बोले भागलपुर: रेलकर्मियों के लिए भागलपुर में अनुमंडलीय अस्पताल बने
भागलपुर में रेलवे के विकास में रेलकर्मियों की महत्वपूर्ण भूमिका है। हालांकि, उन्हें बेहतर सुविधाएं नहीं मिल पा रही हैं। रेलकर्मियों का कहना है कि स्वास्थ्य, शिक्षा और खेल के लिए विशेष ध्यान देने की...
देश के विकास में रेलवे की महत्वपूर्ण भूमिका है। इसमें रेलकर्मियों का बड़ा योगदान माना जाता है। रेलकर्मी दिन रात मेहनत करके लोगों की यात्रा को सुलभ और सुरक्षित बनाते हैं। रेलकर्मियों का कहना है कि विकास में अहम योगदान के बावजूद बेहतर सुविधाएं नहीं मिल पा रही है। रेलकर्मियों के परिवार और बच्चों के लिए स्वास्थ्य, शिक्षा और खेल आदि पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। ईस्टर्न रेलवे मेन्स यूनियन के पदाधिकारियों का कहना है कि भागलपुर में रेलवे का एक अनुमंडलीय अस्पताल होना चाहिए। बच्चों की अच्छी शिक्षा के लिए केन्द्रीय विद्यालय, खेल मैदान, सामुदायिक भवन आदि की व्यवस्था होनी चाहिए। रेलवे के क्षेत्र में ईस्टर्न रेलवे मेंस यूनियन बड़े संगठनों में शामिल है। भागलपुर और उसके आसपास कहलगांव, सुल्तानगंज, गोड्डा और हंसडीहा आदि क्षेत्रों में आरपीएफ को लेकर करीब 2360 रेलकर्मी कार्यरत हैं। ईस्टर्न रेलवे मेन्स यूनियन के पदाधिकारियों का कहना है कि रेलकर्मी दिन-रात सुरक्षित यात्रा में लगे रहते हैं। लेकिन भागलपुर में रेलकर्मियों के लिए कोई बड़ा अस्पताल नहीं है। वर्तमान में जो अस्पताल है वहां प्राथमिक उपचार ही संभव हो पाता है। इसके चलते गंभीर रूप से बीमार रेलकर्मियों को दूसरे अस्पतालों में इलाज के लिए जाना पड़ता है। भागलपुर में रेलवे का एक अनुमंडलीय अस्पताल होना चाहिए। सरकारी क्वार्टर भी मात्र 15 प्रतिशत रेलकर्मियों को ही मिल पाता है। बेहतर स्कूल, खेल मैदान, सामुदायिक भवन आदि की सुविधाएं रेलकर्मियों और उनके परिवार को मिलनी चाहिए।
ईस्टर्न रेलवे मेंस यूनियन के सचिव चंदन कुमार ने बताया कि वर्तमान में 2360 के करीब रेलकर्मी हैं। इसके अलावा करीब एक हजार अवकाशप्राप्त रेलकर्मियों का परिवार भागलपुर में रहता है। इनके इलाज के लिए स्टेशन के पास एक रेलवे अस्पताल है। लेकिन अस्पताल में जांच, ऑपरेशन, प्रसव आदि की सुविधा नहीं है। प्राथमिक उपचार के बाद मरीजों को रेफर करना पड़ता है। एम्बुलेंस की सुविधा भी नहीं है। ट्रेन दुर्घटना में घायल मरीजों का इलाज करने में भी परेशानी होती है। रेलवे के बड़े अस्पताल में इलाज कराने के लिए जमालपुर, मालदा या सियालदह जाना पड़ता है। भागलपुर में मायागंज या सदर अस्पताल में इलाज कराना पड़ता है। रेलवे का क्षेत्र और रेलकर्मियों की संख्या के हिसाब से भागलपुर में एक अनुमंडलीय अस्पताल होना चाहिए।
उन्होंने बताया कि रेलकर्मियों के लिए पर्याप्त क्वार्टर होना चाहिए। वर्तमान में ईस्ट कॉलोनी, वेस्ट कॉलोनी, एनई रेलवे कॉलोनी, डिक्सन रोड कालोनी, कचहरी कॉलोनी और रेलकुंज तिलकामांझी कॉलोनी है। इसमें 15 प्रतिशत रेलकर्मियों को ही आवास मिल पाया है। शेष रेलकर्मी शहर में किराया के मकान में रहते हैं। भागलपुर में किराया भी अधिक है। इसके अलावा रात में दूर से ड्यूटी करने के लिए स्टेशन आना पड़ता है। इस दौरान सुरक्षा का भी खतरा बना रहता है। भागलपुर में केन्द्रीय विद्यालय खोलने की बात काफी दिनों से हो रही है। भागलपुर में रेलवे के अलावा अन्य केन्द्रीय कार्यालयों में लोग काम करते हैं। केन्द्रीय विद्यालय होने से केन्द्रीय कर्मियों के बच्चों को अच्छी शिक्षा मिल सकती है वर्तमान में अगर किसी का ट्रांसफर भागलपुर में होता है तो उसके बच्चे को अच्छे स्कूलों में नामांकन कराने में परेशानी होती है।
रिटायर्ड रेलकर्मी सह ईस्टर्न रेलवे मेंस यूनियन के पूर्व सचिव आरके सिंह ने बताया कि यात्रा भत्ता, रात्रि भत्ता, समयोपरी विलंब भत्ता आदि का भुगतान वेतन के साथ ही कर देना चाहिए। समय पर भुगतान होने से रेलकर्मियों में उत्साह रहता है और मनोयोग से काम करते हैं। लेकिन इसका भुगतान विलंब से हो रहा है। चेकिंग स्टाफ का भी फिक्स्ड यात्रा भत्ता का भुगतान वेतन के साथ करना चाहिए। उन्होंने बताया कि सुरक्षा के मद्देनजर ट्रैकमैन को रक्षक डिवाइस देना चाहिए। रक्षक डिवाइस से ड्यूटी के दौरान पता चल जाता है कि पटरी पर कोई ट्रेन आ रही है। इससे रेलकर्मी समय पर अलर्ट हो जायेंगे। पटरी पर काम करने के दौरान कभी-कभी दुर्घटनाएं हो जाती हैं। ट्रेनों की गति बढ़ रही है। ऐसी स्थिति में ट्रैकमैन को रक्षक डिवाइस उपलब्ध कराना जरूरी हो गया है। रेलवे में रिक्त पदों पर बहाली होनी चाहिए। रेलवे संरक्षा से संबंधित सभी पदों को भरा जाना चाहिए। पद रिक्त रहने से दूसरे रेलकर्मियों पर काम का लोड बढ़ जाता है।
ईस्टर्न रेलवे मेंस यूनियन के कार्यकारी अध्यक्ष प्रबल कुमार ने बताया कि रेलकर्मियों और उनके परिवार और बच्चों के लिए मनोरंजन की सुविधा होनी चाहिए। रेलकर्मियों के बच्चों को खेलने के लिए मैदान के साथ अन्य सुविधाएं हो तो बेहतर होता। भागलपुर में करीब 354 रेलवे क्वार्टर है। जबकि रेलकर्मियों की संख्या 2360 के करीब है। पुराने क्वार्टरों की हालत अच्छी नहीं है। लोको कॉलोनी का अधिकांश क्वार्टर जर्जर हो चुका है। अंग्रेजों के बनाए क्वार्टर में लोग रह रहे हैं। कॉलोनी में टेम्पो का अघोषित पार्किंग बन गया है। सामुदायिक भवन की स्थिति अच्छी नहीं है। सुरक्षा व्यवस्था बेहतर नहीं होने से आपराधिक घटनाएं होती रहती हैं। शौचालय की भी अच्छी व्यवस्था नहीं है। कॉलोनी में नियमित सफाई नहीं होती है। पुराने क्वार्टरों को तोड़कर नया क्वार्टर बनाने की जरूरत है।
शाखा पार्षद जितेन्द्र कुमार ने बताया कि रेलवे वेस्ट कॉलोनी में क्वार्टर के पीछे टेम्प अवैध रूप से लगाया जा रहा है। इससे सुरक्षा का खतरा बना रहता है। अपना पैसा खर्च कर मेंटेनेंस करवाना पड़ता है। शिकायत करने पर कहा जाता है कि अभी टेंडर नहीं हुआ है। सभी रेलवे कॉलोनियों में पानी, शौचालय, चारदीवारी आदि की बेहतर व्यवस्था होनी चाहिए।
स्वास्थ्य केंद्र में गंभीर रूप से बीमार का नहीं होता इलाज
भागलपुर। ईस्टर्न रेलवे मेंस यूनियन भागलपुर के सचिव चंदन कुमार ने बताया कि भागलपुर रेलवे स्टेशन समेत जिले के अंतर्गत आनेवाले छोटे बड़े स्टेशनों को मिलाकर करीब 2250 स्टाफ कार्यरत हैं। इसके अलावा आरपीएफ के स्टाफ हैं। इसमें से ईस्टर्न रेलवे मेंस यूनियन के अंतर्गत कुल 1565 सदस्य हैं, जो अलग स्टेशनों पर अपनी सेवा दे रहे हैं। इसमें नाथनगर, सुल्तानगंज, अकबरनगर, कहलगांव, जगदीशपुर टेकानी, सबौर, घोघा, पीरपैंती समेत कई छोटे बड़े रेलवे स्टेशन शामिल है। स्वास्थ्य सुविधा के नाम पर भागलपुर में सिर्फ स्वास्थ्य केंद्र की व्यवस्था है। यहां के रेलकर्मियों के गंभीर रूप से बीमार पड़ने या किसी दुर्घटना का शिकार होने की स्थिति में इलाज संभव नहीं हो पाता है। भागलपुर में रेलवे का एक अनुमंडलीय अस्पताल खुलना चाहिए। जहां हर तरह की जांच के साथ इमरजेंसी में इलाज करने की सुविधा हो। अनुमंडल अस्पताल खोले जाने से रेल कर्मियों के परिवार को जांच एवं प्रसव की सुविधा मिल पाएगी।
वेतन के साथ हर तरह के भत्ते का भुगतान हो
भागलपुर। ईस्टर्न रेलवे मेंस यूनियन भागलपुर के पूर्व सचिव आरके सिंह ने बताया कि रेलवे कर्मचारियों को समय पर यात्रा भत्ता, फिक्स यात्रा भत्ता और ओवरटाइम अलाउंस वेतन के साथ ही मिलना चाहिए। इससे परिवार के भरण-पोषण में राहत मिलेगी। वर्तमान में सभी प्रकार का भत्ता समय से नहीं मिलता है। इसके चलते रेलकर्मियों को परेशानी होती है। ढाई हजार के करीब रेलकर्मी भागलपुर जिले के अंतर्गत सेवारत हैं। यहां पर उनके बच्चों के भविष्य के लिए सरकार द्वारा केंद्रीय विद्यालय की स्थापना करनी चाहिए। केन्द्रीय विद्यालय खुलने से बच्चों को अच्छी शिक्षा मिलेगी। पहले की अपेक्षा ट्रेन, पटरियां और अन्य सुविधाएं काफी बढ़ी हैं लेकिन उसके अनुसार स्टाफ की बहाली नहीं होने से अतिरिक्त दबाव बढ़ रहा है। रेलवे द्वारा नए कर्मियों की बहाली की जानी चाहिए। ट्रैकमैन को सुरक्षा डिवाइस मिलना चाहिए।
क्वार्टर की कमी एवं जर्जर भवन से रेलकर्मियों को परेशानी
भागलपुर। ईस्टर्न रेलवे मेंस यूनियन भागलपुर के कार्यकारी अध्यक्ष प्रवल कुमार ने बताया कि भागलपुर में रेलवे के अधिकारियों और कर्मियों के समक्ष सबसे बड़ी समस्या क्वार्टर की कमी एवं जर्जर भवन को लेकर है। अवांछित तत्वों के जमावड़ा के कारण यहां पर रेलवे कर्मियों की सुरक्षा व्यवस्था भी सवालों के घेरे में है। अधिकांश क्वार्टर अंग्रेजों के जमाने का बनाया हुआ है। क्वार्टरों की हालत जर्जर हो चुकी है। पूर्व में बना सामुदायिक भवन भी जर्जर हालत में है। कोई कार्यक्रम करने में डर लगता है। क्षेत्र में आपराधिक घटनाएं होती रहती हैं। इसके चलते भय बना रहता है। पुलिस को रेलवे कॉलोनी में नियमित गश्त करनी चाहिए। रेलवे को पर्याप्त संख्या में क्वार्टर बनवाना चाहिए। ताकि सभी रेलकर्मियों को बेहतर आवास की सुविधा मिल सके। सामुदायिक भवन भी नया बनना चाहिए।
भागलपुर में रेलवे क्वार्टर की संख्या बढ़ायी जाए
भागलपुर। ईस्टर्न रेलवे मेंस यूनियन भागलपुर के उपाध्यक्ष मनीष कुमार ने बताया कि भागलपुर में कार्यरत रेलकर्मियों में से महज 15 प्रतिशत रेलकर्मियों के लिए ही क्वार्टर की सुविधा है। इसमें से भी अधिकतर जर्जर हालत में है। इसके कारण रेलकर्मियों को कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। क्वार्टर की कमी के कारण निजी मकानों या फ्लैट में रहने पर किराया अधिक लगता है। रेलवे द्वारा कार्यरत कर्मियों की सुविधा के लिए नए और मूलभूत सुविधाओं से युक्त क्वार्टर बनाने की जरूरत है। ताकि अधिकतर कर्मियों को आवास की सुविधा मिल सके। सुरक्षा की दृष्टि से ट्रैकमैन के लिए रक्षक डिवाइस की व्यवस्था होनी चाहिए। अभी केवल ट्रैकमैन को ट्रैक करने के लिए जीपीएस ट्रैकर दिया जाता है। लेकिन ट्रैकमैन के पास रक्षक उपकरण की कोई सुविधा उपलब्ध नहीं कराई गई है। कर्मियों की कमी कारण काम का बोझ बढ़ जाता है।
इनकी भी सुनिए
भागलपुर में रेलकर्मियों के लिए मेडिकल सुविधाओं का काफी अभाव है। यहां के रेलवे अस्पताल में इमरजेंसी सेवा या जांच की सुविधा नहीं है। रेलकर्मियों को दूसरे अस्पतालों में जाकर इलाज कराना पड़ता है। भागलपुर में एक हजार से अधिक अवकाशप्राप्त रेलकर्मी और उनके परिवार रहते हैं।
-आरडी चौरसिया, उपाध्यक्ष ईआरएमयू भागलपुर
रेलवे में जितने कर्मचारी अवकाश ग्रहण कर रहे हैं। उतनी नयी बहाली नहीं हो रही है। बहुत से पद रिक्त हो गये हैं। सृजित पदों पर तत्काल बहाली होनी चाहिए। ताकि दूसरों पर काम का दबाव नहीं बढ़े। काफी समय से रिक्त पदों पर बहाली करने की मांग हो रही है।
-अमृतेश कुमार, ईआरएमयू भागलपुर
रेलकर्मियों के बच्चों की शिक्षा के लिए भागलपुर में केंद्रीय विद्यालय खोलने की जरूरत है। जिससे रेलवे समेत अन्य केन्द्रीय विभागों के अधिकारियों और कर्मियों के बच्चे पढ़ाई कर सकें। योग और फिटनेस के लिए भी व्यायामशाला की व्यवस्था होनी चाहिए।
-राजकिशोर पोद्दार, सहायक सचिव, ईआरएमयू भागलपुर
भागलपुर में खेलकूद से संबंधित प्रतियोगिताओं के लिए एक स्टेडियम की व्यवस्था होनी चाहिए। खेलकूद से जुड़ी गतिविधियों को बढ़ाने से भागलपुर के रेलकर्मियों को भी राष्ट्रीय स्तर पर पहचान बनाने का मौका मिलेगा। बच्चों को भी खेलने का मौका मिलेगा।
-रोहित कुमार
रेलवे क्रॉसिंग गेट स्टाफ की ड्यूटी पर ध्यान देने की जरूरत है। अधिक समय ड्यूटी कराने से परेशानी होती है। रेलकर्मियों के इलाज के लिए भागलपुर में अच्छा अस्पताल खोलने की जरूरत है। ताकि रेलकर्मी ड्यूटी में रहने के दौरान भी अपने परिवार और बच्चों का बेहतर इलाज करवा सकें।
-अशहर, ब्रांच काउंसलर, ईआरएमयू भागलपुर
रेलवे के परिचालन विभाग में कार्यरत प्वाइंट्स मैन की ड्यूटी आठ घंटे की जगह 12 घंटे की होती है, जबकि रेलवे बोर्ड की गाइडलाइन में आठ घंटे की ड्यूटी निर्धारित की गई है। इसके कारण उनलोगों पर कार्य का अतिरिक्त बोझ बढ़ जाता है।
-रितेश कुमार, ईआरएमयू भागलपुर
भागलपुर में रेलवे कर्मियों के रहने के लिए फिलहाल कम क्वार्टर है। इसमें से अधिकतर जर्जर हालत में है। क्वार्टर में रहने वाले कर्मियों के साथ दुर्घटना की संभावना बनी रहती है। जर्जर हो चुके क्वार्टर को ध्वस्त कर नया निर्माण कराया जाना चाहिए।
-रजनीश कुमार
भागलपुर में रेलवे द्वारा मनोरंजन क्लब की व्यवस्था होनी चाहिए। खेलकूद की गतिविधि बढ़ने से रेलवे के अधिकारी और कर्मचारियों के स्वास्थ्य पर भी सकारात्मक एवं अनुकूल प्रभाव पड़ेगा। कर्मी तनाव मुक्त होकर काम कर सकेंगे।
-जितेन्द्र कुमार
रेलवे के ट्रैकमैन को देश के अन्य जगहों पर सुरक्षा की दृष्टि से रक्षक डिवाइस उपलब्ध कराई जाती है। इससे समय रहते ट्रैकमैन को ट्रैक और ट्रेन से जुड़ी जरूरी जानकारी मिल जाती है। जिससे उनकी सुरक्षा सुनिश्चित की जा सकती है। भागलपुर समेत मालदा डिवीजन के सभी ट्रैकमैन को रक्षा डिवाइस मिलना चाहिए।
-प्रभात कुमार
रेलवे के कर्मचारियों को वेतन के साथ ही यात्रा भत्ता और ओवरटाइम ड्यूटी समेत हर तरह का भत्ता मिलना चाहिए। ताकि रेलकर्मियों को बाद में किसी प्रकार के भत्ता के लिए इंतजार नहीं करना पड़े। एक साथ और समय पर भत्ता की राशि मिलने से काफी राहत मिलेगी।
-हीरा कुमार
रेलवे क्वार्टर में रहने वाले रेलकर्मियों और अधिकारियों को सुरक्षा से संबंधित कई तरह की समस्या से जूझना पड़ता है। असामाजिक तत्वों के कारण चोरी-छिनतई की घटना होती रहती है। रेलकर्मी और उनके परिवारजन भयमुक्त वातावरण में आवागमन कर सकें, इसके लिए रेल और जिला पुलिस को सुरक्षा व्यवस्था पर ध्यान देने की जरूरत है।
-अजीत कुमार सिंह
रेलकर्मियों की सुविधा के लिए बना सामुदायिक भवन जर्जर अवस्था में है। जहां से जरूरी सामान भी गायब हो चुके हैं। असामाजिक तत्वों की गतिविधियों से रेलकर्मियों को परेशानी होती है। सामुदायिक भवन के जीर्णोद्धार के साथ सुरक्षा व्यवस्था भी दुरुस्त होनी चाहिए।
-विजय महतो
शिकायतें
1. भागलपुर में कार्यरत महज 15 प्रतिशत रेलकर्मियों के लिए क्वार्टर की सुविधा है। कर्मी की संख्या बढ़ी लेकिन क्वार्टर नहीं।
2. रेलवे कॉलोनी और आसपास में असामाजिक तत्वों की गतिविधियां रहने से असुरक्षा का माहौल।
3.भागलपुर में रेलवे अस्पताल है। लेकिन गंभीर बीमारियों के इलाज की सुविधा नहीं।
4.भागलपुर में केन्द्रीय विद्यालय नहीं होने से बच्चों को अच्छी शिक्षा दिलाने में परेशानी।
5. ट्रैकमैन को रक्षक डिवाइस की सुविधा नहीं, जबकि ट्रेनों की गति लगातार बढ़ रही है।
सुझाव
1. बच्चों की बेहतर शिक्षा और भविष्य के लिए भागलपुर में केंद्रीय विद्यालय की स्थापना होनी चाहिए।
2. रेलकर्मियों के आवासन की सुविधा के लिए नए क्वार्टर का निर्माण किया जाना चाहिए।
3. रेलकर्मियों की बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए रेलवे का अनुमंडल अस्पताल और पार्क बनना चाहिए।
4.आपराधिक गतिविधियों और असामाजिक तत्वों पर लगाम लगाने के लिए पुलिस द्वारा बेहतर सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित की जानी चाहिए।
5. सृजित पदों पर कर्मियों की बहाली होनी चाहिए।
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