बोले काशी- गली-सड़कों के मनबढ़ों और ऑटो चालकों पर लगे लगाम
Varanasi News - वाराणसी की आर्य महिला इंटर कॉलेज की छात्राओं ने कहा कि उन्हें कॉलेज जाने में छेड़छाड़ और मनबढ़ों की छींटाकशी का सामना करना पड़ता है। छात्राओं ने एंटी रोमियो स्क्वाड की दैनिक निगरानी, अवैध स्कूलों पर...
वाराणसी। वाराणसी शहर में आपराधिक घटनाओं के लिहाज से माहौल पहले से सुधरा है लेकिन हम छात्राओं को वह सुधार महसूस होना बाकी है। घरों से कॉलेज तक मनबढ़ों की छींटाकशी, कभी-कभी छेड़छाड़ झेलनी पड़ती है। ऑटो चालकों की मनमानी किराया वसूली और अभद्र व्यवहार से दो-चार होना दिनचर्या का हिस्सा बन चुका है। ऐसे कटु अनुभवों से नाबालिग छात्राएं भी रूबरू होती हैं- यह कहना है आर्य महिला इंटर कॉलेज की छात्राओं का। उनकी राय है कि पुलिस गलियों में भी सक्रिय हो तभी माहौल सुधरेगा। उन्हें भी सुकून महसूस होगा। चेतगंज में आर्य महिला इंटर कॉलेज की स्थापना 1933 में आर्य महिला हितकारिणी सभा की ओर से हुई थी। प्रबंधन की देखरेख में संचालित कॉलेज में कई पीढ़ियों ने जूनियर से इंटर तक की पढ़ाई की है। इसमें प्री-प्राइमरी सेक्शन नहीं है। कॉलेज की छात्राओं ने ‘हिन्दुस्तान से बातचीत में उन समस्याओं पर फोकस किया जिनका उन्हें रोज सामना करना पड़ता है। उनकी सबसे प्रमुख चिंता अपनी सुरक्षा की है। बोलीं, इतनी जागरूकता के बाद भी 10 कदम की दूरी से लड़कियां अकेले स्कूल नहीं आ पाती हैं। परिजनों को अपना काम छोड़कर उन्हें स्कूल पहुंचाना पड़ता है। हाल की एक घटना साझा करते हुए एक छात्रा ने बताया कि गोपी गली से स्कूल आ रही थी। रास्ते में एक युवक ने छेड़छाड़ की कोशिश की। वह जैसे-तैसे बचकर स्कूल पहुंची। यहां टीचर को घटना के बारे में बताया। प्रधानाचार्य प्रतिभा यादव ने पुलिस को फोन किया और मुकदमा दर्ज कराया। बताया कि एंटी रोमियो स्क्वाड स्कूल में पहुंचा और घटना की जानकारी ली। शिवानी, स्नेहा, अनुष्का ने कहा कि स्कूलों में एंटी रोमियो स्क्वाड को प्रतिदिन दौरा करना चाहिए। छात्राओं से उनकी समस्याएं सुननी चाहिए। समस्या का जल्द से जल्द समाधान मिलना चाहिए। छात्राओं ने ऑटो चालकों की मनमाना किराया वसूली पर भी आवाज उठाई। कहा कि मनमाना वसूली पर रोक के लिए सख्त नियम बनाए जाने चाहिए। वीवीआईपी कल्चर पर भी छात्राओं ने अपनी बात रखी। अलीशा, परी ने बताया कि कई बार वीवीआईपी दौरे के दौरान पढ़ाई प्रभावित होती है। स्कूल पहुंचने में देर हो जाती है। परीक्षाओं पर भी असर पड़ता है। उनके मुताबिक शहर में वीवीआईपी आगमन या किसी बड़े आयोजन के लिए ऐसी व्यवस्था होनी चाहिए जिससे पढ़ाई पर असर न पड़े। छात्राओं ने चौराहों-सड़कों के साथ ही गलियों में भी सीसीटीवी कैमरे लगाने पर जोर दिया।
साइबर अपराध से बचाव को मिले ट्रेनिंग
साइबर अपराध के बढ़ती घटनाओं के बीच छात्राएं उनसे बचाव को लेकर भी चिंतित दिखी। आकांक्षा गुप्ता, अनुष्का मिश्रा ने कहा कि साइबर सुरक्षा से बचाव का स्कूल में प्रशिक्षण दिया जाए। बचाव की तकनीक सिखाई जाए। इसके अलावा सोशल मीडिया पर महिलाओं और बालिकाओं की गलत तरीके से फोटो एडिट करने और अराजकता फैलाने पर सख्त कार्रवाई हो। गौरी गोस्वामी ने कहा कि इससे पूरी जिंदगी प्रभावित हो जाती है।
अवैध स्कूलों पर लगे लगाम
छात्राओं ने जोर दिया कि अवैध स्कूलों के संचालन पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। कई बार विद्यालय में प्रवेश ले लेते हैं। फिर उसके अवैध होने की जानकारी मिलती है। इससे पढ़ाई पर असर पड़ता है। गौरी गोस्वामी, नैन गुप्ता, अनुष्का मिश्रा ने बताया कि स्कूलों को मान्यता देने से पहले पूरी जांच पड़ताल होनी चाहिए। अवैध स्कूल संचालकों पर कठोर कार्रवाई होनी चाहिए।
गर्मियों में पावर-कट से दिक्कत
छात्राओं ने कहा कि हर बार गर्मी में पावर-कट की समस्या बढ़ जाती है। इससे न सिर्फ जन-जीवन प्रभावित होता है बल्कि पढ़ाई पर भी असर पड़ता है। अनुष्का यादव, आकांक्षा गुप्ता, परी जायसवाल ने कहा, कई परिवार की आर्थिक स्थिति इतनी अच्छी नहीं होती है कि वे इनवर्टर लगवा पाएं। ऐसे में सुबह, दोपहर और रात में पावर-कट की समस्या से परेशानी बढ़ जाती है। कई बार बिजली नहीं होने से पानी भी नहीं आता है। तब स्कूल जाने में परेशानी होती है।
स्मार्ट क्लास की पर्याप्त सुविधा मिले
छात्राओं का कहना है कि स्कूलों में स्मार्ट शिक्षा को बढ़ावा तो दिया जा रहा है, लेकिन इसके लिए पर्याप्त सुविधाएं नहीं मिल रही हैं। अलीसा, स्नेहा ने बताया कि कई स्कूलों मेंएक ही स्मार्ट क्लास है। इससे सभी बच्चों को लाभ नहीं मिल पाता है। ऐसी व्यवस्था होनी चाहिए कि कम से कम हफ्ते में दो दिन हर क्लास के विद्यार्थी स्मार्ट क्लास में शिक्षा ले सकें। इससे न सिर्फ शिक्षण आसान होगा बल्कि विद्यार्थी स्मार्ट शिक्षा से जुड़ेंगे और इसके संचालन की तकनीक भी सीख सकेंगे। ताकि आने वाले समय की जरूरत के हिसाब से खुद को तैयार कर सकें।
किताबों की बढ़ती कीमतें
किताबों की बढ़ती कीमतें विद्यार्थियों के लिए चुनौती बन रही हैं। शिवानी, अनुष्का यादव, आकांक्षा गुप्ता ने बताया कि पहले एक ही किताब से भाई-बहन की पढ़ाई पूरी हो जाती थी, लेकिन आज के समय में हर साल किताबें बदल रही हैं। उनकी कीमतें भी बढ़ती जा रही हैं। इससे पढ़ाई प्रभावित हो रही है। जिन परिवारों की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है, उनके बच्चों को अधिक दिक्कत होती है। छात्राओं ने कहा कि सरकार को किताबों की बढ़ती कीमतों पर लगाम लगानी चाहिए। किताबों में बदलाव एक निश्चित अंतराल पर हो। साथ ही स्कूलों में मुफ्त किताबों की व्यवस्था होनी चाहिए।
समर कैंप में मिले हुनर निखारने का प्रशिक्षण
स्कूलों में समर कैंप में प्रशिक्षण अनिवार्य होना चाहिए। इसमें आत्मरक्षा के तरीकों का प्रशिक्षण दिया जाना चाहिए ताकि छात्राएं शिक्षा के साथ खुद की सुरक्षा करना सीखें सकें आत्मनिर्भर बन सकें। स्नेहा, अलीसा, अनुष्का ने बताया कि कई बार स्कूलों में केवल नाम के लिए कैंप चलाया जाता है। इसमें कोई लाभ नहीं मिलता है। प्रशिक्षण ऐसा मिले कि उसका लाभ हो।
सुझाव :
1- एंटी रोमियो स्क्वाड को प्रतिदिन स्कूलों, कॉलेजों का दौरा करना चाहिए। चौराहों-सड़कों के साथ ही गलियों में भी खुफिया कैमरे लगें, तभी अपराध पर रोक लगेगी।
2- पावर-कट की समस्या खत्म करने का समुचित उपाय हो। स्कूलों और कॉलेजों में सोलर पैनल की व्यवस्था की जाए। इससे पर्यावरण संरक्षण को भी बढ़ावा मिलेगा।
3- किताबों की बढ़ती कीमतों पर रोक लगे। स्कूलों में मुफ्त किताब की सुविधा मिले। जो बच्चे सक्षम नहीं है, उन्हें अनिवार्य से कॉलेज से किताबें उपलब्ध कराई जाएं।
4-साइबर अपराध स बचाव के लिए स्कूल, कॉलेज में जागरूकता अभियान चलाया जाए। बचाव की तकनीक का प्रशिक्षण दिया जाए। सोशल मीडिया की अराजकता पर रोक लगे।
5- परिषदीय विद्यालयों की तरह माध्यमिक विद्यालयों में भी योजनाएं चलाई जाएं। छात्रों की संख्या के अनुसार स्मार्ट क्लास आदि व्यवस्थाएं की जाएं।
शिकायतें
1- घर से स्कूल, कॉलेज पहुंचने तक सड़कों, चौराहों के साथ ही गलियों में भी छेड़छाड़ का सामना करना पड़ता है।
2- गर्मी में पावर-कट की समस्या बढ़ जाती है। इससे न सिर्फ जन-जीवन बल्कि शिक्षा भी प्रभावित होती है। स्कूल, कॉलेज में पढ़ाई में बाधा आती है।
3-किताबों की बढ़ती कीमतों से पढ़ाई प्रभावित होती है। हर साल किताबें बदल दी जा रही हैं। जो किताब खरीदने में सक्षम नहीं है, उन्हें परेशानी होती है।
4- साइबर अपराध का महिलाओं और बालिकाओं पर ज्यादा असर पड़ रहा है। सोशल मीडिया पर अराजकता से भी जन-जीवन प्रभावित हो रहा है।
5- स्कूलों में सुविधा नहीं होने से सभी को पर्याप्त स्मार्ट क्लास का लाभ नहीं मिल पाता है। कई कॉलेज-स्कूल में एक ही स्मार्ट क्लास है और हजारों बच्चे पढ़ रहे हैं।
सुनें हमारी बात
सड़क, चौराहों के साथ गलियों में भी सीसीटीपी कैमरे की व्यवस्था हो। इसकी उच्च स्तरीय निगरानी की जाए।
- अनुष्का यादव
गर्मी में पावर-कट से न सिर्फ जन-जीवन बल्कि पढ़ाई भी प्रभावित होती है। इसका समाधान होना चाहिए। -आकांक्षा गुप्ता
हर साल दाम बढ़ने से जो किताब खरीदने में सक्षम नहीं है उन्हें परेशानी का सामना करना पड़ता है। - अनुष्का मिश्रा
पर्याप्त सुविधाएं न होने से स्कूलों में स्मार्ट का सभी को इसका लाभ नहीं मिल पाता। इससे परेशानी होती है। -गौरी गोस्वामी
साइबर अपराध की घटनाओं से बचाव के लिए स्कूल में प्रशिक्षण दिया जाए। बचाव की तकनीक भी सिखाई जाए। - नैन गुप्ता
अवैध स्कूलों के संचालन पर सख्त कार्रवाई हो। कई बार विद्यालय में प्रवेश लेने अवैध होने की जानकारी मिलती है। - परी जायसवाल
समर कैंप में हुनर निखारने का प्रशिक्षण अनिवार्य रूप से दिया जाना चाहिए। इसमें आत्मरक्षा के तरीकों की ट्रेनिंग जरूर हो।
- अलीसा
वीवीआईपी दौरे के समय कई बार घंटों पहले ट्रैफिक रोक देने से पढ़ाई प्रभावित होती है।
- स्नेहा चक्रवाल
एंटी रोमियो स्क्वाड को प्रतिदिन कॉलेजों का दौरा करना चाहिए। छात्राओं की शिकायत का समाधान होना चाहिए। - शिवानी
स्कूलों में आत्मरक्षा के गुर सिखाएं जाएं। इसके लिए अनिवार्य रूप से कक्षाएं चलनी चाहिए। ताकि छात्राएं अपनी सुरक्षा स्वयं करने में सक्षम हों।
- पूजा
प्रधानाचार्य बोलीं
कॉलेज के पास बने पिंक बूथ
परिषदीय विद्यालयों की तरह माध्यमिक विद्यालयों में भी सुविधाओं के विस्तार की पहल होनी चाहिए। ओपेन जिम की तरह पर्याप्त स्मार्ट क्लास की व्यवस्था होनी चाहिए। एक स्मार्ट क्लास से सभी विद्यार्थियों को लाभ नहीं मिल पाता। छात्राओं, शिक्षिकाओं के साथ छेड़छाड़ आदि समस्या पर रोक लगे। इसके लिए स्कूलों के पास पिंक बूथ बनना चाहिए। इसमें महिला पुलिस की नियुक्ति होनी चाहिए।
- प्रतिभा यादव, प्रधानाचार्य
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