तालाब में डूबकर मरे 56 लोगों के आश्रितों को दी राशि
आपदा प्रबंधन विभाग ने वित्तीय वर्ष 2024-25 में तालाब, नदी, नहर में डूबने से 56 लोगों की मौत पर उनके निकटतम आश्रितों को सहायता राशि दी। वज्रपात, सांप काटने और आग लगने के पीड़ितों को भी अनुदान दिया गया।...

आपदा प्रबंधन से आग, बाढ़, वज्रपात, सांप काटने से मौत पर मिलती है सहायता कैमूर में पशुपालकों, किसानों, अग्निकांड पीड़ितों को भी विभाग से मिल रही मदद भभुआ, हिन्दुस्तान संवाददाता। आपदा प्रबंधन विभाग ने वित्तीय वर्ष 2024-25 में तालाब, नदी, नहर में डूबने से 56 लोगों की हुई मौत के बाद उनके निकटतम आश्रित को सहायता राशि दी है। इसकी जानकारी जिला आपदा प्रबंधन पदाधिकारी ने दी और बताया कि एक व्यक्ति की मौत के बाद जांच प्रक्रिया पूरी करके चार लाख रुपए अनुग्रह अनुदान दिया जाता है। जिले में वज्रपात की 22, सांप काटने की 5, आग लगने की 5 घटनाओं के पीड़ितों को भी सहायता राशि दी गई है। उन्होंने बताया कि सांप काटने से होनेवाली मौत के मामले में कभी-कभी भेसरा रिपोर्ट स्पष्ट नहीं होने से पीड़ित परिवार को लाभ देने में दिक्कत आती है। सांप काटने का लाभ नहीं मिल पाता है। उन्होंने बताया कि वज्रपात से गाय 44, भैस 10, बकरी 44, बैल 6,बाछी 2 तथा आग से जलकर बकरी 50, भैंस 16, पाड़ी 6 मरी हैं। नियम के अनुसार पशुपालकों को भी अनुदान राशि दी गई है। उन्होंने बताया कि वर्षापात से मोहनियां, दुर्गावती, नुआंव, रामगढ़ में जलजमाव होता है। फसल की क्षति होने पर मुआवजा दिया जाता है।
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