भारत स्काउट एंड गाइड को आर्थिक सहयोग करे प्रशासन
भारत स्काउट एंड गाइड, भागलपुर बच्चों को प्रशिक्षण देने वाली एक संस्था है। हालाँकि, संस्था को जिला स्तर पर कोई वित्तीय सहायता नहीं मिल रही है, जिससे उनके कार्यक्रम प्रभावित हो रहे हैं। शिक्षा विभाग से...
भागलपुर। भारत स्काउट एंड गाइड, भागलपुर मुख्य रूप से स्कूलों में जाकर बच्चों को प्रशिक्षण देता है। बच्चों को परेड, व्यायाम, सैद्धांतिक और व्यवहारिक जानकारी देने के लिए प्राथमिक चिकित्सा सहायता, भूकंप, बाढ़ आदि से बचाव तथा चरित्र निर्माण और राष्ट्र निर्माण के बारे में जानकारी दी जाती है। पुरानी स्वयंसेवी संस्था होने के बावजूद भारत स्काउट एंड गाइड की स्थिति भागलपुर में अच्छी नहीं है। इससे जुड़े पदाधिकारियों का कहना है कि प्रशासन द्वारा संस्था की उपेक्षा की जा रही है। जबकि हर परिस्थिति में स्काउट एंड गाइड के प्रशिक्षत बच्चे खड़े रहते हैं। सरकार को आर्थिक मदद कर संस्था को और मजबूत करना चाहिए। भारत स्काउट एंड गाइड, भागलपुर के जिला संगठन प्रशिक्षण आयुक्त विपीन कुमार सिंह ने बताया कि विश्व के 226 देशों में स्काउट एंड गाइड की शाखा संचालित हो रही है। बच्चों में काम करने की असीम क्षमता है। अच्छा व्यक्ति प्रशिक्षण दे और राह दिखाए तो बच्चे घर, राज्य और राष्ट्र को बेहतर सेवा दे सकते हैं। भारत स्काउट एंड गाइड को राज्य और केन्द्र सरकार से कुछ अनुदान मिलता है। लेकिन जिला स्तर से किसी तरह की वित्तीय मदद नहीं मिलती है। दूसरे जिलों में जिला प्रशासन आगे बढ़कर आर्थिक मदद करता है। लेकिन भागलपुर जिले में ऐसा नहीं हो रहा है। शिक्षा विभाग के आदेश पर स्काउट एंड गाइड काम करता है। विभाग के निर्देश पर स्कूली बच्चों को सभी तरह का प्रशिक्षण दिया जाता है। लेकिन शिक्षा विभाग से भी पूरा सहयोग नहीं मिल रहा है। इसके चलते भारत स्काउट एंड गाइड भागलपुर की स्थिति बहुत अच्छी नहीं है। आर्थिक मदद नहीं मिलने से कोई बड़ा कार्यक्रम आयोजित नहीं हो रहा है। जिला प्रशासन वित्तीय मदद करे तो छात्रों को और बेहतर प्रशिक्षण और कार्यक्रम का आयोजन किया जा सकता है। संस्था का मुख्य उद्देश्त नि:शुल्क सेवा देना है। भारत स्काउट एंड गाइड, भागलपुर का भवन जर्जर हो चुका है। जिला प्रशासन को भवन का जीर्णोद्धार करना चाहिए।
भारत स्काउट एंड गाइड, भागलपुर के सचिव प्रवीण कुमार झा ने बताया कि आजादी के बाद सात नवम्बर 1950 को देश के प्रथम शिक्षा मंत्री मौलाना अबुल कलाम आजाद ने स्काउट से जुड़े सभी संगठनों को एकत्रित कर भारत स्काउट एंड गाइड का गठन किया। तभी से यह संस्था राष्ट्र के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। सभी उच्च और उच्चतर विद्यालयों में बालचर या छात्र कोष है। इसमें बच्चों से 10 रुपये शुल्क लिया जाता है। उक्त खाते की राशि को प्रधानाध्यापक को स्काउट एंड गाइड की गतिविधियों पर खर्च किया जाता है। सभी स्कूलों में अनिवार्य रूप से गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए स्काउट एंड गाइड दल का गठन करना है। लेकिन अधिकांश विद्यालयों में दल का गठन नहीं किया जाता है। बालचर की राशि अन्य कार्यों में खर्च नहीं करने का प्रावधान है। शिक्षा विभाग को सभी स्कूलों में स्काउट एंड गाइड दल का गठन करना चाहिए, ताकि वहां छात्रों को बेहतर प्रशिक्षण दिया जा सके। बालचर की राशि भी स्काउट एंड गाइड की गतिविधियों पर खर्च होने लगेगी। स्काउट एंड गाइड के बच्चों को रेलवे में ग्रेड सी और अन्य ग्रेड में बहाली का मौका मिलता है। साल में दो बार इसकी परीक्षा होती है। भारत स्काउट एंड गाइड भागलपुर के मुख्य जिला आयुक्त मनोज कुमार सिंह ने बताया कि संस्था का मुख्य उद्देश्य बच्चों का सर्वांगिन विकास और गुणवत्तापूर्ण शैक्षणिक गतिविधियों को आगे बढ़ाना है। संस्था में सक्रियता लाने में जिला शिक्षा पदाधिकारी की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। जिला शिक्षा पदाधिकारी को सभी प्रधानाध्यापकों को दल का गठन करने का निर्देश देना चाहिए। राष्ट्रीय पर्व सहित अन्य कार्यक्रमों में स्काउट एंड गाइड के प्रशिक्षित बच्चों की मांग होती है। प्रशिक्षित बच्चों की कमी होने लगी है। भारत स्काउट एंड गाइड, भागलपुर के जिला आयुक्त वयस्क नीरज कुमार ने बताया कि वर्तमान में विभिन्न विद्यालयों में स्काउट एंड गाइड दल का गठन नहीं होने से वर्दीधारी बच्चों की संख्या में कमी आ रही है। प्रशिक्षित वर्दीधारी बच्चे श्रावणी मेला, स्वच्छता कार्यक्रम, ट्रैफिक व्यवस्था आदि में अपनी सेवा देते हैं। इसके लिए जरूरी है कि सभी स्कूलों में भारत स्काउट एंड गाइड दल का गठन हो। इसके लिए शिक्षा विभाग को पहल करने की जरूरत है। सामाजिक, शैक्षणिक, नैतिक, चारित्रिक और अनुशासित होने के लिए स्काउट एंड गाइड जरूरी है। इससे रोजगार का अवसर भी मिलता है। विवि में स्काउट एंड गाइड के प्रशिक्षित छात्र-छात्राओं को नामांकन में प्राथमिकता देने का प्रावधान है। लेकिन वर्तमान में ऐसा नहीं हो रहा है। विवि प्रशासन को इस पर विचार करना चाहिए। भारत स्काउट एंड गाइड, भागलपुर के कोषाध्यक्ष नीरज कुमार राय ने कहा कि संस्था के पास फंड नहीं है। स्काउट एंड गाइड के सदस्यों के सहयोग से किसी तरह काम चल रहा है। बच्चे अपने खर्च से वर्दी आदि की व्यवस्था करते हैं। जिला प्रशासन को आर्थिक मदद करनी चाहिए।
स्काउट एंड गाइड संस्थान को मिले वित्तीय सहायता
भारत स्काउट एंड गाइड, भागलपुर के जिला संगठन आयुक्त विपिन कुमार सिंह ने बताया कि जिला स्तर पर किसी प्रकार का कोई सरकारी अनुदान या सहयोग नहीं मिल पाता है, जिसके कारण कोई भी बड़ा कार्यक्रम आयोजित कराना मुश्किल होता है। सरकार की ओर से भारत स्काउट एंड गाइड भागलपुर को अगर वित्तीय सहायता उपलब्ध कराई जाय तो भविष्य में बच्चों के साथ बेहतर कार्यक्रम आयोजित कराया जाना संभव और सुलभ होगा। इससे संस्था के साथ बच्चों को भी लाभ मिल पाएगा। कई दशक पुराना भवन भी जर्जर अवस्था में है, जिसके जीर्णोंद्धार और जरूरी सुविधा की जरूरत है। उन्होंने बताया कि किसी कार्यक्रम को संचालित करने में सबसे बड़ी समस्या आर्थिक रूप से सामने आती है। इस संस्था से जुड़े बच्चे अपने समाज के साथ राज्य और देश के विकास में सहयोगी एवं हमेशा तत्पर रहते हैं। साथ ही बताया कि स्काउट एंड गाइड से प्रशिक्षित छात्र-छात्राओं को वेटेज की सुविधा है, लेकिन उसके लिए जो जरूरी मानक तय किए गये हैं, उसका पालन होना अनिवार्य है।
वर्दी समेत हर स्तर के शिविरों का शुल्क खुद ही वहन करते हैं छात्र
भारत स्काउट एंड गाइड, भागलपुर के जिला सचिव प्रवीण कुमार झा ने बताया कि शिक्षा विभाग की ओर से जिले के सभी विद्यालयों को यदि दिशा-निर्देश जारी कर अपने विद्यालयों में स्काउट गाइड यूनिट का गठन करने के लिए आदेश जारी किया जाय, तो भारत स्काउट गाइड संस्थान के साथ बच्चों को भी इसका उचित लाभ मिलेगा। इससे बच्चों की भागीदारी बढ़ेगी और वे अपने साथ समाज और देश के हित में काम कर सकेंगे। उन्होंने बताया कि किसी भी कार्यक्रम में बच्चों की सक्रिय भागीदारी बढ़ाने के लिए कई तरह के साकारात्मक प्रयास करने पड़ते हैं, जिसका लाभ वर्दीधारी स्काउट एंड गाइड और रोवर्स रेंजर्स को मिलेगा। इससे स्वत: स्काउट एंड गाइड छात्र-छात्राओं की संख्या में भी वृद्धि हो जाएगी और भारत स्काउट एंड गाइड के आंदोलन को बल मिलने के साथ सेवा से जुड़ी गतिविधि भी तेज होगी। साथ ही बताया कि यहां प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले बच्चों को अपनी वर्दी के साथ जिला, राज्य और राष्ट्रीय स्तर के शिविरों का शुल्क भी खुद ही वहन करना पड़ता है।
हर विद्यालयों में अतिरिक्त कौशल के रूप में शामिल हो स्काउट एंड गाइड
भारत स्काउट एंड गाइड, भागलपुर के मुख्य जिला आयुक्त मनोज कुमार सिंह ने बताया कि भारत स्काउट एंड गाइड एकमात्र मान्यता प्राप्त संस्थान है, जिसके माध्यम से कई तरह की गतिविधियां संचालित होती हैं। लेकिन शिक्षा विभाग से कोई आर्थिक सहयोग नहीं मिल पाने से इसका नुकसान भारत स्काउट एंड के साथ बच्चों को भी होता है। उन सभी का मुख्य उद्देश्य अन्य विकसित राज्यों की तरह भागलपुर समेत बिहार में भारत स्काउट एंड गाइड की स्थिति को मजबूत कर बच्चों को जरूरी सुविधा मुहैया कराना है। उन्होंने बताया कि भागलपुर में इस संस्थान के कमेटी सदस्य की संख्या 26 है, जबकि लाइफ मेंबर की संख्या 250 से अधिक है। इसके मूल उद्देश्य को पूरा करने के लिए जिला प्रशासन और शिक्षा विभाग के पदाधिकारी को सजग होने की जरूरत है। विद्यालयों में प्रधानाध्यापकों को निर्देशित किया जाना चाहिए, जिससे जिले के हर विद्यालय के गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के साथ अतिरिक्त गतिविधि में स्काउट एंड गाइड की गतिविधि या कौशल को प्राथमिकता दी जाय।
फंड की कमी के कारण कार्यक्रमों के आयोजन में होती है परेशानी
भारत स्काउट एंड गाइड, भागलपुर के कोषाध्यक्ष नीरज कुमार राय ने बताया कि उन सभी के समक्ष सबसे बड़ी समस्या फंड की कमी की है, जिसके कारण संस्थान के पदाधिकारियों और आजीवन सदस्यों के सहयोग से किसी प्रकार के कार्यक्रम या जरूरी कार्यों को किया जाता है। कोई भी कार्यक्रम पर्याप्त राशि के अभाव में ठीक ढंग से नहीं हो पाता है। वहीं संस्थान से जुड़े सरकारी और निजी विद्यालय से स्काउट गाइडर के द्वारा प्राप्त आर्थिक सहयोग से ही प्रशिक्षण समेत कई तरह की गतिविधि संचालित होती है। सरकार के द्वारा अगर प्रावधान कर संस्थान को फंड उपलब्ध कराया जाय, तो भारत स्काउट गाइड संस्था राष्ट्रहित, सेवाभाव, सांस्कृतिक गतिविधि समेत अन्य गतिविधियों में बेहतर ढंग से आगे बढ़ सकती है। रोजगार के अवसर के रूप में भी अवसर पैदा किए जाने चाहिए, जिससे प्रशिक्षकों के साथ छात्र-छात्राओं के समक्ष कॅरियर की संभावना बन सके। साथ ही बताया कि विद्यालय प्रधान अगर सजग और सक्रिय भूमिका निभाए तो स्काउट एंड गाइड की संख्या में वृद्धि होगी और जिसका लाभ समाज और देश को होगा।
भारत स्काउट एंड गाइड कार्यक्रम में शिथिलता आ गई है। इसे दूर करने के लिए मनोयोग से काम करने की कोशिश होनी चाहिए। लोगों में मोटिवेशन कम हो रहा है, जबकि सरकारी नौकरी में भी ऐसे बच्चों का कोटा निर्धारित है। प्रधानाध्यापक द्वारा विद्यालय स्तर से ही बच्चों को तैयार करने और समस्याओं के निदान पर ध्यान देने की जरूरत है।
अमरनाथ सिंह, सहायक सचिव
सभी विद्यालयों में भारत स्काउट एंड गाइड के दल का गठन होना चाहिए, जिससे बच्चे विद्यालय से शारीरिक और मानसिक रूप से मजबूत होने के साथ सेवाभाव और राष्ट्रीयता की भावना से जुड़ सके। इस संस्थान का मुख्य उद्देश्य पथ प्रदर्शक की मदद से बच्चों में कार्य की क्षमता को विकसित करना और आत्मनिर्भर बनाना है।
नीरज कुमार, जिला सचिव, वयस्क शिक्षा
स्काउट एंड गाइड के प्रशिक्षण के माध्यम से छात्र-छात्राओं में कम्युनिटी बिल्डिंग और अनुशासन के साथ सेवाभाव एवं सांस्कृतिक गतिविधि विकसित होती है। यहां नि:शुल्क प्रशिक्षण प्राप्त होता है। संस्थान को फंड नहीं मिलने के कारण शिविरों के आयोजन और वर्दी खुद के पैसे खरीदते हैं। इससे आर्थिक बोझ पड़ता है।
अभिषेक आनंद, रोवर्स लीडर
स्काउट एंड गाइड की जितनी यूनिट का गठन अलग-अलग विद्यालयों में किया जाएगा, छात्र-छात्राओं के लिए सेवा क्षेत्र के साथ कॅरियर और रोजगार के क्षेत्र में उतना अधिक अवसर मिल पाएगा। फिलहाल संस्थान के चुने हुए पदाधिकारी और सदस्य विद्यालयों के सहयोग से काम चल रहा है, जो पर्याप्त नहीं हो पाता है।
सिमरन, रेंजर्स
भारत स्काउट एंड गाइड, भागलपुर में उनलोगों को प्राप्त प्रशिक्षण के आधार पर कई महत्वपूर्ण जानकारी मिल पाती है, जिसका लाभ उनलाोगों को व्यक्तिगत और समाजिक स्तर पर कार्य करने में मिलता है। संस्थान के पदाधिकारियों का बेहतर सहयोग प्राप्त होता है, लेकिन सरकार के द्वारा सहयोग की काफी जरूरत है।
सोनाली भारती, रेंजर
प्रत्येक छह माह पर रेलवे विभाग द्वारा सिर्फ स्काउट एंड गाइड के प्रशिक्षित छात्रों के लिए थर्ड और फोर्थ ग्रेड की वेकेंसी निकाली जाती है। जिससे अलग-अलग प्रमाण पत्र धारी रोवर रेंजर को उनकी योग्यता के अनुसार प्राथमिकता दी जाती है। लेकिन प्रशासनिक स्तर से आर्थिक सहयोग नहीं मिलने के कारण परेशानी होती है।
उदय भारती, रोवर
स्काउट एंड गाइड के पास उतने पैसे नहीं होते हैं, जिससे वे सभी हर तरह की गतिविधि में शामिल होकर आगे बढ़ सकें। स्कूल में पढ़ाई के साथ स्काउट एंड गाइड को भी प्राथमिकता देते हैं। लेकिन कई तरह की सुविधाओं की कमी के कारण दिक्कत होती है।
ऋषि राज, रोवर
गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के साथ स्काउट एंड गाइड का भी अपना विशेष महत्व है। इससे उनलोगों को अपने शरीर को स्वस्थ रखने के साथ सेवा भाव को विकसित करने का अवसर मिलता है। अच्छे स्वास्थ्य के लिए मन का स्वस्थ होना जरूरी है। विद्यालय की गतिविधि में भी शामिल होकर अपनी सेवा देते हैं।
रौशन खातून, रेंजर
भारत स्काउट एंड गाइड से जुड़ने पर उनलोगों को अनुशासन, सेवाभाव और आपदा की स्थिति में दूसरों की सेवा का भाव जागृत किया जाता है। उचित प्रशिक्षण और प्रमाणपत्र प्राप्त कर इसके माध्यम से सम्मान के साथ छात्र-छात्रा अपना कॅरियर भी बना सकते हैं।
खुशी कुमारी, रेंजर
भारत स्काउट एंड गाइड भागलपुर के पुराने भवन को तोड़कर सुविधाओं से युक्त नया भवन बनाया जाए। आर्थिक रूप से कमजोर होने और प्रशासन द्वारा मदद नहीं मिलने से परेशानी होती है। जिला प्रशासन और शिक्षा विभाग को भारत स्काउट एंड गाइड के छात्र-छात्राओं की उपयोगिता को समझते हुए उनके बेहतर भविष्य के लिए काम करना चाहिए।
निकेत कुमार, रोवर
भारत स्काउड एंड गाइड का प्रयास पर्यावरण जागरूकता, सेवा कार्य, प्राकृतिक आपदा से जुड़ी गतिविधियों और मेला में सुरक्षा से जुड़ी गतिविधियों में अपनी सेवा प्रदान करना है। उनके पदाधिकारी और प्रशिक्षक के सहयोग से रोवर्स और रेंजर्स अपने लक्ष्य की ओर आगे बढ़ने का प्रयास कर रहे हैं।
श्रेया गौतम, रेंजर
भारत स्काउट एंड गाइड भवन के जर्जर भवन की मरम्मती होनी चाहिए, जिससे किसी घटना की आशंका से भयमुक्त होकर वह सभी सैद्धांतिक प्रशिक्षण प्राप्त कर अपने समाज और देश की सेवा के साथ अपने लक्ष्य को पा सकें। सरकार के द्वारा अगर इस पर ध्यान दिया जाए तो काफी संख्या में छात्र छात्रा इससे जुड़ेंगे।
रितिका, रेंजर
समस्या
1.जिला स्तर पर स्काउट एंड गाइड संस्थान को किसी प्रकार का कोई सरकारी अनुदान या सहयोग नहीं मिल पाता है, इससे बड़ा कार्यक्रम आयोजित कराना मुश्किल होता है।
2. सबसे बड़ी समस्या फंड की कमी की है, जिसके कारण संस्थान के पदाधिकारियों और आजीवन सदस्यों के सहयोग से कार्यक्रम या जरूरी कार्यों को किया जाता है।
3. स्काउट एंड गाइड से जुड़ी कई तरह की गतिविधियां संचालित होती हैं, लेकिन शिक्षा विभाग से आर्थिक सहयोग नहीं मिल पाता है, जिसका नुकसान बच्चों को भी होता है।
4.संस्थान से जुड़े सरकारी और निजी विद्यालय से प्राप्त आर्थिक सहयोग से कई तरह की गतिविधियां संचालित होती हैं। इसके कारण कोई विकास कार्य नहीं हो पाता है।
5.प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले बच्चों को अपनी वर्दी के साथ जिला, राज्य और राष्ट्रीय स्तर के शिविरों का शुल्क भी खुद ही वहन करना पड़ता है।
सुझाव
1. सरकार की ओर से भारत स्काउट एंड गाइड, भागलपुर को वित्तीय सहायता उपलब्ध कराई जाय, इससे संस्थान से जुड़े छात्र- छात्राओं का भविष्य बेहतर और सुलभ होगा।
2.स्काउड गाइड की सक्रिय भागीदारी बढ़ाने के लिए कई तरह के साकारात्मक प्रयास करने की जरूरत है, इसका लाभ वर्दीधारी स्काउट एंड गाइड और रोवर्स रेंजर्स को मिलेगा।
3. संस्थान के पदाधिकारियों और विद्यालयों से प्राप्त सहयोग राशि से कई कार्यक्रम किए जाते हैं। सरकार द्वारा प्रावधान कर स्काउट एंड गाइड संस्थान को फंड उपलब्ध कराया जाय।
4. स्काउट एंड गाइड के जर्जर भवन का निर्माण और सौंदर्यीकरण कराया जाना चाहिए, जिससे वहां बच्चों को कई तरह की सुविधा के साथ बेहतर माहौल भी मिल सकेगा।
5. संस्थान के संचालन के लिए यहां कार्यरत कर्मियों के लिए प्रोत्साहन राशि की व्यवस्था होनी चाहिए, जिससे यहां सेवा प्रदान करने वालों को रोजी-रोटी भी चल सके।
बोले जिम्मेदार
स्कूलों में स्काउट एंड गाइड गतिविधियों को बढ़ावा देने को लेकर सभी प्रधानाध्यापकों को निर्देश दिया गया है। इस गतिविधि के माध्यम से बच्चों की शारीरिक व मानसिक बुद्धिमत्ता के साथ-साथ नेतृत्व क्षमता का भी विकास होता है। स्काउट एंड गाइड के लिए ज्यादा से ज्यादा बच्चों की भागीदारी बढ़े, इसको लेकर सामूहिक प्रयास किया जाएगा।
-राजकुमार शर्मा, जिला शिक्षा पदाधिकारी, भागलपुर
प्रस्तुति: वीरेन्द्र कुमार / रविशंकर सिन्हा
फोटोग्राफ: कान्तेश
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