Nitish Kumar Achieves UPSC Success at 23 Inspires with Family Support हवलदार के बेटे ने पहले प्रयास में यूपीएससी में मारी बाजी, Bhabua Hindi News - Hindustan
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हवलदार के बेटे ने पहले प्रयास में यूपीएससी में मारी बाजी

नीतीश के 23 साल की उम्र में यूपीएससी में सफल होने पर खुश हैं परिजन बीएचयू से स्नातक करने के बाद यूपीएससी करने की नीतीश को मिली थी प्रेरणा

Newswrap हिन्दुस्तान, भभुआWed, 23 April 2025 09:21 PM
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हवलदार के बेटे ने पहले प्रयास में यूपीएससी में मारी बाजी

नीतीश के 23 साल की उम्र में यूपीएससी में सफल होने पर खुश हैं परिजन बीएचयू से स्नातक करने के बाद यूपीएससी करने की नीतीश को मिली थी प्रेरणा भभुआ, एक प्रतिनिधि। जिले के चैनपुर प्रखंड के करजांव गांव के हवलदार के बेटे नीतीश कुमार ने अपने पहले ही प्रयास में सिविल सेवा परीक्षा 2024 में 771वीं रैंक लाकर सफल हुआ है। उसे यह सफलता 23 साल की उम्र में मिली है। हालांकि नीतीश के यूपीएससी में सफल होने को लेकर वैसे तो पूरा गांव खुश है, लेकिन इतनी कम उम्र में उसके चयन को लेकर परिवार के लोग काफी खुश हैं। नीतीश ने बताया कि उसकी प्रारंभिक पढ़ाई कैमूर के विद्यालयों में हुई है। इंटरमीडिएट तक सीबीएसई बोर्ड से जिले में पढ़ाई की है। स्नातक काशी हिंदू विश्वविद्यालय से किया। इस दौरान सिविल सेवा परीक्षा में शामिल होने की मन में इच्छा जागृत हुई। इसको लेकर तैयारी करने लगा। उसने बताया कि पिताजी विदेशी राम सीमा सुरक्षा बल में हवलदार हैं। और मां संतरा देवी गृहणी। पिताजी हमेशा नौकरी में बाहर रहते थे। लेकिन, मां ने शुरू से शिक्षा की अहमियत को बताया और इस दिशा में आगे बढ़ने की प्रेरणा दी। उसने बताया कि किसी परीक्षा में अगर कम अंक आते थे, तो मां कभी डांटती नहीं थी। इससे सीख लेकर आगे बढ़ने की बात कहती थी, जिसका नतीजा है कि आज पहले प्रयास में सफल हुए हैं। नीतीश दो भाई व एक बहन में दूसरे नंबर पर है। उसने बताया कि मां की प्रेरणा की वजह से सभी लोग उच्च शिक्षा के प्रति अग्रसर हैं। मां संतरा देवी ने बताया कि बच्चे पढ़ने में अच्छे हैं। कभी भी इन लोगों को पढ़ाई के लिए दबाव नहीं बनाना पड़ा। जितनी समझ थी उसके अनुसार इनको आगे बढ़ाने के लिए ज्ञानवर्धक कहानी सुना कर प्रेरणा जागी गई है। नीतीश ने अपनी सफलता का श्रेय माता-पिता, बड़े भाई, छोटी बहन एवं परिवार के अन्य सदस्यों, शिक्षकों और दोस्तों को दिया है। उसने बताया कि स्नातक करने के बाद तुरंत तैयारी में लग गया। इस कारण बहुत खेलने का अवसर तो नहीं मिला, लेकिन क्रिकेट हमारा पसंदीदा खेल है और विषय से जुड़े किताबों के अलावा प्रेरणादायक कहानियां पढ़ना हमें काफी पसंद है। विशेष रूप से महिला सशक्तिकरण और शिक्षा को बढ़ावा देकर समाज के वंचित वर्गों को आगे बढ़ाने का लक्ष्य रखते हैं। फोटो- नीतीश कुमार, करजांव, चैनपुर

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