बोले पूर्णिया : जानकीनगर प्रखंड बने, डिग्री कॉलेज का निर्माण किया जाए
पूर्णिया जिले के जानकीनगर नगर पंचायत में 29,000 जनसंख्या और 15 वार्ड हैं। नगर पंचायत बनने के तीन साल बाद भी जलजमाव और शुद्ध पेयजल की समस्याएं बनी हुई हैं। स्थानीय निवासियों ने सुविधाओं की कमी और...
पूर्णिया जिले में कुल आठ नगर पंचायत अलग-अलग प्रखंडों में स्थापित किए गए। इसी में से एक जानकीनगर नगर पंचायत भी है। सबसे पहले पूर्णिया में एक नगर पालिका बनी थी जो अंग्रेज के जमाने से स्थापित थी। इसके बाद कसबा और बनमनखी को नगर पंचायत का दर्जा दिया गया। इसके बाद जब अन्य प्रखंडों में नगर पंचायत बनने लगे तो नगर पंचायत कसबा और बनमनखी को नगर परिषद का दर्जा दिया गया। इसी के साथ ही जिले में आठ नगर पंचायत क्रमशः रुपौली, भवानीपुर, धमदाहा, मीरगंज अमौर, बायसी, चंपानगर और जानकीनगर में हैं। सरकारी निर्देशानुसार इन नगर पंचायत में काम भी शुरू हो गया है। हालांकि अभी सभी नगर पंचायत थोड़े नये हैं तो विकास कार्यों को समझ कर आगे बढ़ाया जा रहा है। जानकीनगर नगर पंचायत क्षेत्र में 15 वार्ड हैं। इसमें 29 हजार से अधिक आबादी है। नगर पंचायत बनने के बाद भी यहां बरसात के समय जलजमाव की पुरानी समस्या बरकरार है। शुद्ध पेयजल की भी समस्या शुरुआती दौर से बनी हुई है। बोले पूर्णिया संवाद के दौरान नगर पंचायत वासियों ने अपनी समस्या बताई।
08 नगर पंचायत हैं पूर्णिया जिलेभर में
29 हजार जनसंख्या है जानकीनगर नगर पंचायत की
15 वार्डों का है जानकीनगर नगर पंचायत
जानकीनगर नगर पंचायत के गठन हुए लगभग तीन साल बीत जाने के बाद भी जलजमाव और शुद्ध पेयजल की समस्या से जूझना यहां के लोगों की नियति बनी है। रामनगर फरसाही और मधुवन पंचायत को मिलाकर नगर पंचायत बनने का केवल दर्जा बदला है लेकिन क्षेत्र की सूरत नहीं बदल पाई है। समय बीता, प्रतिनिधि भी बदले पर नहीं बदली तो सिर्फ जानकीनगर नगर पंचायत की तस्वीर। जानकीनगर को नगर पंचायत बनने के बाद भी नगर पंचायत से जुड़ी बुनियादी सुविधाएं स्थानीय लोगों को भी मयस्सर नहीं है। पूर्णिया-सहरसा राष्ट्रीय राजमार्ग एनएच107 मुख्य सड़क किनारे बाजार में सामाजिक एवं आर्थिक विकास के लिए महत्वपूर्ण मानी जाने वाली सड़कों की बदहाली देख कर स्वतः विकास कार्यों का अंदाजा लगाया जा सकता है।
बाजार के सड़कों पर हल्की बारिश में ही जलजमाव विकास के दावों की पोल खोल देता है। खासकर मानसून में सड़कों पर लगातार जलजमाव के कारण पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं को विद्यालय पहुंचने में एवं राहगीरों को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। गुणवत्तापूर्ण नाला निर्माण का कार्य नहीं होने के कारण नाला ओवर फ्लो होने के कारण भी सड़कों पर पानी बहने लगता है। वैसे भी स्थानीय लोगों की आम शिकायत है कि योजनाओं के मामले में इस क्षेत्र की हमेशा उपेक्षा होती रही है। यही वजह है कि आज भी लोगों को शुद्ध पेयजल, स्वास्थ्य, उच्च शिक्षा , सुरक्षा, शौचालय ,बस पड़ाव , सुरक्षा की समस्या से जूझना नियति बन गई है। स्वास्थ्य सुविधा के हकीकत कुछ और ही है। लाचार गरीब असहाय बेबस ग्रामीण झोलाछाप डॉक्टरों और नीम हकीम के चक्कर में पड़कर असमय ही काल कवलित होने को विवश हैं।
रोजगार की ऐसी व्यवस्था है कि खेतिहर मजदूर व आमजन अपने व अपने परिवार के लोगों का पेट के लिए दूसरे राज्यों में पलायन कर रहे हैं। सरकार की महत्वाकांक्षी योजना हर घर नल का जल पहुंचाने के लिए लाखों करोड़ों रुपए खर्च होने के बाद भी धरातल पर दम तोड़ती नजर आ रही है। लोगों का कहना है कि अधिकांश जगह पर नियमित रूप से पानी नहीं आता है, दूसरा जहां आता भी है तो बिल्कुल गंदा पानी, जो पीने लायक नहीं रहता है। क्षेत्रवासी लौहयुक्त पानी पीने को विवश हैं । पूर्णिया-सहरसा राष्ट्रीय राजमार्ग एनएच 107 सड़क किनारे जानकीनगर बस पड़ाव से प्रत्येक साल 21 लाख राजस्व की कमाई होती है, लेकिन यात्री सुविधाएं कुछ भी नहीं है। यहां यात्रियों को यात्री वाहनों का इंतजार करने के लिए शेड तक नहीं है। यात्रियों को खुले आसमान के नीचे सड़क किनारे खड़ा रहना पड़ता है। खासकर शौचालय नहीं रहने से महिलाओं एवं युवतियों को बस पड़ाव के बगल में खेत में जाकर खुले आसमान के नीचे शौच करने को मजबूर होना पड़ता है। शुद्ध पेयजल की कोई समुचित व्यवस्था नहीं है। बस पड़ाव में रात में अंधेरों का साम्राज्य कायम रहता है। नगर पंचायत की ओर से एक भी लाइट नहीं लगायी गयी है। न ही बस पड़ाव पर रात में सुरक्षा व्यवस्था का कोई इंतजाम है। नगर पंचायत होने के साथ व्यस्त बस पड़ाव है। बस पड़ाव में शुद्ध पेयजल, शौचालय, यात्रियों के बैठने का इंतजाम आदि सुविधा नदारद है। यदि इस बस पड़ावों पर अपने परिवार एवं बाल बच्चों के साथ कुछ घंटे इंतजार करना पड़े तो वह क्षण आपके लिए परेशानी का सबब बन जायेगा। इसलिए लोगों ने बस पड़ाव को अपग्रेड करने की मांग की है। जानकीनगर में सार्वजनिक शौचालय का निर्माण भी जरूरी है।
शिकायत
1. जल नल की योजना हो गई है धराशायी
2. अधिकारियों की उदासीनता के कारण शुद्ध पेयजल नहीं
3. टैक्स तो लिया जाता है लेकिन सुविधा नहीं
4. नगर पंचायत क्षेत्र में गंदगी की भी है समस्या
5. इस क्षेत्र में पर्याप्त रोशनी की भी है कमी
सुझाव
1. लोगों के लिए शुद्ध पेयजल की व्यवस्था हो
2. नल जल योजना में सुधार की सख्त दरकार
3. टैक्स ले तो वाजिब सुविधा भी लोगों को दे
4. क्षेत्र में पर्याप्त संख्या में स्ट्रीट लाइट लगे
5. जल निकासी की अच्छी व्यवस्था हो
हमारी भी सुनें :
1. जानकीनगर नगर पंचायत के अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों ने ग्रामीणों के साथ आज तक आम सभा का आयोजन नहीं किया गया है। इस कारण भी अपेक्षित विकास नहीं हो सका है।
-मनोज कुमार भूषण।
2. जानकीनगर बाजार में पार्किंग की समुचित व्यवस्था नहीं रहने से दुकानदारों के साथ-साथ खरीदारी करने वालों को वाहनों को रखने में बहुत परेशानी होती है। जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र के लिए भी लोगों को परेशानी होती है।
-अखिलेश सिंह।
3. जानकीनगर वासी वर्षों से विकास के इंतजार में टकटकी लगाए हुए हैं। बाजार में शुद्ध पेयजल का अभाव, जलजमाव, सार्वजनिक शौचालय की समस्या से निजात की योजना पर काम की आवश्यकता है।
-प्रेमशंकर भगत
4. जानकीनगर बाजार में सौंदर्यीकरण के साथ-साथ सुरक्षा के लिए बाजार में सीसीटीवी कैमरा लगे। बाजार में शुद्ध पेय जल की आवश्यकता है l त्रिवानी नदी पर सभी सुविधा के साथ शवदाह गृह का निर्माण होना चाहिए।
-नंदलाल ठाकुर।
5. जानकीनगर बाजार में सार्वजनिक शौचालय का घोर अभाव है। महिलाओं को दिक्कत होती है। शुद्ध पेयजल नहीं मिलता है। वाहनों के लिए के लिए पार्किंग की व्यवस्था होनी चाहिए।
-वीरेंद्र प्रसाद यादव।
6. जानकीनगर बाजार में जलजमाव की समस्या से लोग परेशान रहते हैं। बरसात में काफी दिक्कत होती है। इसका स्थायी निदान होना जरूरी है। बाजार में पार्किंग की भी व्यवस्था हो।
-मुकेश राय।
7. मुख्य बाजार में अतिक्रमण के कारण अक्सर जाम रहता है। लोगों को आवाजाही में काफी समस्या होती है। अतिक्रमणमुक्त कराकर सड़क किनारे दोनों तरफ निर्माण होना चाहिए। बरसाती पानी की निकासी का स्थायी प्रबंध हो। स्ट्रीट लाईट की व्यवस्था होनी चाहिए।
-कृष्ण मोहन राय।
8. जानकीनगर वासी विकास की उम्मीद बनाये हुए हैं। जल्द ही इस दिशा में कार्य हो ताकि क्षेत्र के साथ-साथ लोगों का विकास हो सके। हमें उम्मीद है कि जानकीनगर जिला में नंबर एक नगर पंचायत होगा।
-बिमल दास।
9. जानकीनगर में शौचालय के साथ शुद्ध पेयजल की व्यवस्था हो। जानकीनगर हाट को स्मार्ट हाट बनाना चाहिए। पानी निकासी का समुचित व्यवस्था हो। जन्म-मृत्यु पंजीकरण में लोगों को परेशानी नहीं हो।
-रविन्द्र कुमार सिंह।
10. नगर पंचायत में मूलभूत समस्याओं पर काम नहीं हो रहा है। जानकीनगर बाजार में जल जमाव की समस्या से निजात के लिए कार्य हो। सार्वजनिक शौचालय, शुद्ध पेयजल मिले।
-दुर्गानंद सिंह।
11. जानकीनगर बाजार में खासकर बरसात के समय जलजमाव की समस्या से स्थानीय लोगों राहगीरों और छात्र-छात्राओं को बहुत कठिनाई होती है। स्वास्थ्य सेवा की लचर व्यवस्था से भी खासकर गरीब असहाय लोग और असमय मर जाते हैं।
-जवाहर पासवान।
12. जानकीनगर बाजार में सार्वजनिक शौचालय के साथ-साथ वाहनों के लिए पार्किंग की व्यवस्था होनी चाहिए। बाजार में जलजमाव की भी समस्या से लोग परेशान हैं। इसका भी निदान आवश्यक है।
-मनीष कुमार।
13. जानकीनगर में गाड़ी लगाने के लिए पार्किंग की व्यवस्था हो। बच्चों के खेलने के स्टेडियम बने। हॉस्पिटल में समुचित व्यवस्था हो। बस पड़ाव की जरूरत है। क्योंकि काफी लोग बस से दूर-दराज यात्रा करते हैं।
-संजीव कुमार यादव।
14. जानकीनगर नगर पंचायत क्षेत्र में छोटे-छोटे उधोग धंधे पर बल देना चाहिए, जिससे आमलोग दो वक्त की रोटी की जुगाड़ कर सके। इससे आमलोगों का पलायन नहीं होगा।
-रणजीत कुमार उर्फ चुन्ना यादव।
15. जानकीनगर नगर पंचायत को विकसित बनने के लिए एक्सप्रेस ट्रेनों का ठहराव भी होना जरूरी है, ताकि यहां के लोग दूसरे प्रदेश से आवाजाही कर नगर पंचायत जानकीनगर को विकसित बनने में अहम भूमिका निभाएं।
-विकास सुराणा।
16. जानकीनगर नगर पंचायत को प्रखंड बनना जरूरी है। वर्षों से जानकीनगर प्रस्तावित प्रखंड है। प्रखंड बन जाने जाने से आमलोगों को 12 किलोमीटर दूर बनमनखी आवाजाही नहीं करनी पड़ेगी।
-आलोक कुमार अकेला।
17. जानकीनगर नगर पंचायत में डिग्री कालेज का होना आवश्यक है। जानकीनगर में डिग्री कालेज होने से अन्य जगहों पर पठन-पाठन के लिए नहीं जाना पड़ेगा। खासकर लड़कियों को अन्य जगहों पर नहीं जाना होगा।
-नवरत्न सुराणा।
18. जानकीनगर नगर पंचायत में गरीब-नि:सहाय परिवारों की बेटियों के लिए विवाह भवन बनना चाहिए। विवाह भवन बनने से गरीब परिवारों की बेटियों की शादी कम खर्च में करने में सहूलियत होगी।
-बिटू भगत।
बोले जिम्मेदार :
1. सभी वार्डों में पोल पर एलईडी लाइट लगाने के लिए प्रक्रिया जारी है। सभी वार्डों में सफाई कर्मियों द्वारा प्रतिदिन सफाई की जाती है। नगर पंचायत के कुल 15 वार्डों में लगभग 500 आवास योजना के तहत आवास मिलना है। जल जमाव की समस्या से निजात के लिए चारों सड़कों पर नालों को एक दूसरे से मिलाकर पानी निकासी किए जाने की व्यवस्था की जा रही है। वार्ड पार्षदों की बैठक कर नगर पंचायत में सार्वजनिक शौचालय, शुद्ध पेयजल आदि विकास कार्य पर चर्चा की जाने वाली है।
-आलोक शंकर, कार्यपालक पदाधिकारी, जानकीनगर नगर पंचायत।
2. नगर पंचायत बनने के बाद विकास का कार्य हुआ है। 23 सौ स्ट्रीट लाइट लगायी गयी है। प्रत्येक वार्ड में एक एक हाईमास्ट लाइट लगाई जानी है। दो वाटर कूलर भी लगाए जाने हैं। जल-जीवन हरियाली अभियान के तहत क्षेत्र के पोखर पर लाइट लगाने के साथ पौधरोपण किया जाएगा। बाजार में सार्वजनिक शौचालय और शुद्ध पेयजल की व्यवस्था की जाएगी।
-रमेश पासवान, अध्यक्ष, जानकीनगर नगर पंचायत।
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