बेमौसम की बरसात का फायदा उठाएं किसान: डॉ. रामपाल
खोदावंदपुर कृषि विज्ञान केंद्र के डॉ. रामपाल ने कहा कि बेमौसम बारिश से किसान परेशान न हों। गेहूं कटने के बाद किसान खाली खेतों में ढैचा, तिल और मूंग की फसलें लगा सकते हैं। ये फसलें जल्दी तैयार होंगी और...

खोदावंदपुर, निज संवाददाता। प्रकृति की बेरुखी से होने वाले बेमौसम की बरसात से किसानों को परेशान होने की कोई जरूरत नहीं है। जागरूक किसान यदि चाहें तो बेमौसम की इस बरसात का फायदा उठा सकते हैं। यह बात खोदावंदपुर कृषि विज्ञान केंद्र के वरीय सह प्रधान वैज्ञानिक डॉ. रामपाल ने कही। उन्होंने कहा कि गेहूं की फसल कट रही है। इसकी कटनी और दौनी में किसान लगे हुए हैं। गेहूं कट जाने से खेत खाली हो रहे हैं। खाली खेतों में किसान ढैचा, तिल और मूंग की फसल लगाकर कम अवधि में इसका लाभ ले सकते हैं। उन्होंने बताया कि ढैचा की फसल करीब 35 दिन में तैयार हो जाएगी और उसे खेत में गड़वा देने से आगामी फसल को हरी खाद का लाभ मिल जाएगा। ढैचा फसल को बेमौसम की बरसात नुकसान नहीं पहुंचाएगी। बताया कि ढैचा के अलावा किसान अपने खाली हुए खेतों में कम अवधि में होने वाली मूंग फसल की खेती भी कर सकते हैं। इससे मूंग की फसल का लाभ भी मिलेगा औऱ मूंग उत्पादन के बाद इसके पौधों को खेत की मिट्टी के अंदर गड़वा देने पर हरी खाद का लाभ भी किसानों को मिलेगा। उन्होंने बताया कि ढैचा और मूंग के अलावा किसान अपने खाली खेतों में कम अवधि में तैयार होने वाले तिल के प्रभेदों की खेती भी कर सकते हैं। तिल की फसल तैयार होने पर किसान इसके पौधों को मिट्टी के नीचे गड़वा कर हरी खाद का लाभ ले सकते हैं। उन्होंने बताया कि मूंग औऱ तिल की खेती करने से किसानों को दलहन व तेलहन दोनों फसल का लाभ मिल जाएगा। साथ ही, इसकी खेती से हरी खाद का उत्पादन भी होगा।
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