नियमित शिक्षकों की तरह नियोजित को भी मिले वेतन
भागलपुर। बिहार पंचायत नगर प्रारंभिक शिक्षक संघ (मूल) के अनुसार, भागलपुर में लगभग 3000 नियोजित शिक्षक कार्यरत हैं। शिक्षक संघ ने राज्यकर्मी का दर्जा, कालबद्ध प्रोन्नति, पुराना वेतनमान और पेंशन योजना...
भागलपुर। बिहार पंचायत नगर प्रारंभिक शिक्षक संघ (मूल) के पदाधिकारियों की मानें तो बिहार में एक लाख 10 हजार के करीब नियोजित शिक्षक कार्यरत हैं। भागलपुर जिले में ऐसे शिक्षकों की संख्या करीब तीन हजार है। संघ के पदाधिकारियों का कहना है कि लंबे समय से राज्यकर्मी का दर्जा, कालबद्ध प्रोन्नति, स्नातक प्रमोशन, पुराना वेतनमान, पुरानी पेंशन योजना आदि को लागू करने की मांग की जा रही है। शिक्षा विभाग हाईकोर्ट के आदेश का भी पालन नहीं कर रहा है। सरकार पढ़ाने के अलावा नियोजित शिक्षकों से अन्य कार्य भी करा रही है। लेकिन सुविधा देने के नाम पर केवल खानापूरी की जा रही है। बिहार पंचायत नगर प्रारंभिक शक्षिक संघ (मूल) जिला शाखा भागलपुर के अध्यक्ष पूरण कुमार ने बताया कि एक ही काम का नियमित शिक्षकों को नियोजित शक्षिकों से करीब तीन गुना अधिक वेतन दिया जा रहा है। सभी शिक्षक एक वद्यिालय और एक छत के नीचे बच्चों को पढ़ा रहे हैं। ऐसे में नियोजित और नियमित शिक्षकों के वेतन में विसंगति नहीं होनी चाहिए। 2006 से समान काम, समान वेतन की मांग की जा रही है। लेकिन सरकार के स्तर से केवल विचार करने का आश्वासन मिल रहा है। हाईकोर्ट का आदेश है कि स्नातक पास नियोजित शिक्षकों को 12 साल नौकरी पूरा करने पर उसे स्नातक ग्रेड में प्रोन्नति करना है। बिहार के कुछ जिलों में प्रोन्नति दी भी गयी। लेकिन बाद में उसे स्थगित कर दिया गया। यह नियोजित शिक्षकों के साथ अन्याय है। नियमावली में है कि प्रधानाध्यापक के पद पर 50 प्रतिशत नियोजित शिक्षकों को लेना है। लेकिन ऐसा नहीं किया जा रहा है।
बिहार पंचायत नगर प्रारंभिक शिक्षक संघ (मूल) जिला शाखा भागलपुर के सचिव वीर शिवाजी ने बताया कि नियोजित शिक्षकों को समय पर वेतन नहीं मिल रहा है। हर महीने के प्रथम सप्ताह में वेतन मिलना चाहिए। शिक्षकों से पढ़ाने के अलावा अन्य कार्य भी लिया जा रहा है। इसका बुरा असर शिक्षण कार्य पर भी पड़ रहा है। बिहार पंचायत नगर प्रारंभिक शिक्षक संघ (मूल) जिला शाखा भागलपुर की संयुक्त सचिव कुमारी नूतन ने बताया कि सरकार नियोजित शिक्षकों के साथ भेदभाव कर रही है। अवकाश तालिका में भी संशोधन की जरूरत है। नियोजित शिक्षिकाओं को भी नियमित शिक्षिकाओं की भांति शिशु देखभाल अवकाश मिलना चाहिए। नियोजित शिक्षक चंदन कुमार ने बताया कि बिना शर्त्त नियोजित शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा देना चाहिए। नियमित शिक्षकों की तरह नियोजित शिक्षकों के लिए भी अर्जित अवकाश की व्यवस्था होनी चाहिए।
नियोजित शिक्षकों नजाकत अंसारी ने बताया कि उर्दू स्कूलों में संचालित किये जाने की संख्या अन्य स्कूलों से 10 दिन अधिक है। इसमें सुधार करने की जरूरत है। बहुत से स्कूलों में शौचालय और पेयजल की व्यवस्था नहीं है। चारदीवारी नहीं होने से परेशानी होती है।
समय पर मिले नियोजित शिक्षकों का वेतन भुगतान
बिहार पंचायत नगर प्रारम्भिक शिक्षक संघ (मूल) भागलपुर के मीडिया प्रभारी चंदन कुमार ने बताया कि बिना शर्त नियोजित शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा दिया जाना चाहिए। कालबद्ध प्रोन्नति, स्नातक प्रमोशन, पुराना वेतनमान, पुरानी पेंशन का लाभ नियोजित शिक्षकों को नहीं मिलता है। वेतन भुगतान भी उनलोगों को समय पर नहीं हो पाता है। जिसके कारण परिवार के भरण-पोषण में परेशानी होती है। सभी शिक्षकों को समय से वेतन का भुगतान किया जाना चाहिए। पटना उच्च न्यायालय द्वारा नियोजित शिक्षकों को 50 प्रतिशत हेडमास्टर में प्रमोशन देने का आदेश पूर्व में ही दिया जा चुका है, लेकिन अभी तक शिक्षा विभाग की ओर से कोर्ट के इस आदेश का पालन नहीं किया जा रहा है। सरकार को कोर्ट के आदेश का पालन करना चाहिए।
शिक्षिकिाओं को भी मिले शिशु देखभाल अवकाश
भागलपुर। बिहार पंचायत नगर प्रारम्भिक शिक्षक संघ (मूल) भागलपुर की संयुक्त सचिव कुमारी नूतन भारती ने बताया कि नियोजित शिक्षकों को सरकार उचित सम्मान देते हुए अविलंब कालबद्ध प्रोन्नति दे। जिससे उनलोगों को इसका उचित लाभ मिल सके। नियमित शिक्षिकाओं की तरह नियोजित महिला शिक्षिकाओं को भी शिशु देखभाल अवकाश का लाभ मिलना चाहिए। जिससे वे भी अपने बच्चे को मातृ सुख के साथ सही से देखभाल कर सकें। सभी नियोजित शिक्षकों को सेवा में बेहतर स्थान प्राप्त कर आगे बढ़ने के लिए योग्यता बढ़ाने को लेकर अध्ययन अवकाश मिलना चाहिए। ई-शक्षिा कोष एप पर शिक्षकों की उपस्थिति दर्ज करने में कई तरह की परेशानी होती है, इसको देखते हुए इस एप की व्यवस्था को बंद कर हाजिरी बनाने के लिए सरल और सुलभ व्यवस्था की जानी चाहिए।
स्नातक ग्रेड में नियोजित शिक्षकों को मिले प्रोन्नति
बिहार पंचायत नगर प्रारम्भिक शिक्षक संघ (मूल) भागलपुर के जिला सचिव वीर शिवाजी ने बताया कि सरकार द्वारा नियोजित शिक्षकों को स्नातक ग्रेड में प्रोन्नति देना चाहिए। काफी पहले से पुराना वेतनमान और पुरानी पेंशन बहाल करने की मांग बिहार सरकार से की जा रही है। शिक्षकों से पढ़ाई के अलावा सरकार द्वारा कई तरह के काम कराए जाते हैं, जिससे बच्चों का पठन-पाठन बाधित होता है। शिक्षा के स्तर को बेहतर करने के लिए शिक्षकों से केवल शक्षिण कार्य कराया जाना चाहिए। सरकार और शिक्षा विभाग जब कभी भी शिक्षकों के लिए अवकाश तालिका बनाए तो उसमें सभी धर्मों और जातियों के व्रत पूजन एवं त्योहार को ध्यान में रखकर बनाना चाहिए। सभी विद्यालय में फ्री वाई-फाई कनेक्शन दिया जाय ताकि वद्यिालय का ऑनलाइन कार्य समय से पूरा किया जा सके।
शिक्षा विभाग जारी करे कालबद्ध प्रोन्नति का पत्र
बिहार पंचायत नगर प्रारम्भिक शिक्षक संघ (मूल) जिला शाखा भागलपुर के अध्यक्ष पूरण कुमार ने बताया कि बिहार सरकार जब भी अवकाश तालिका तैयार करे तो सभी धर्मों के पर्व त्योहार का विशेष ध्यान रखे। जिससे किसी को भी परेशानी नहीं हो। हिंदी एवं उर्दू विद्यालय को उसकी जरूरत के अनुसार अवकाश होना चाहिए। नियोजित शिक्षकों को बिना किसी शर्त के राज्य कर्मी का दर्जा दिया जाए। कालबद्ध प्रोन्नति का विभाग द्वारा पत्र जारी किया जाना चाहिए। बिना किसी दबाव के पठन-पाठन का कार्य होना चाहिए। जिससे बच्चों की शैक्षणिक गुणवत्ता पर बुरा प्रभाव नहीं पड़े और उनकी पढ़ाई सुचारू ढंग से जारी रह सके। सभी प्रारंभिक विद्यालय में कंप्यूटर और प्रोजेक्टर भी दिया जाय। जिससे बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा दी जा सके।
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