लोन दिलाने का दिया झांसा, फिर खाली होने लगे खाते; भागलपुर के कारोबारी से 3 करोड़ की साइबर ठगी
भागलपुर के एक कारोबारी से साइबर ठगों ने लोन देने के नाम पर तीन करोड़ आठ लाख पचासी हजार रुपये ठग लिए। घटना को लेकर उन्होंने थाने में केस दर्ज कराया है।

भागलपुर जिले के जोगसर थाना क्षेत्र के रहने वाले व्यवसायी से साइबर अपराधियों ने लोन देने के नाम पर तीन करोड़ आठ लाख पचासी हजार रुपये ठग लिए। घटना को लेकर उन्होंने थाने में केस दर्ज कराया है। उनका कहना है कि एक अंजान शख्स ने उन्हें कॉल किया था और कहा था कि अगर किसी को लोन की जरूरत हो तो वो दिलवाएगा और इसके बदले में आपको दो से पांच प्रतिशत तक कमीशन मिलेगा।
व्यवसायी का कहना है कि उन्होंने कॉल करने वाले का सत्यापन मुंबई जाकर किया। वहां मिलने पर उन्हें उसपर विश्वास हो गया था। इसके बाद शहर के व्यवसायी ने खुद 50 करोड़ का लोन लेने की बात मौखिक रूप से कही। उसके बाद उस ठग ने प्रोसेसिंग फीस के नाम पर पैसे खाते में ट्रांसफर करने को कहा। उनके बताए खातों में कई बार में शहर के व्यवसायी ने पैसे ट्रांसफर कर दिये। फिलहाल पुलिस अब मामले की जांच में जुटी है।
आपको बता दें बिहार में एक साल की अवधि में स्मार्ट फोन का उपयोग करने वाले करीब 40 लाख लोग साइबर ठगी का शिकार बने हैं। यानी प्रतिदिन औसतन 10 हजार 958 लोगों को साइबर अपराधियों ने तरह-तरह के तरीके से अपने जाल में फंसाया। दूरसंचार विभाग के अप्रैल 2024 से मार्च 2025 तक के आंकड़ों से यह चिंताजनक तस्वीर उजागर हुई है। राज्य में करीब साढ़े पांच करोड़ लोगों के पास स्मार्ट फोन हैं।
दूरसंचार विभाग के मुताबिक, बिहार के सात करोड़ लोगों के पास कोई न कोई फोन है। लेकिन, साइबर ठगी के शिकार केवल स्मार्ट फोन वाले हो रहे हैं। स्मार्ट फोन उपभोक्ता का नंबर साइबर ठगों के पास कई माध्यमों से पहुंच जाता है। साइबर अपराधी ऑनलाइन शॉपिंग के दौरान डिजिटल पेमेंट, एटीएम कार्ड से पेमेंट आदि के माध्यम से मोबाइल नंबर को प्राप्त कर ठगी करते हैं। साइबर ठगी के सबसे ज्यादा शिकार ग्रामीण इलाकों के लोग बने हैं। पिछले एक साल में ग्रामीण क्षेत्र के 30 लाख लोग साइबर ठगी के शिकार बने।