बोले मुंगेर : हर साल झेलते हैं विस्थापन का दर्द, तेज करें कटावरोधी कार्य
मुंगेर जिले की कुतलूपुर पंचायत में लोग बाढ़, स्वास्थ्य सेवाओं और बुनियादी ढांचे की कमी से जूझ रहे हैं। 18 वार्डों में फैली यह पंचायत शुद्ध पेयजल, सड़कों और अस्पतालों की कमी का सामना कर रही है। गर्भवती...

मुंगेर जिले के सदर प्रखंड की सबसे बड़ी पंचायत कुतलूपुर है। पंचायत के लोग विभिन्न समस्याओं से जूझ रहे हैं। कभी अगलगी, तो कभी बाढ़ की समस्याओं से ग्रामीणों को दो चार होना पड़ता है। लगभग 15 किलोमीटर में फैले कुतलूपुर में 18 वार्ड हैं। यहां शुद्ध पेयजल नहीं मिलता। बाढ़ के दिनों में तो मरीजों को अस्पताल पहुंचाना भी मुश्किल हो जाता है। इलाज के आभाव में मरीज रास्ते में ही दम तोड़ देते हैं। गर्भवती महिलाओं को प्रसव के लिए अस्पताल पहुंचान बड़ी चुनौती बन जाती है। अब भी कई वार्डों में कच्ची सड़कें ही हैं। गांव के मुख्य मार्ग पर अवस्थित पुलिया पिछले साल ही ध्वस्त हो गयी थी, फिलहाल लोग डायवर्सन के सहारे यात्रा करने को मजबूर हैं। डायवर्सन भी अब गिरने के कगार पर है। ग्रामीणों ने कहा कि अगर संभावित बाढ़ आने के पहले पुल को तैयार नहीं की जाता है तो हमारी मुसीबतें बढ़ जाएंगी। संवाद के दौरान पंचायत के लोगों ने अपनी समस्या बताई।
15 किलोमीटर में फैली है कुतलूपुर पंचायत, विकास की दरकार
18 वार्ड हैं कुतलूपुर पंचायत में, इलाका बाढ़ से रहता है प्रभावित
30 किलोमीटर का सफर तय कर पहुंचा जा सकता है मुख्यालय
मुंगेर जिले के सदर प्रखंड की कुतलूपुर व जाफरनगर इलाका आज भी विकास की रोशनी रोशनी से दूर है। बेगूसराय की सीमा से सटे इस क्षेत्र की दो पंचायतों के लोग बुनियादी सुविधाओं का अभाव झेल रहे है। बाढ़ हो या बीमारी, लोगों को प्रखंड मुख्यालय तक पहुंचने के लिए 30 किलोमीटर का सफर तय करना पड़ता है। इसमें समय तो अधिक लगता ही है, वहीं पैसे और जान तक का खतरा भी बना रहता है। गर्भवती महिलाओं को इलाज के लिए बेगूसराय या खगड़िया व मुंगेर तक जाना पड़ता है। यह इलाका बाढ़ के दौरान जिला मुख्यालय से भी कट जाता है। रोजगार की कमी के चलते बड़ी संख्या में लोग पलायन को मजबूर है। यदि कुतलूपुर में बुनियादी सुविधा बहाल हो जाए तो इस क्षेत्र के लोगों को समस्या आने पर दूसरे जिलों में भटकना नहीं पड़ेगा।
इलाज को जाते हैं बेगूसराय और खगड़िया :
वहीं प्रशासनिक सुविधा लोगों की दहलीज तक पहुंचेगी। क्षेत्र में सड़क, बिजली, पानी और रोजगार की स्थिति में भी सुधार होगा। ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहरों का विकास भी संभव हो सकेगा। इससे इस पिछड़े इलाके की तस्वीर भी विकास के मामले में बदलेगी। लेकिन 21वीं सदी में भी यह इलाका सुविधाओ की कमी और सरकारी उपेक्षा का दंश झेल रहा है। हर साल बाढ़ की मार, रोजगार की कमी और सरकारी योजनाओं की धीमी रफ्तार से जूझते इस इलाके के लोगों ने जिला प्रशासन के साथ ही सरकार से गांव में सड़कों की स्थिति सुधारने के साथ ही शुद्ध पेयजल स्वास्थ्य सेवा बहाल करने के साथ ही प्रति वर्ष बाढ़ के समय में ग्रामीणों को सुविधा बहाल करने की मांग की सरकार व जनप्रतिनिधि से की है। फिलहाल इन पंचायतों के लोगों को सरकारी काम काज के लिए 30 किलोमीटर का लंबा सफर तय करना पड़ता है। गरीब और मजदूर वर्ग के लिए यात्रा किसी परेशानी से कम नहीं है। गर्भवती महिलाओं और बीमार लोगों को इलाज के लिए भी दूसरे जिला बेगूसराय, खगड़िया जाना मजबूरी है। बाढ़ के दिनों में तो जिला मुख्यालय व प्रखंड मुख्यालय पहुंचने में नाव का सहारा लेना पड़ता है।
बाढ़ के दिनों में हो मुकम्मल व्यवस्था:
कुतलूपुर के लोगों के लिए बाढ़ के वक्त समय गुजारना किसी चुनौती से कम नहीं है। इस पंचायत में पिछले कई वर्षों से कटाव की समस्या बनी हुई है। हालांकि कुछ इलाकों में कटावरोधी कार्य तो किया गया, लेकिन बेगूसराय की सीमा से सटा शिवनगर गांव गंगा नदी के करीब पहुंच गया है। बाढ़ नियंत्रण विभाग फ्लड फाइटिंग कार्य चलाकर कुछ हद तक बचाने का कार्य कया है, लेकिन ग्रामीणों को यह भय सता रहा है कि अगर गंगा नदी के किनारे कटावरोधी कार्य नहीं चलाया गया तो गांव को गंगा में समाने से कोई नहीं बचा सकता है। जबकि इस गांव के लोग अब तक चार बार कटाव के कारण विस्थापित भी हो चुके हैं। तो वहीं दूसरी ओर लोगों को सही रूप में स्वास्थ्य सेवा भी नहीं मिल रहा है। गांव में हेलथ एंड वेलनस सेंटर बनकर तैयार है, फिर भी इसे चालू कराने के लिये कोई पहल नहीं की गई है। अगर हेल्थ एंड वेलनस सेंटर को चालू करा दिया जाए तो स्वास्थ के मामले में भी ग्रामीणों को सुविधा होगी।
शिकायतें
1. बाढ़ के समय बीमार लोगों को अस्पताल पहुंचाने के लिये निजी नाव का ही सहारा लेना पड़ता है, अधिक देर होने पर रास्ते में ही मरीज दम तोड़ देते हैं।
2. पंचायत में हेल्थ एंड सेंटर बनने के बाद भी चालू नहीं किया गया है, अगर इसे चालू करा दिया जाये तो ग्रामीणों को को मामूली परेशानियों के लिये भी बाहर नहीं जाना पड़ेगा
3.बाढ़ के समय में गंगा नदी का गंदा पानी पीना मजबूरी बन जाता है, क्यों कि गांव डूब जाने के कारण महीनों तक लोग अपने छत के ऊपर रहते हैं,ऐसे समय में कोई व्यवस्था होनी चाहिए।
4. मुख्य पथ स्थित पुलिया के ध्वस्त होने से हमलोगों को खतरनाक डायवर्सन के सहारे आवागमन करना पड़ता है। बाढ़ के पहले ध्वस्त पुलिया का निर्माण हो जिससे कि बाढ़ के समय कोई परेशानियों का सामना नहीं करना पड़े
सुझाव
1. कुतलूपुर में नव निर्मित हेल्थ एंड वेलनस सेंटर को जल्द से जल्द चालू कराया जाये, जिससे कि बाढ़ के समय में स्थानीय लोगों को स्वास्थ्य सुविधा मिल सके।
2. संभावित बाढ़ के पहले मुख्य सड़क पर स्थित ध्वस्त पुलिया को संभावित बाढ़ आने के पहले निर्माण किया जाए जिससे कि बाढ़ के समय में ग्रामीणों को कोई परेशानियों का सामना नहीं करना पड़े।
3.बाढ़ के समय में गांव डूबने पर छत पर रहकर समय काटने वालों के लिये जिला प्रशासन की ओर से शुद्ध पानी की व्यवस्था होनी चाहिए, जिससे लोगों की हेल्थ पर कोई परेशानियों का सामना नहीं करना पड़े।
4. बाढ़ के समय में गांव डूबने पर बीमार लोगों को अस्पताल पहुंचाने की व्यवस्था होनी चाहिए। जिससे कि गांव के गरीब-गुरबों को कोई परेशानियों का सामना नहीं करना पड़े।
सुनें हमारी पीड़ा
गांव के लोग कई समस्याओं से जूझ रहे हैं। यहा सभी तरह के बुनियादी सुविधाओं की व्यवस्था हो जो यहां के लोगों के लिये बड़ी जरूरत है। समस्या सामाधान को ले प्रयास होना चाहिए।
उमाकांत चौधरी
21 वीं सदी में भी हम दियारावासियों की समस्याओं का सामाधान नहीं हो पाया है। अधिकारियों व जनप्रतिनिधियों को संवेदनशील हो समस्याओं के सामाधान के लिये पहल करनी चाहिए।
ललन ठाकुर
बाढ़ के दिनों में हमलोगों को कई परेशानियों से दो चार होना पड़ता है, लेकिन परेशानियों को दूर करने के लिये जो पहल होनी चाहिए उसे समय रहते करना चाहिए, जिससे कि आपदा के समय परेशानी नहीं हो।
राजाराम चौधरी
पंचायत की अब भी अधिकांश ग्रामीण रास्ता कच्ची है, जिसके कारण बारिश होने पर आवागमन करना किसी चुनातियों से कम नहीं है, लेकिन अब तक इस ओर कोई विशेष ध्यान नहीं दिया जा रहा है।
मंटुन चौधरी
समस्याओं के सामाधान के लिये कोई प्रयास ही नहीं किया जा रहा है, दिन व दिन समस्याएं बढ़ती ही जा रही है। जबकि प्रशासनिक स्तर पर जो प्रयास होना चाहिए वह प्रयास नहीं किया जा रहा है।
बहसन मंडल
मुख्य सड़क पर पिछले साल बाढ़ के समय ध्वस्त हुई पुलिया का निर्माण नहीं होना दुर्भाग्यपूर्ण है। सरकार एवं प्रशासन को अविलंब ध्वस्त पुलिया के निर्माण को लेकर कारगर कदम उठाना चाहिए।
चंदन चौधरी, प्रतिनिधि, उप प्रमुख, सदर मुंगेर
बाढ़ के समय में सरकार एवं जिला प्रशासन को लोगों को सहायता प्रदान करने के लिये काई ठोस व्यवस्था करना चाहिए, जिससे कि बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को कोई परेशानी नहीं हो।
संतोष मंडल
बाढ़ के समय में महिलाओं के लिये कुछ अलग व्यवस्था होनी चाहिए, क्यों कि आपदा के समय सबसे अधिक परेशानियों का सामना महिलाओं को ही करना पड़ता है, इस पर सरकार एवं प्रशासन दोनो मिलकर काम करे।
निर्मला देवी
आपदा के समय कुतलूपुर पंचायत को ज्यादा नाव उपलब्ध हो , क्यों कि यह पंचायत प्रखंड की सबसे बड़ी पंचायत है। अधिक नाव मिलने पर ग्रामीणों को सुविधा होगी, और परेशानियों का भी सामना नहीं करना पड़ेगा।
प्रमोद सिंह
बाढ़ के पहले पंचायत की सभी ग्रामीण कच्ची सड़कों का पक्कीकरण किया जाए, जिससे कि लोगों को कीचड़ से परेशानियों का सामना नहीं करना पड़े। इस मामले में विशेष पहल करने की जरूरत है।
जितेन्द्र चौधरी
शुद्ध पानी की व्यव्स्था हो, पंचायत के अंदर पानी में आर्सेनिक व आयरन की अधिक समस्या है। समस्याओं को दूर करने का प्रयास होना चाहिए। जिससे कि पानी के कारण नौनिहालों सहित ग्रामीणों को स्वास्थ्य रखा जा सके।
वेदानंद चौधरी
नव निर्मित हेल्थ एंड वेलनस सेंटर को चालू कराए जाने की तेजी से पहल हो, इतना ही नहीं अस्पताल में डॉक्टर की नियुक्ति हो, जिससे ग्रामीणों को कोई परेशानियों का सामना नहीं करना पड़े।
रामसेवक चौधरी
नवनिर्मित अस्पताल में गंभीर मरीजों के लिये भती कर इलाज की व्यवस्था हो, जिससे आपदा के समय मरीजों की जान बचाया जा सके। इसके लिये जनप्रतिनिधियों को विशेष ध्यान देना चाहिए।
रूदो मंडल
कटाव रोके जाने को लेकर विशेष योजना बने, जिससे कि कटाव से भयभीत ग्रामीणों को भयमुक्त कराया जा सके। पिछले कई वर्षों से पंचायत कटाव की समस्याओं से जूझने को मजबूर है।
राहिता देवी
हमलोग अब तक गंगा कटाव से चार बार विस्थापित हो चुके हैं। वर्तमान में भी कटाव से हमलोग डरे सहमे हुए है। इससे मुक्ति दिलाने के लिये प्रशासन को मजबूत पहल करना चाहिए।
लूखो देवी
अब भी कई घरों में नल का जल नहीं पहुंचा है। जिसके कारण चापाकल ही पानी का एक मात्र उपाय रह गया है। जिन घरों में अब तक नल जल योजना का कनेक्शन नहीं पहुंचा है, वहां अविलंब कनेक्शन पहुंचाया जाए।
मीरा देवी
बोले जिम्मेदार
कुतलूपुर पंचायत की विभिन्न समस्याओं को दूर करने का प्रयास किया जा रहा है। मुख्य पथ पर ध्वस्त पुलिया निर्माण को लेकर कार्य चल रहा है। मुख्यमंत्री सेतु योजना के तहत पुलिया का निर्माण किया जाएगा। ग्रामीण कार्य विभाग की ओर से कार्य कराया जायेगा। वार्ड नंबर 4 एवं 6 में कटावरोधी कार्य के लिये टेंटर हो गया है, जल्द से जल्द वहीं कार्य शुरू होगा। दियारा के क्षेत्रों के पानी में आर्सेनिक तथा आयरन की समस्याएं अधिक है, इसे दूर करने का प्रयास किया जा रहा है और भी जो छोटी-छोटी समस्याएं हैं वह भी दूर की जाएंगी।
-प्रणव कुमार, विधायक, मुंगेर
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