साहित्य को बचाने की जरूरत, धर्म के आधार पर बांटने की साजिश: राजेंद्र राजन
कर्मचारी भवन के सभागार में मना प्रलेस का स्थापना दिवस... बेगूसराय, हमारे प्रतिनिधि। प्रगतिशील लेखक संघ के 90वें स्थापना दिवस एवं राहुल सांस्कृत्यायन की जयंती

बेगूसराय, हमारे प्रतिनिधि। प्रगतिशील लेखक संघ के 90वें स्थापना दिवस एवं राहुल सांस्कृत्यायन की जयंती के अवसर पर प्रलेस बेगूसराय की ओर से कर्मचारी भवन के सभागार में परिचर्चा सह कवि गोष्ठी की गई। अध्यक्षता डॉ. सीताराम प्रभंजन ने की व संचालन शगुफ्ता ताजवर ने किया। मौके पर प्रलेस के पूर्व राष्ट्रीय महासचिव राजेन्द्र राजन ने कहा कि प्रलेस स्थापना के 90 वर्ष पूरे हुए। सज्जाद जहीर एवं मुंशी प्रेमचंद के नेतृत्व में यह संगठन बना। इसने धार्मिक विभाजनता को तोड़ने का काम किया। यही कारण है कि देश में साहित्य क्रांति हुई। आज साहित्य को बचाने की जरूरत है। आज धर्म के आधार पर बंटवारा करने का प्रयास चल रहा है। आज समाज में फैल रहे नफरत को कैसे रोकें, इसकी बड़ी जिम्मेवारी है। साहित्य राजनीति के आगे कभी झुकेगा नहीं। हमें राहुल सांस्कृत्यायन को पढ़ना चाहिए। डॉ. रामरेखा, डॉ. सीताराम प्रभंजन आदि ने कहा कि राहुल सांस्कृत्यायन ने सभी भाषाओं को बचाने का काम किया। हमारी राजनीति पूंजीपति के आधार पर बंटती जा रही है। जबतक नए बाजार नए राजनीति को नहीं समझेंगे तो बिखड़ जाएंगे। दूसरे सत्र के काव्य गोष्ठी में शगुफ्ता ताजवर, प्रभा कुमारी, स्वाति गोदर, प्रेमचंद मिश्र, अमर शंकर झा, नरेन्द्र कुमार सिंह, कुंदन कुमारी, अमन कुमार शर्मा, राजनारायण राय, कवि देवेंद्र, अवनीश राजन ने अपनी कविताओं का पाठ किया। अंत में स्मृतिशेष कीर्ति नारायण मिश्र को श्रद्धांजलि देते हुए उनके कृतित्व एवं व्यक्तित्व पर चर्चा की गयी। धन्यवाद ज्ञापन प्रलेस जिला सचिव कुंदन कुमारी ने किया। इस अवसर पर प्रलेस राज्य सचिव राम कुमार सिंह, शिक्षक रामचंद्र सिंह, विप्लवी पुस्तकालय के उपाध्यक्ष भूषण सिंह, संयुक्त सचिव राम बहादुर यादव, कर्मचारी जिला मंत्री मोहन मुरारी, शंकर मोची, शिक्षक अमित कुमार आदि उपस्थित थे।
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