Lack of Orthopedic Specialists at Sadar Hospital Leads to Increased Referrals and Costs for Patients हड्डी रोग विशेषज्ञ के अभाव में सामान्य डॉक्टर कर रहे इलाज, Bhabua Hindi News - Hindustan
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हड्डी रोग विशेषज्ञ के अभाव में सामान्य डॉक्टर कर रहे इलाज

सदर अस्पताल में हर दिन 70 से 80 मरीज घुटने और पैर की हड्डी में दर्द के लिए आते हैं। अस्पताल में एक भी हड्डी रोग विशेषज्ञ नहीं है, जिससे गंभीर मरीजों को हायर सेंटर रेफर किया जा रहा है। इससे मरीजों का...

Newswrap हिन्दुस्तान, भभुआFri, 18 April 2025 08:34 PM
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हड्डी रोग विशेषज्ञ के अभाव में सामान्य डॉक्टर कर रहे इलाज

सदर अस्पताल में रोजाना दुर्घटना में घायल, घुटना, पैर की हड्डी में दर्द से पीड़ित 70 से 80 मरीज आ रहे जांच व इलाज कराने गंभीर घायल मरीजों को कर दे रहें हैं हायर सेंटर रेफर, बढ़ रहा खर्च घुटना व पैर दर्द के मरीजों को फिजियोथेरेपी कराने की दे रही है सलाह (पेज तीन की लीड खबर) भभुआ, हिन्दुस्तान प्रतिनिधि। सदर अस्पताल में एक भी हड्डी रोग विशेषज्ञ नहीं हैं। इस कारण हड्डी रोग के मरीजों का इलाज सामान्य चिकित्सक कर रहे हैं। लेकिन, गंभीर मरीजों को हायर सेंटर रेफर कर दिया जा रहा है। सदर अस्पताल में रोजाना दुर्घटना में घायल के अलावा घुटना व पैर की हड्डियों में दर्द के शिकार 70 से 80 मरीज आ रहे हैं। गंभीर घायल मरीजों को चिकित्सक हायर सेंटर रेफर कर दे रहें है, जिससे मरीजों का खर्च बढ़ रहा है। इस संबंध में सदर अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ. विनोद कुमार सिंह ने बताया कि यहां हड्डी रोग विशेषज्ञ नहीं हैं। दुर्घटना में घायल, अस्पताल में घुटना, पैर व मांसपेशियों में दर्द के रोजाना औसतन 80 मरीज आ रहे हैं, जिनकी जांच कर चिकित्सक द्वारा दवाएं लिखी जा रही है। सदर अस्पताल में दवाएं पर्याप्त हैं। डाक्टरों का कहना है कि डायबिटिज होने, कैल्शियम व विटामिन डी की कमी से घुटना व पैर दर्द में शिकायत होती है। अधिक उम्र होने अथवा चोट लगना भी पैर में दर्द का कारण हो सकता है। उम्र ढलने पर लोगों के घुटने की हड्डी घिस जाती है, ग्रीस की कमी हो जाती है। इस कारण भी घुटने में दर्द की शिकायत होती है। बताया गया है कि सदर अस्पताल में पहले हर सोमवार, बुधवार व शुक्रवार को हड्डी रोग के डॉ. शितेश कुमार ओपीडी में मरीजों की जांच करते थे। दिव्यांग शिविर में भी उनकी ड्यूटी लगती थी। सदर अस्पताल में गंभीर मरीजों का ऑपरेशन भी करते थे। लेकिन, उनकी प्रतिनियुक्ति मंडल कारा में हो जाने से यहां आने वाले मरीजों को परेशानी हो रही है। दुर्घटना में जिनके शरीर की हड्डियां ज्यादा टूट जाती हैं, उन्हें हायर सेंटर रेफर करना पड़ता है। जबकि पहले ऐसे मरीजों का ऑपरेशन होता था और रॉड भी लगाए जाते थे। लेकिन, अब यह सब बंद है। सदर अस्पताल में हड्डी रोग से पीड़ित मरीज महेन्द्र कुमार व नीतीश प्रकाश ने शुक्रवार को बताया कि सदर अस्पताल में पदस्थापित सामान्य व हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ. शितेश कुमार की प्रतिनियुक्ति मंडल कारा में कर दी गई है। ऐसे में अस्पताल में घुटना, पैर व मांसपेशियों में दर्द के मरीजों को दूसरे विभाग के डॉक्टर जांच कर दवाएं लिख रहे हैं। डॉ. शितेश कुमार के समय इस अस्पताल में गंभीर मरीजों का ऑपरेशन भी होता था। लेकिन, अब यह काम भी यहां बंद है, जिससे परेशानी हो रही है। कैल्शियम, डायक्लोफेनिक व मलहम लिख रहे डॉक्टर सदर अस्पताल प्रबंधन में आने वाले घुटना व पैर दर्द के मरीजों की जांच कर दवाएं दी जा रही हैं। हड्डी रोग के मरीजों को कैल्शियम व दर्द वाले मरीजों के लिए डायक्लोफेनिक दवा व मलहम काउंटर से उपलब्ध कराया जा रहा है। दर्द वाले मरीजों को दवा के अलावा व्यायाम करने की सलाह दी जाती है, जिससे दर्द में राहत मिलती है। घुटना व पैर दर्द वाले मरीजों को फिजियोथेरेपी केन्द्र में भेजा जाता है। कैल्शियम के नकारात्मक प्रभाव पड़ते हैं मंडल कारा में प्रतिनियुक्त हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ. शितेश कुमार ने कहा कि कैल्शियम एक प्रकार का मिनरल है। सबसे ज्यादा कैल्शियम हड्डियों व दांतों में होता है। लोगों को लगता है कि कैल्शियम सिर्फ हड्डियों के लिए इस्तेमाल होता है, लेकिन ऐसा नहीं होता है। कैल्शियम मांसपेशियों, नर्व, हार्ट, ब्लड क्लॉट बनने से रोकने के लिए भी बेहद जरूरी होता है। इसकी कमी से शरीर में कई तरह के नकारात्मक प्रभाव पड़ते हैं। सूर्य के प्रकाश के संपर्क में रहने से लाभ शरीर के लिए विटामिन डीज जरूरी है डॉ. अनिल कुमार का कहना है कि विटामिन डी शरीर में पाया जाने वाला एक बेहद महत्त्वपूर्ण विटामिन है। विटामिन डी फैट-सोल्यूब्ल प्रो-हार्मोन का एक समूह होता है, जो शरीर को कैल्शियम, आयरन, मैग्नीशियम, फॉस्फेट और जिंक को अबसोर्ब करने में मदद करता है। सनशाइन विटामिन के नाम से जाना जाने वाला विटामिन डी शरीर द्वारा तब प्रोड्यूस होता है जब हमारी त्वचा सूर्य के प्रकाश के संपर्क में आती है। ये प्राकृतिक रूप से कुछ खाने-पीने की चीजों में भी पाया जाता है। कोट सदर अस्पताल में आने वाले घुटना व हड्डी दर्द के मरीजों की डाक्टर द्वारा जांच कर दवाएं लिखी जा रही हैं। फिजियोथेरेपी की भी सुविधा उपलब्ध कराई जाती है। सदर अस्पताल में हड्डी रोग विशेषज्ञ नहीं हैं। पहले डॉ. शितेश कुमार यहां थे। अब उनकी ड्यूटी मंडल कारा में लगी है। डॉ. विनोद कुमार सिंह, उपाधीक्षक, सदर अस्पताल फोटो- 18 अप्रैल भभुआ- 7 कैप्शन- सदर अस्पताल के कक्ष में शुक्रवार को एक व्यक्ति की टूटी हड्डी का प्लास्टर करते स्वास्थ्य कर्मी।

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