धोरैया के ईटहरी गांव में जल संकट: टूटी टंकी, सूखा नल और बेहाल ग्रामीण
बोले बांकाबोले बांका प्रस्तुति- सुमन कुमार झा एक वर्ष पूर्व टूटा पानी का टंकी आजतक नहीं हो सका मम्मत धोरैया (बांका) संवाद सूत्र धोरैया

धोरैया (बांका) संवाद सूत्र धोरैया प्रखंड अंतर्गत चंदाडीह पंचायत के ईटहरी गांव के दलित टोला वार्ड नंबर 06 में बनी नल जल योजना दम तोड़ चुकी है। करीब एक वर्ष पूर्व आए तेज आंधी-तूफान में जलमीनार पर लगी पानी की टंकी गिरकर टूट गई थी। तब से यह जस की तस पड़ी हुई है, लेकिन अब तक किसी भी अधिकारी ने इस ओर ध्यान नहीं दिया। गांव के लोग पानी की गंभीर समस्या से जूझ रहे हैं, लेकिन राहत के कोई संकेत नहीं दिख रहे।
जिलाधिकारी के निर्देश पर गठित टीम द्वारा बंद पड़े जलमीनार की जांच की गई थी, लेकिन रिपोर्ट सिर्फ कागजों तक ही सीमित रह गई। 500 की आबादी वाले इस गांव में वर्ष 2017-18 में मुख्यमंत्री ग्रामीण पेयजल निश्चय योजना के तहत 12 लाख 26 हजार रुपये की लागत से यह योजना शुरू की गई थी। करीब 100 घरों को इससे जल आपूर्ति की सुविधा दी गई थी, लेकिन आज तक मरम्मत का कोई कार्य नहीं किया गया। ग्रामीणों का आरोप है कि कई बार मरम्मत के नाम पर राशि की निकासी की गई, लेकिन धरातल पर कोई काम नहीं हुआ।
एक वर्ष पूर्व यह योजना पीएचईडी को हस्तांतरित कर दी गई थी, लेकिन विभाग ने भी इसकी सुध नहीं ली। गांव में लगे पाइप भी जर्जर हो चुके हैं, जिससे पानी आपूर्ति बहाल करना और भी मुश्किल हो गया है। गर्मी बढ़ने के साथ जलस्तर नीचे चला गया है, जिससे लोगों की मुश्किलें और बढ़ गई हैं। पानी के बिना ग्रामीण त्राहिमाम कर रहे हैं, लेकिन प्रशासन और जनप्रतिनिधि मौन हैं। ईटहरी गांव में नल जल योजना दम तोड़ चुकी है, और ग्रामीण पानी के संकट से जूझ रहे हैं। एक साल से बंद पड़ी योजना को लेकर प्रशासन का रवैया उदासीन बना हुआ है। अधिकारियों के दावों के बावजूद अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। अगर जल्द ही इसे बहाल नहीं किया गया, तो गर्मियों में हालात और बिगड़ सकते हैं।
कोट:
ईटहरी गांव में बंद पड़ी नल जल योजना को जल्द से जल्द चालू किया जाएगा। हम यह सुनिश्चित करेंगे कि ग्रामीणों के घर तक पानी पहुंचे और उनकी समस्या का समाधान हो। योजना की मरम्मत की प्रक्रिया जल्द शुरू होगी।
रवि रंजन, कनीय अभियंता, पीएचईडी धोरैया
ग्रामीणों का दर्द
एक साल से ज्यादा समय बीत गया, लेकिन अब तक पानी की टंकी को दोबारा नहीं लगाया गया। इससे पूरे गांव में पानी की जबरदस्त किल्लत है। कई बार इस मुद्दे को प्रशासन के समक्ष उठाया गया, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। गर्मी के दिनों में हालात और भी खराब हो जाते हैं।
अजय लैया, ग्रामीण
गांव में पानी की समस्या से लोग परेशान हैं, लेकिन नल जल योजना चालू करने के लिए कोई पहल नहीं की जा रही। बच्चों, बुजुर्गों और महिलाओं को पानी के लिए दूर-दूर तक भटकना पड़ता है। अधिकारी सिर्फ आश्वासन देते हैं, लेकिन जमीनी स्तर पर कोई काम नहीं होता।
बासुदेव कापरी, ग्रामीण
टंकी टूटकर गिरने और पानी बंद रहने की सूचना कई बार अधिकारियों को दी गई, लेकिन अब तक कोई संज्ञान नहीं लिया गया। गर्मियों में हालात और भी विकट हो जाते हैं। गांव में पानी की कमी के कारण त्राहिमाम मचा हुआ है। सरकार को तुरंत इस दिशा में कदम उठाने चाहिए।
संतोष कुमार, ग्रामीण
गर्मी बढ़ने के साथ जल स्तर लगातार नीचे जा रहा है, जिससे गांव में पानी की भारी किल्लत हो गई है। पीने के पानी के लिए लोगों को कई किलोमीटर दूर जाना पड़ता है। अगर जल्द ही इस समस्या का हल नहीं निकला, तो स्थिति और भयावह हो जाएगी।
कुमार कापरी, ग्रामीण
गांव के लोग अब नल जल योजना से पानी मिलने की उम्मीद छोड़ चुके हैं। सरकारी योजना केवल कागजों पर चल रही है, जबकि लोग जैसे-तैसे अपनी प्यास बुझाने को मजबूर हैं। अगर जल्द ही इस दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया, तो हालात और बिगड़ सकते हैं।
छगुरी लेंया, ग्रामीण
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