बोले कटिहार : स्थायी बस स्टैंड बनाया जाए, अतिक्रमण और जाम हटाएं
कटिहार जिले के फलका और पोठिया बाजारों में स्थायी बस स्टैंड की कमी के कारण जाम की समस्या गंभीर हो गई है। यातायात की अव्यवस्था और फुटपाथ पर अवैध दुकानों के कारण राहगीरों को कठिनाइयों का सामना करना पड़...
जिले के फलका प्रखंड स्थित फलका व पोठिया बाजार में स्थायी बस स्टैंड नहीं होने के कारण जाम की समस्या गंभीर रूप धारण कर चुकी है। कुरसेला-फारबिसगंज स्टेट हाईवे-77 के बीचोंबीच बसे इन बाजारों में पैसेंजर वाहनों को यत्र-तत्र खड़ा कर दिए जाने से न केवल राहगीरों को परेशानी होती है, बल्कि स्थानीय दुकानदारों और प्रशासनिक अधिकारियों को भी जाम में फंसना पड़ता है। फुटपाथ पर सब्जी, अंडा, मुर्गा जैसी अस्थायी और स्थायी दुकानों द्वारा नाले पर कब्जा कर लिए जाने से बाजार में पैदल चलना भी मुश्किल हो गया है। स्थानीय लोगों और दुकानदारों ने प्रशासन से स्थायी बस स्टैंड, सामुदायिक शौचालय और अतिक्रमण मुक्त बाजार की मांग की है, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है। संवाद के दौरान पोठिया और फलका बाजार के लोगों ने अपनी समस्या बताई।
13 पंचायतों का साझा बाजार है फलका और पोठिया
10 हजार से अधिक लोग हर दिन बाजार से करते हैं आवाजाही
02 हजार से अधिक वाहनों का प्रतिदिन होता है आना-जाना
कटिहार जिले के फलका प्रखंड अंतर्गत प्रमुख व्यापारिक केंद्र फलका और पोठिया बाजार इन दिनों स्थायी बस स्टैंड की कमी और अतिक्रमण की समस्या से जूझ रहा है। कुरसेला-फारबिसगंज स्टेट हाईवे-77 के बीचोंबीच स्थित इन दोनों बाजारों की व्यस्तता लगातार बढ़ती जा रही है, लेकिन बुनियादी सुविधाओं के अभाव में आमजन को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। स्थायी बस स्टैंड नहीं होने के कारण ऑटो और बस चालकों द्वारा बाजार क्षेत्र की सड़कों, दुकानों के सामने, यहां तक कि फुटपाथों तक पर वाहन खड़े कर दिए जाते हैं। इससे रोजाना जाम की स्थिति उत्पन्न होती है, जिससे राहगीर, यात्री और दुकानदार सभी प्रभावित होते हैं। यही नहीं, इस सड़क से प्रतिदिन गुजरने वाली प्रशासनिक वाहनों को भी इस समस्या से जूझना पड़ता है।
जाम से घंटों रहती है आवाजाही बाधित :
स्थानीय लोगों का कहना है कि कई बार जाम इतना लंबा हो जाता है कि घंटों तक आवाजाही बाधित रहती है। फलका और पोठिया बाजार तेरह पंचायतों के लोगों का साझा बाजार है, जहां सुबह से देर रात तक भारी भीड़ बनी रहती है। ऐसे में पैदल चलना तक मुश्किल हो गया है। बाजार के फुटपाथों पर सब्जी, अंडा, मुर्गा सहित अन्य सामानों की दुकानें अवैध रूप से सज चुकी हैं, जिनमें से कई दुकानदार स्थानीय जमीन मालिकों को मासिक किराया देकर कब्जा जमाए हुए हैं। स्थायी दुकानदारों द्वारा नाले को पाटकर दुकान बढ़ा लेना आम बात बन चुकी है।
बाजार में नहीं है सामुदायिक शौचालय :
इस सबके बीच बाजार में सामुदायिक शौचालय का भी घोर अभाव है, जिससे बाहर से आने वाले यात्रियों को खुले में भटकना पड़ता है। स्थिति यह है कि न तो प्रशासन और न ही जनप्रतिनिधि इस गंभीर समस्या की ओर ध्यान दे रहे हैं। कुछ महीने पहले प्रशासन ने फुटपाथ खाली कराने के लिए माइकिंग कर पहल की थी, लेकिन धीरे-धीरे वह भी ठंडी पड़ गई।
अतिक्रमणमुक्त कराने की मांग :
स्थानीय व्यवसायियों और ग्रामीणों, अरुण चौधरी, शंभू गुप्ता, मानिकचंद गुप्ता, नरेश केसरी, किशोर गुप्ता ने जिला प्रशासन से मांग की है कि फलका और पोठिया में स्थायी बस स्टैंड और शौचालय का निर्माण किया जाए और बाजार को अतिक्रमण मुक्त कर जाम की समस्या से राहत दिलाई जाए। अगर समय रहते ठोस कदम नहीं उठाए गए तो यह समस्या और भयावह रूप ले सकती है।
शिकायतें
1. फलका और पोठिया बाजार में बस स्टैंड नहीं होने से वाहन सड़कों पर खड़े किए जाते हैं, जिससे हमेशा जाम की स्थिति बनी रहती है।
2. समस्या के समाधान को लेकर प्रशासनिक अधिकारियों की चुप्पी और निष्क्रियता से लोगों में रोष है।
3. दुकानदारों द्वारा फुटपाथ और नाले तक पर कब्जा जमा लेने से सड़कें संकरी हो गई हैं, जिससे दुर्घटनाओं की आशंका बढ़ गई है।
4. शौचालय के अभाव में यात्रियों को खुले में जाने को मजबूर होना पड़ता है, जो स्वच्छता और गरिमा दोनों के लिए चुनौती है।
5. कुछ समय पूर्व शुरू किया गया अतिक्रमण हटाने का अभियान बिना स्थायी असर के बीच में ही बंद हो गया, जिससे स्थिति फिर पहले जैसी हो गई।
सुझाव
1. बाजार से बाहर उपयुक्त स्थान पर स्थायी बस और ऑटो स्टैंड का निर्माण कराया जाए, जिससे यातायात व्यवस्थित हो और बाजार में जाम से राहत मिले।
2. स्थानीय प्रशासन नियमित रूप से अभियान चलाकर फुटपाथ को अतिक्रमण मुक्त करे, ताकि पैदल राहगीरों को सुरक्षित चलने की सुविधा मिल सके।
3. यात्रियों की सुविधा के लिए बाजार में सार्वजनिक शौचालय का निर्माण जरूरी है, ताकि खुले में शौच की समस्या न हो।
4. यातायात और अतिक्रमण पर नियंत्रण के लिए प्रशासन द्वारा निगरानी टीम का गठन किया जाए, जो बाजार में नियमित गश्त करे।
5. सांसद, विधायक और पंचायत प्रतिनिधियों को इस मुद्दे पर सक्रिय पहल करनी चाहिए ताकि स्थायी समाधान निकाला जा सके।
सुनें हमारी बात
स्थायी बस स्टैंड के अभाव में रोजाना जाम में फंसना हमारी नियति बन गई है। दुकानों के सामने वाहन खड़े होने से व्यापार पर भी असर पड़ता है, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही।
अंकित कुमार उर्फ टिशू
हर दिन जाम के कारण समय की बर्बादी होती है। प्रशासन को इस पर जल्द कदम उठाना चाहिए। स्थायी समाधान के लिए ठोस योजना जरूरी है।
अर्णव आर्या उर्फ बॉबी
फुटपाथ पर अवैध दुकानों ने बाजार की सड़क को संकरा बना दिया है। राहगीरों और ग्राहकों को आने-जाने में परेशानी होती है। प्रशासन को नियमित निगरानी करनी चाहिए।
प्रिंस कुमार
प्रशासन को चाहिए कि बस स्टैंड व सामुदायिक शौचालय बनवाए, ताकि यात्रियों को सुविधा हो। अभी तो बाहर से आने वाले लोग असुविधा झेलते हैं।
प्रिंस राज
हर बार केवल माइकिंग कर देने से कुछ नहीं होगा। जब तक सख्ती से कार्रवाई नहीं होगी, अतिक्रमण हटना असंभव है।
कुंदन कुमार उर्फ काजू
बाजार की दुर्दशा देखकर ऐसा लगता है जैसे शासन और प्रशासन दोनों ने आंखें मूंद ली हैं। ये सब आमजन की पीड़ा को नजरअंदाज करना है।
आशीष चौधरी
जमीन मालिकों द्वारा भाड़ा वसूलना गलत है। इससे अवैध कब्जे को बढ़ावा मिलता है। फुटपाथ पब्लिक के लिए है, निजी कमाई के लिए नहीं।
टिंकू कुमार
जब प्रशासन की गाड़ियां खुद जाम में फंसती हैं, तब भी कोई स्थायी समाधान नहीं निकालता। यह केवल लापरवाही ही दर्शाता है।
मोनू चौधरी
फुटपाथ अतिक्रमण से बच्चों और बुजुर्गों को चलना मुश्किल हो गया है। कई बार दुर्घटना होते-होते बची है, लेकिन सुधार नहीं हुआ।
सोनू कुमार
अगर समय रहते स्थायी बस स्टैंड बना दिया गया होता, तो आज यह स्थिति नहीं होती। अब भी देर नहीं हुई, प्रशासन को जागना होगा।
बिक्की कुमार
स्थानीय नेता सिर्फ चुनाव में दिखते हैं। इसके बाद जनता की समस्याओं से कोई मतलब नहीं होता। बाजार की हालत इसका उदाहरण है। अगर बाजार पर कोई जनप्रतिनिधि काम करते तो ऐसी स्थिति नहीं रहती।
विष्णु कुमार
व्यापारियों के बीच गाड़ी खड़ी करने को लेकर हर दिन झगड़े होते हैं। यह सब बस स्टैंड के अभाव का परिणाम है। साथ ही पार्किंग की समुचित व्यवस्था नहीं है।
मनोज कुमार
बाजार की स्थिति अब असहनीय हो गई है। अगर जल्दी कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया तो हालात और बिगड़ सकते हैं। शौचालय न होने से महिला यात्रियों को सबसे ज्यादा परेशानी होती है।
प्रीतम कुमार
प्रशासन ने जो थोड़ी बहुत कार्रवाई की थी, वो भी आधी अधूरी रही। इससे लोगों को लगने लगा है कि कुछ भी बदलने वाला नहीं। बाजार के अंदर वाहन पार्किंग की कोई व्यवस्था नहीं है।
राहुल चौधरी
हमने कई बार शिकायत की, लेकिन कोई फर्क नहीं पड़ा। अब लोग खुद ही सड़क पर दुकानें लगाने लगे हैं। अनुशासन खत्म हो गया है।
विकास कुमार गुप्ता
हर दिन का जाम मानसिक तनाव का कारण बन गया है। बच्चे समय पर स्कूल नहीं पहुंच पाते और मरीजों को हॉस्पिटल ले जाना भी मुश्किल होता है।
मुन्ना साह
बोले जिम्मेदार
फलका और पोठिया बाजार में जाम की समस्या गंभीर है। इसे लेकर विभाग सजग है। अतिक्रमण हटाने के लिए शीघ्र ही विशेष अभियान चलाया जाएगा। हमारी टीम लगातार निरीक्षण कर रही है। जनप्रतिनिधियों और आमजन का सहयोग जरूरी है, ताकि बाजार क्षेत्र को सुव्यवस्थित किया जा सके। हमने पहले भी माइकिंग व चेतावनी दी थी, लेकिन अब सख्त कार्रवाई की जाएगी। कानून व्यवस्था बनाए रखना हमारी प्राथमिकता है और हम सभी संबंधित विभागों के साथ समन्वय बनाकर जल्द समाधान देंगे।
-आलोक चंद्र चौधरी, एसडीओ, कटिहार
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एमएलसी ने स्वास्थ्य मंत्री से ट्रॉमा सेंटर निर्माण की मांग की
कटिहार। जिले में सड़क हादसे में हो रही मौत को लेकर कटिहार एमएलसी अशाोक अग्रवाल ने स्वास्थ्य मंत्री से मिलकर कटिहार में ट्रॉमा सेंटर खोलने की मांग उठाई है। एमएलसी ने कहा कि एनएच 31 व 81 पर बराबर सड़क हादसा होता है। ऐसे में एनएच 31 के किनारे और एक सदर अस्पताल में ट्रॉमा सेंटर विकसित हो तो सड़क दुर्घटना के शिकार आधे से अधिक लोगों को तत्काल बचाया जा सकता है। जानकारी हो कि 11 अप्रैल को बोले कटिहार में ट्रॉमा सेंटर और आईसीयू में इलाज की शीघ्र हो व्यवस्था शीर्षक से खबर प्रकाशित की गयी थी। इस पर एमएलसी अशोक अग्रवाल ने कहा कि इस इलाके की मुख्य मांगों में से एक ट्रॉमा सेंटर है। एमएलसी अशोक अग्रवाल ने बिहार सरकार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय से इसकी मांग की है। उन्होंने कहा कि एनएच 31 और सदर अस्पताल में ट्रॉमा सेंटर खुलने से कोढ़ा, बरारी सहित पूरे जिले के लोगों से आने वाले दुर्घटना के शिकार लोगों को बेहतर इलाज की सुविधा मिलेगी। एमएलसी ने कहा कि स्वास्थ्य मंत्री ने आश्वासन दिया है कि इस पर जल्द ही विचार किया जाएगा। उम्मीद है कि अभी जो सुविधा अस्पताल में मिल रही है उसे और भी अपग्रेड किया जाएगा। उन्होंने कहा कि ऐसा होने से कटिहार में सड़क हादसे में होने वाली मौत के आंकड़े पर लगाम लगेगी।
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