बोले पूर्णिया : प्रशासन मुहैया कराए जमीन तो बनाएं डायलिसिस सेंटर
लायंस क्लब पूर्णिया, लायंस क्लब ऑफ पूर्णिया ग्रेटर और रोटरी क्लब जैसे संगठन शिक्षा, स्वास्थ्य, पर्यावरण और संस्कृति के क्षेत्र में महत्वपूर्ण कार्य कर रहे हैं। ये संगठन बिना सरकारी सहायता के सामाजिक...
लायंस क्लब, लायंस क्लब ऑफ पूर्णिया ग्रेटर और रोटरी क्लब जैसे संगठन शिक्षा, स्वास्थ्य, पर्यावरण और संस्कृति के क्षेत्र में एक नई चेतना लाने का काम कर रहे हैं। संस्था का यह प्रयास सराहनीय है कि ये बिना किसी सरकारी सहायता के इतने बड़े स्तर पर सामाजिक कार्यों को अंजाम दे रहे हैं। यह भी सच है कि प्रशासनिक सहयोग मिलने से संस्था की गतिविधियों को और अधिक प्रभावशाली बनाया जा सकता है। जरूरत है, प्रशासन और समाज दोनों के सहयोग की, ताकि लायंस क्लब और रोटरी क्लब जैसे संगठन और भी प्रभावी रूप से समाज सेवा कर सकें। पूर्णिया ही नहीं, पूरे बिहार को एक नई पहचान दे सकें। संवाद के दौरान जिले के गैर-सरकारी संगठनों के सदस्यों ने अपनी बात रखी।
01 सौ 10 सदस्य हैं लायंस क्लब पूर्णिया के, 1962 से है संचालित
28 सदस्य हैं रोटरी क्लब पूर्णिया शाखा के, वर्ष 2008 से हैं कार्यरत
41 सदस्य हैं लायंस क्लब ऑफ पूर्णिया ग्रेटर के, 2010 से चल रहा
समाज में सकारात्मक बदलाव लाने और नि:स्वार्थ सेवा भाव से कार्य करने वाला तीन संगठन पूर्णिया में हैं। लायंस क्लब पूर्णिया 1962 से हैं। इसके 100 से अधिक मेंबर हैं। लायंस क्लब ऑफ पूर्णिया ग्रेटर 2010 से है। इसमें 41 मेंबर हैं। इसी तरह रोटरी क्लब भी दशकों पुराना है तथा इससे भी शहर में दर्जनों गणमान्य लोग जुड़े हैं। 'लायंस क्लब ऑफ पूर्णिया ग्रेटर' की पूर्णिया में स्थापना वर्ष 2010 में की गई थी और तब से लेकर अब तक यह क्लब स्थानीय स्तर पर सामाजिक कार्यों का एक मजबूत स्तंभ बन चुका है। लायंस क्लब ऑफ पूर्णिया ग्रेटर का उद्देश्य केवल सेवा करना है, वह भी बिना किसी स्वार्थ या निजी लाभ के। इस संगठन ने समाज के विभिन्न क्षेत्रों में अपनी उपस्थिति दर्ज कराते हुए, पर्यावरण संरक्षण से लेकर शिक्षा, स्वास्थ्य और कला एवं संस्कृति के क्षेत्र में अनुकरणीय कार्य किए हैं। लायंस क्लब ऑफ पूर्णिया ग्रेटर पर्यावरण संरक्षण और संवर्द्धन को विशेष प्राथमिकता देता है। इसके अंतर्गत क्लब समय-समय पर वृक्षारोपण कार्यक्रम आयोजित करते हैं। शहर के विभिन्न इलाकों में हजारों पौधे लगाए जा चुके हैं, जिनका रख-रखाव भी क्लब के सदस्य स्वयं करते हैं। यह कार्य न केवल पर्यावरण के प्रति जागरूकता फैलाता है, बल्कि आम जनता को भी हरियाली बनाए रखने की प्रेरणा देता है। संस्था के समर्पित कार्यों के बावजूद प्रशासनिक सहयोग की कमी एक बड़ी चुनौती बनी हुई है। क्लब के सदस्यों का कहना है कि अब तक क्लब द्वारा किए जा रहे सभी कार्य सदस्यगण स्वयं के आर्थिक संसाधनों से संचालित करते आए हैं। क्लब के सदस्यों की अपेक्षा है कि सरकार और जिला प्रशासन यदि उनके कार्यों में सहयोग करे, तो समाज सेवा का दायरा और भी विस्तृत हो सकता है।
जरूरतमंदों की मदद की, किया पौधरोपण :
वर्ष 2008 से अस्तित्व में आने के बाद से रोटरी क्लब पूर्णिया समाज सेवा के विभिन्न क्षेत्रों जैसे चिकित्सा, शिक्षा, रोजगार आदि में अपना योगदान देता आ रहा है। इस कड़ी में क्लब की तरफ से कई वर्षों तक लगातार हर वर्ष 100 से अधिक जरूरतमंदों के मोतियाबिंद का ऑपरेशन करवाया गया। पूर्णिया सिटी में मेरी सहेली सेंटर की स्थापना कर जरूरतमंद बच्चियों को स्वावलंबी बनाने हेतु सिलाई एवं कंप्यूटर की ट्रेनिंग दी गई। 11 स्कूलों में ई लर्निंग के लिए स्क्रीन, प्रोजेक्टर, इनवर्टर, बैटरी, सोलर सिस्टम लगवाया गया। भट्ठा कन्या उच्च विद्यालय में 25 जरूरतमंद बच्चियों को साइकिल दी गई। सिटी काली मंदिर प्रांगण में वृक्षारोपण किया गया। इन सब के अलावा भी समय समय पर समाज हित में लगातार कुछ न कुछ कार्य क्लब के द्वारा किया जाता रहा है। प्रशासन का सहयोग मिले और क्लब के लिए एक स्थाई स्थान मुहैया कराने की मांग की गयी है। रोटरी क्लब के पूर्व अध्यक्ष एवं चार्टर मेम्बर आलोक लोहिया कहते हैं कि क्लब पूर्णिया में डायलिसिस सेंटर लगाना चाह रहा है। इसके लिए जिला प्रशासन से उन्होंने जमीन की मांग की है।
शिकायत
1. पर्यावरण संरक्षण को नहीं मिल रही प्राथमिकता
2. सांस्कृतिक गतिविधियों को नहीं मिल रहा बढ़ावा
3. समाज सेवा के क्षेत्र में प्रशासनिक सहयोग बनी बड़ी चुनौती
4. कोरोना काल के बाद उपेक्षित हुए स्थानीय कलाकार
5. समाज सेवा के क्षेत्र में और अधिक विस्तार की जरूरत
सुझाव :
1. पर्यावरण संरक्षण कार्यक्रम में वन विभाग को चाहिए सहयोग करना।
2. सांस्कृतिक गतिविधियों में स्थानीय कलाकारों को प्रशासन दें मौका।
3. समाजिक क्षेत्र में काम करने वालों को प्रशासन करे सहयोग।
4. प्रशासनिक कार्यक्रमों में स्थानीय कलाकारों को भी आमंत्रित किया जाना चाहिए।
5. प्रशासन के सहयोग से ही समाज सेवा के क्षेत्र में कार्य विस्तार संभव है।
हमारी भी सुनें
लायंस क्लब ऑफ पूर्णिया ग्रेटर केवल एक संगठन नहीं, बल्कि एक सामाजिक क्रांति की शुरुआत है, जो शिक्षा, स्वास्थ्य, पर्यावरण और संस्कृति के क्षेत्र में एक नई चेतना ला रही है।
-संतोष कुमार
हर संस्था अपने स्तर से विभिन्न सामाजिक कार्यक्रम कर रही है, परन्तु प्रशासनिक स्तर पर सहयोग नहीं मिल रहा है। जरूरत है, प्रशासन और समाज दोनों के सहयोग की, ताकि संगठन और भी प्रभावी रूप से समाज सेवा कर सके।
-संजय कुमार सिंह
पूर्णिया में लायंस क्लब ऑफ पूर्णिया ग्रेटर की स्थापना वर्ष 2010 में की गई थी और तब से लेकर अब तक यह क्लब स्थानीय स्तर पर सामाजिक कार्यों का एक मजबूत स्तंभ बन चुका है।
-उदय शंकर प्रसाद सिंह
संस्था का उद्देश्य केवल समाज सेवा बिना किसी स्वार्थ या निजी लाभ से ऊर उठकर करनी है। संगठन पर्यावरण संरक्षण, शिक्षा, स्वास्थ्य और कला एवं संस्कृति के क्षेत्र में अनुकरणीय कार्य किए हैं।
-नंद किशोर जायसवाल
लायंस क्लब ऑफ पूर्णिया ग्रेटर पर्यावरण संरक्षण और संवर्द्धन को विशेष प्राथमिकता देता है। इसके अंतर्गत क्लब समय-समय पर वृक्षारोपण कार्यक्रम आयोजित करते रहे हैं।
-अखिलेश कुमार सिंह
लायंस क्लब ऑफ पूर्णिया ग्रेटर शहर के विभिन्न इलाकों में हजारों पौधे लगाए हैं, जिनका रख-रखाव भी क्लब के सदस्य स्वयं करते हैं। यह कार्य न केवल पर्यावरण के प्रति जागरूकता फैलाता है, बल्कि आम जनता को भी हरियाली बनाए रखने की प्रेरणा देता है।
-पंकज कुमार
स्वास्थ्य के क्षेत्र में क्लब ने कई उल्लेखनीय पहल की हैं। नियमित रूप से रक्तदान शिविर आयोजित किए जाते हैं, जिससे जिले के ब्लड बैंक में रक्त की उपलब्धता बनी रहती है।
-मनोरंजन कुमार
क्लब द्वारा डायबिटीज जागरूकता शिविर भी लगाए जाते हैं, जिसमें विशेषज्ञ डॉक्टरों द्वारा लोगों को मधुमेह के प्रति सजग रहने की जानकारी दी जाती है। नेत्र विज्ञान के क्षेत्र में भी क्लब ने अपनी विशेष पहचान बनाई है।
-डा. अनिमेश कुमार
क्लब का मानना है कि शिक्षा ही किसी भी समाज की सबसे बड़ी ताकत है, और अगर जरूरतमंद बच्चों को शिक्षित किया जाए तो देश और समाज दोनों का भविष्य उज्ज्वल होगा।
- नूतन कुमारी
क्लब के सदस्य अपने संसाधनों से दीनहीन मेधावी छात्रों की पढ़ाई की व्यवस्था करती है। यह पहल उन छात्रों के लिए एक नई उम्मीद बनकर आती है, जिनके सपने केवल आर्थिक तंगी के कारण अधूरे रह जाते हैं।
-प्रणिता प्रियदर्शनी
लायंस क्लब ऑफ पूर्णिया ग्रेटर शिक्षा के क्षेत्र में भी गरीब और मेधावी विद्यार्थियों के लिए वरदान साबित हो रहा है। जो छात्र आर्थिक तंगी के कारण अपनी पढ़ाई को जारी नहीं रख पाते, उन्हें क्लब द्वारा गोद लेकर उनकी पढ़ाई की जिम्मेदारी ली जाती है।
-नित्यानंद कुमार
नेत्र जांच शिविरों के माध्यम से सैकड़ों लोगों की आंखों की जांच की गई है और जरूरतमंदों को चश्मे एवं सर्जरी की सुविधा भी उपलब्ध कराई गई है।
-डा़ प्रेरणा प्रियदर्शनी
क्लब द्वारा समय-समय पर गीत, संगीत, नृत्य, चित्रकला, मूर्तिकला और रंगमंचीय कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। इन कार्यक्रमों में देश और राज्य के प्रसिद्ध कलाकारों को बुलाया जाता है, जो स्थानीय बच्चों को प्रशिक्षण देकर उनकी प्रतिभा को निखारने का काम करते हैं।
- शिव कुमार चौधरी उर्फ भोला प्रसाद चौधरी
क्लब का मानना है कि कला और संस्कृति किसी भी समाज की पहचान होती है, और अगर बच्चों को शुरुआती उम्र में सही मार्गदर्शन मिले तो वे राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जिले का नाम रोशन कर सकते हैं।
-मीनाक्षी सिंह
क्लब के सदस्यों की अपेक्षा है कि सरकार और जिला प्रशासन यदि उनके कार्यों में सहयोग करें, तो समाज सेवा का दायरा और भी विस्तृत हो सकता है।
-किरण प्रभा राय
कोरोना महामारी के बाद जिला प्रशासन द्वारा स्थानीय कलाकारों को सरकारी आयोजनों में आमंत्रित नहीं किया जा रहा है,जबकि इन कलाकारों ने कठिन परिस्थितियों में भी अपनी कला को जिंदा रखा और समाज को सांस्कृतिक संबल प्रदान किया है।
-सीमा कुमारी
रोटरी क्लब सामाजिक कामों को काफी सालों से करते आ रहे हैं। इसमे पुलिस लाइन में शहीदों के लिए शहीद स्मारक, दुर्गाबाड़ी स्थित स्कूल में 20 साइकिल बच्चियों को दी गयी है। 14 वर्ष तक के बच्चों का दिल मे छेद का मुफ्त ऑपरेशन कराया गया है। क्लब डायलिसिस सेंटर लगाना चाह रही है। प्रशासन जगह मुहैया करा दे।
-आलोक लोहिया, पूर्व अध्यक्ष एवं चार्टर मेम्बर रोटरी क्लब पूर्णिया
रोटरी क्लब पूर्णिया शाखा वर्ष 2008 में अस्तित्व में आया। वर्तमान में सदस्यों की कुल संख्या 28 है । आपसी सहयोग से समाजिक दायित्वों का निर्वहन कर रहे हैं। सरकार और स्थानीय प्रशासन का कोई सहयोग नहीं मिल रहा है। जिला प्रशासन का सहयोग मिलने पर और भी बेहतर कार्य कर पाएंगे।
-लालू केडिया, अध्यक्ष रोटरी, क्लब पूर्णिया।
बोले जिम्मेदार
पूर्णिया में सामाजिक संस्था बढ़चढ़ कर सामाजिक कार्य करती है। इनके सामाजिक गतिविधियों की सराहना करता हूं। इसके साथ ही समाज सेवा के क्षेत्र में सामाजिक संगठनों को जहां भी मेरे सहयोग की जरूरत होगी मैं उनके साथ सहयोग के लिए सदैव खड़ा रहूंगा।
-विजय कुमार खेमका, पूर्णिया सदर विधायक
बॉटम स्टोरी :
सभी एनजीओ की सामाजिक कार्यों में बढ़-चढ़कर भागीदारी
पूर्णिया। समाज में सकारात्मक बदलाव लाने और नि:स्वार्थ सेवा भाव से कार्य करने वाले लायंस क्लब पूर्णिया, लायंस क्लब ऑफ पूर्णिया ग्रेटर और रोटरी क्लब दशकों से सामाजिक कार्यों में बढ़कर हिस्सा ले रहे हैं। इन क्लबों से शहर के सैकड़ों गणमान्य लोग जुड़े हैं। शिक्षा, स्वास्थ्य, पर्यावरण के क्षेत्र में क्लब ने कई उल्लेखनीय पहल की है। नियमित रूप से रक्तदान शिविर आयोजित किए जाते हैं, जिससे जिले के ब्लड बैंक में रक्त की उपलब्धता बनी रहती है। इसके अलावा डायबिटीज जागरूकता शिविर भी लगाए जाते हैं, जिसमें विशेषज्ञ डॉक्टरों द्वारा लोगों को मधुमेह के प्रति सजग रहने की जानकारी दी जाती है। नेत्र जांच शिविरों के माध्यम से सैकड़ों लोगों की आंखों की जांच की गई है और जरूरतमंदों को चश्मे एवं सर्जरी की सुविधा भी उपलब्ध कराई गई है। लायंस क्लब ऑफ पूर्णिया ग्रेटर शिक्षा के क्षेत्र में भी गरीब और मेधावी विद्यार्थियों के लिए वरदान साबित हो रहा है। जो छात्र आर्थिक तंगी के कारण अपनी पढ़ाई को जारी नहीं रख पाते, उन्हें क्लब द्वारा गोद लेकर उनकी पढ़ाई की जिम्मेदारी ली जाती है। क्लब के सदस्य अपने संसाधनों से इन छात्रों की पढ़ाई, किताबें, यूनिफॉर्म और अन्य आवश्यक चीजों का खर्च वहन करते हैं। क्लब का मानना है कि शिक्षा ही किसी भी समाज की सबसे बड़ी ताकत है, और अगर जरूरतमंद बच्चों को शिक्षित किया जाए तो देश और समाज दोनों का भविष्य उज्ज्वल होगा। स्वास्थ्य और शिक्षा तक ही अपने कार्यों को सीमित नहीं रखा, बल्कि सांस्कृतिक क्षेत्र में भी कई महत्वपूर्ण कार्यक्रम आयोजित किए हैं। क्लब द्वारा समय-समय पर गीत, संगीत, नृत्य, चित्रकला, मूर्तिकला और रंगमंचीय कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। इन कार्यक्रमों में देश और राज्य के प्रसिद्ध कलाकारों को बुलाया जाता है, जो स्थानीय बच्चों को प्रशिक्षण देकर उनकी प्रतिभा को निखारते हैं। इस तरह के आयोजनों से सरकारी एवं निजी स्कूलों के छात्र-छात्राओं को सीखने और आगे बढ़ने का अवसर मिलता है। क्लब का मानना है कि कला और संस्कृति किसी भी समाज की पहचान होती है और अगर बच्चों को शुरुआती उम्र में सही मार्गदर्शन मिले तो वे राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर जिले का नाम रोशन कर सकते हैं। अगर सरकार और प्रशासन की ओर से सहयोग मिले, तो संस्था और अधिक व्यापक स्तर पर कार्य कर सकती है।
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