जाता है।
2. कर्मियों का तबादला एक जगह से दूसरे जगह कर दिया जाता है, जहां उन्हें हाजिरी बनाने में परेशानी होती है।
3.पेंशन भोगियाें को अभी तक पेंशन नहीं मिला है, जबकि पेंशन लेने के लिए वह दर-दर भटक रहे हैं।
4. सीवान में 18000 रुपये मानदेय मिल रहा है। बेतिया में मात्र 9000 रुपये मिल रहा हैं।
5. संविदा कर्मी को 42 साल सेवा अथवा 60 वर्ष उम्र की गारंटी संविदा कर्मियों को मिलना चाहिए।
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