Professor in Rajouri alleges he was brutally beaten by soldiers Army orders probe सैनिकों ने बुरी तरह पीटा; राजौरी में प्रोफेसर ने लगाए आरोप, सेना ने दिए जांच के आदेश, Jammu-and-kashmir Hindi News - Hindustan
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सैनिकों ने बुरी तरह पीटा; राजौरी में प्रोफेसर ने लगाए आरोप, सेना ने दिए जांच के आदेश

  • गंभीर चोट लगने के बाद उन्हें जम्मू के गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज (GMC) में भर्ती कराया गया, जहां उनके सिर पर टांके लगाए गए और मेडिकल जांच की गई।

Himanshu Jha लाइव हिन्दुस्तानSat, 19 April 2025 07:14 AM
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सैनिकों ने बुरी तरह पीटा; राजौरी में प्रोफेसर ने लगाए आरोप, सेना ने दिए जांच के आदेश

जम्मू-कश्मीर के राजौरी जिले में सेना द्वारा एक विश्वविद्यालय के प्रोफेसर के साथ कथित मारपीट के मामले ने शुक्रवार को तूल पकड़ लिया। इस घटना के बाद भारतीय सेना ने जांच के आदेश दिए हैं और पुलिस ने अज्ञात सैन्य कर्मियों के खिलाफ FIR दर्ज कर ली है। IGNOU (इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय) में कार्यरत प्रोफेसर लियाकत अली ने आरोप लगाया कि गुरुवार देर रात राजौरी जिले के सीमावर्ती गांव लाम में वाहन जांच के दौरान उन्हें बुरी तरह पीटा गया। इस घटना में उनके सिर पर गंभीर चोटें आईं। एक वीडियो, जिसमें वह खून से लथपथ नजर आ रहे हैं, सोशल मीडिया पर वायरल हो गया।

भारतीय सेना की ओर से जारी बयान में कहा गया कि उन्हें संवेदनशील क्षेत्र में एक वाहन से आतंकवादियों की आवाजाही की सूचना मिली थी, जिसके चलते सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा था। बयान में कहा गया, “प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, जब उन्हें रोका गया तब व्यक्ति ने ड्यूटी पर तैनात जवानों से हथियार छीनने की कोशिश की और संघर्ष हुआ। हालांकि, मामले की निष्पक्ष जांच के आदेश दे दिए गए हैं। यदि किसी जवान की गलती पाई गई तो सख्त कार्रवाई की जाएगी।”

सेना ने यह भी कहा कि वह आतंक विरोधी अभियानों में उच्चतम पेशेवर मानकों और अनुशासन का पालन करती है और समाज के सभी वर्गों से सहयोग की अपील करती है।

बीएनएस की धाराओं के तहत मामला दर्ज

पुलिस अधिकारियों के अनुसार, नौशेरा पुलिस थाने में भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 126(2) (गलत तरीके से रोकना) और 115(2) (जानबूझकर चोट पहुंचाना) के तहत अज्ञात सैनिकों के खिलाफ FIR दर्ज की गई है।

दिल्ली में कार्यरत प्रोफेसर लियाकत अली ने लिखा, “मेरे पूरे परिवार ने सेना में सेवा की है और मुझे हमेशा उस पर गर्व रहा है। लेकिन आज जो कुछ हुआ, उसने उस गर्व को झकझोर दिया। बिना किसी सवाल के बिना किसी कारण के मुझे पीटा गया और सिर पर हथियार से मारा गया।” उन्होंने लिखा कि यह घटना उन्हें एक भयावह सच्चाई का एहसास दिला गई। उन्होंने कहा, "अगर सिस्टम चाहे तो किसी को भी बिना सबूत, बिना सुनवाई, बिना इंसाफ के निशाना बना सकता है।"

गंभीर चोट लगने के बाद उन्हें जम्मू के गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज (GMC) में भर्ती कराया गया, जहां उनके सिर पर टांके लगाए गए और मेडिकल जांच की गई।

पीडीपी अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने घटना की कड़ी निंदा करते हुए लिखा, “ऐसे व्यक्ति एक सम्मानित संस्था की प्रतिष्ठा को अपने अस्वीकार्य और दमनकारी व्यवहार से धूमिल करते हैं। सेना को इस शर्मनाक घटना पर तुरंत और सख्त कार्रवाई करनी चाहिए।” वहीं, भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष रविंदर रैना ने भी पीड़ित प्रोफेसर को न्याय का भरोसा दिलाते हुए कहा, “देश में कानून सर्वोपरि है और कोई भी कानून से ऊपर नहीं। जो भी इस घटना के लिए जिम्मेदार है, उसे नतीजे भुगतने होंगे।”

यह घटना उस समय हुई जब प्रोफेसर अली अपने कुछ रिश्तेदारों के साथ एक शादी समारोह से लौट रहे थे। प्रोफेसर ने मीडिया को बताया, “मैं गाड़ी के अंदर बैठा था, जब सेना के जवानों ने पहचान मांगी। मैं सम्मान स्वरूप गाड़ी से उतरा, लेकिन उन्होंने मुझ पर हमला कर दिया। मेरे छोटे भाई को भी जमीन पर गिरा दिया गया।”

उन्होंने कहा, “सेना हमारे देश की शान है। मैं बस चाहता हूं कि किसी और के साथ ऐसा न हो और मुझे न्याय मिले।”

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