बोले सहरसा: बड़ा व स्थायी बाजार मिले तो देसी मछलियां का स्वाद ले पाएंगे लोग
सिमरी बख्तियारपुर अनुमंडल में मछली विक्रेताओं को एक भी सरकारी मछली बाजार नहीं मिल रहा है। यहां लगभग 75 सरकारी तालाबों में 20 क्विंटल मछली रोज खपत होती है। विक्रेताओं ने सरकार से उचित मछली बाजार बनाने...
एक हजार से अधिक तालाब हैं अनुमण्डल में जिसमें 75 तालाब हैं सरकारी 20 क्विंटल मछली रोज खपत है सिमरी बख्तियारपुर अनुमंडल में
70 प्रतिशत अनुदान विपणन किट देने पर योजना के तहत है
सिमरी बख्तियारपुर अनुमंडल में देसी मछली के लिए प्रसिद्ध है। बरसों से यहां की स्वादिष्ट मछलियां अंतर जिला के मछली बाजारों में महंगे मूल्य में मिलती है। लेकिन बदलते वक्त के साथ मछली के खाने वाले शौकीनों का इजाफा होने के कारण अंतर प्रदेश से भी मछलियां यहां मंगाई जाती है। बावजूद यहां की देसी मछलियां मछली बाजार में आते ही अधिक मूल्य में जल्दी बिक जाती है। नगर सहित ग्रामीण इलाकों में चौक, चौराहे या सड़क किनारे मछली दुकान लगाई जाती है। सिमरी बख्तियारपुर में वृहत मछली बाजार नहीं है। इस कारण यहां के मछली पालकों एवं मछली विक्रेताओं को परेशानियों का सामना करना पड़ता है। यहां के मछली विक्रेता सड़क किनारे सुबह शाम दुकान लगाकर अपनी मछली को बेचने का काम करते हैं। ठंड गर्मी एवं बरसात के मौसम में खुले आकाश के नीचे मछली बेचना इनकी मजबूरी है। इस इलाके की मछली विक्रेता सरकार से सरकारी मछली बाजार बनाने की मांग कर रहे हैं।
खबर:
अनुमंडल के सिमरी बख्तियारपुर, सलखुआ एवं बनमा ईटहरी प्रखंड में के विभिन्न चौक चौराहे एवं सड़कों किनारे मछली बाजार सुबह शाम सजता है। समय निर्धारित रहने के कारण मछली के ग्राहक निर्धारित समय पर ही मछली खरीदने पहुंचते हैं। अनुमंडल के सिमरी बख्तियारपुर नगर परिषद क्षेत्र के बुनियाद केंद्र रोड में, रानी बाग बाजार हाट, गुदरी हाट, बलवाहाट, सिमरी, पहाड़पुर, चकमका चौक, खजूरी चौक, बरसम, सलखुआ प्रखंड के बाजार में रेलवे ढाला के निकट, कोसी बांध उटेशरा, चानन, कबीरा धाप, चिरैया, बनमा ईटहरी प्रखंड के तेलियाहाट, इस्लामिया चौक, मकदमपुर में मछली बाजार है जो सड़क के किनारे मछली बाजार के सजा कर मछली बेचने का काम करते हैं। सहरसा जिले में सबसे अधिक सिमरी बख्तियारपुर में मत्स्य तालाब हैं। सिमरी बख्तियारपुर में लगभग छह सौ तालाब हैं जिसमें 54 तालाब सरकारी हैं। सलखुआ में 2 सौ तालाब में 31 सरकारी तालाब एवं बनमा ईटहरी में 150 तालाब हैं। बड़ी संख्या में यहां मछली माही की जाती है। वही सलखुआ प्रखंड की सबसे प्रसिद्ध एवं स्वादिष्ट मछली गोरदह जलकर एवं लगजोडा़ जलकर की मछली है। आपके अपने अखबार हिंदुस्तान के साथ संवाद के दौरान मछली विक्रेताओं ने अपना दर्द बयां किया। इन लोगों ने कहा कि अनुमंडल के इतने बड़े मछली पालन का एरिया रहने के बावजूद भी इस इलाके में एक भी सरकारी मछली बाजार नहीं है। इस कारण धूप की तपिश, ठंड की सिरहन, एवं बरसात का रिमझिम के मौसम में भी मछली व्यवसाय से जुड़े फुटकर मछली विक्रेता खुले आकाश के नीचे अपने मछली को बेचकर अपने परिवार का गुजर बसर कर रहे हैं। हमलोगों के पास एक अदद मछली बाजार भी नसीब नहीं है। इस कारण मछली विक्रेता सुबह एवं शाम के निर्धारित समय में अपनी साइकिल, मोटरसाइकिल या फिर पांव पैदल टोकरी बड़ी अल्युमिनियम की डेगची एवं फोम निर्मित बर्तन में प्रतिदिन मछली को लेकर मछली बाजार आते हैं एवं सड़कों के किनारे बैठकर खुले आकाश के नीचे बिक्री करते हैं। पुनः रात होते ही कोसों दूर अपने घरों की ओर जाते हैं। मछली विक्रेताओं ने कहा कि हम लोगों का एक मछली बाजार होना चाहिए था। मछली बाजार होता या फिर वेडिंग जोन होता, तो एक छत के नीचे सभी सुविधाएं मिलती। सिर पर छत होती। गर्मी, धूप एवं बरसात में परेशानी नहीं होती। बची मछली एवं सामान रखने के लिए एक मकान होता। शुद्ध पेयजल, शौचालय, मूत्रालय एवं आराम के लिए एक खाट भी होता। बिजली व्यवस्था सृदृढ़ होती। जिससे रात में भी व्यवसाय होता। कूड़ेदान एवं सफाई की व्यवस्था होती। धूप में हमारी मछली खराब नहीं होती। मछली व्यावसाई की मांग है, कि सरकार मत्स्य पालन के लिए योजनाएं तों चला रहीं हैं। लेकिन मछली बाजार इस इलाके में नहीं है। इसलिए मुख्यमंत्री मत्स्य विपणन योजना के तहत अनुमंडल के विभिन्न मछली बाजार को आधुनिक तकनीक से सुसज्जित बाजार बनाया जाए।
एक आंकड़े के अनुसार सिमरी बख्तियारपुर प्रखंड में प्रतिदिन लगभग 15 क्विंटल, सलखुआ में 3 क्विंटल एवं बनमा ईटहरी प्रखंड में 2 किवंटल मछली खुदरा बाजार में खपत होती है। लेकिन मछली विक्रेताओं को विपणन किट मुहैया कराया जाए। हालांकि मत्स्य विभाग के द्वारा उपभोक्ताओं को स्वच्छ एवं ताजी मछली उपलब्ध कराने एवं मछली विक्रांताओं की आमदनी बढ़ाने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री मत्स्य विपणन योजना के तहत मछली विक्रेताओं को वितरण की 70% अनुदान पर विपणन किट देने का प्रावधान है। इसका योजना का व्यापक प्रचार-प्रसार भी हो, ताकि मछली विक्रेता को इस योजना का लाभ ले सके। इस विपणन किट में एक आइस बॉक्स मछली बेचने के दौरान धूप और बारिश से बचने के लिए छतरी मछली को काटने एवं बनाने के काम के लिए स्टेलनेस स्टील कटर, स्टील स्क्रबर, तराजू, बटखरा, तारपोलिन शीट, प्लास्टिक का बाल्टी, मग एवं टब एवं एरेटर मशीन आदि दिया जाए। इसके लिए अनुदान दिया जाए। एवं सरकारी विधि को सरल बनाया जाए।
शिकायतें:
1. सिमरी बख्तियारपुर के सभी फुटकर मछली बिक्री स्थल को आधुनिक मछली बाजार बनाया जाए।
2. व्यवस्थित बाजार नही होने से पेयजल, शौचालय एवं यूरिनल की समस्या से कारोबारियों को गुजरना पड़ता है।
3. शेड नहीं होने से गर्मी, बरसात एवं ठंड में व्यवसाय में काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है।
4. मुख्यमंत्री विपणन योजना का लाभ दिया जाए।
सुझाव
1. मत्स्य विभाग को सरकारी स्थल चिन्हित कर वहां व्यवस्थित मछली बाजार बनाना चाहिए।
2. मछली बाजार में पेयजल, शौचालय, यूरिनल एवं प्रकाश की समुचित व्यवस्था हो।
3. कोल्ड स्टोरेज सहित मछली मार्केट बनना चाहिए।
4. बाजार की उपलब्धता के लिए सरकारी स्तर पर पहल होनी चाहिए।
हमारी भी सुनें
सिमरी बख्तियारपुर में फुटकर मछली विक्रेता के लिए कोई मछली बाजार नहीं है। जिसके कारण मछली विक्रेता को परेशानी होती है।
अनिल सहनी
मछली फुटकर विक्रेता खुले आकाश के नीचे कड़ी धूप, बरसात एवं ठंड के मौसम में मछली बेचनी पड़ती है।
जनार्दन सहनी
मुख्यमंत्री मत्स्य विपणन योजना के तहत आधुनिक मछली मार्केट बनाया जाए।
राजकुमार सहनी
सड़क किनारे खुले में सज रही दुकानों से हादसे की आशंका बनी जाती है।
संजय सहनी
स्थाई दुकान नहीं होने से मछली बाजार बंद होने पर मछली के स्टोर करने की समस्या बन जाती है।
प्रभू पासवान
मछली कारोबारी के लिए कम से कम शेड की व्यवस्था होनी चाहिए जिसमें मछली स्टोर करने की व्यवस्था हो।
मनोज सहनी
व्यवस्थित बाजार नहीं रहने के कारण पेयजल एवं यूनियन की समस्या से मछली विक्रेता को गुजरना पड़ता है।
लालो सहनी
सरकारी स्तर पर जमीन चिन्हित कर वहां व्यवस्थित मछली बाजार बनाया जाना चाहिए।
कपिल देव सहनी
मछली बाजार विपणन के लिए सरकारी स्तर पर पहल होनी चाहिए।
नवीन सहनी
मछली विक्रेताओं को सरकार द्वारा अनुदान पर विपणन किट दिया जाएं।
सुरेश सहनी
खासकर महिलाओं को मछली बाजार नहीं रहने के कारण महिला मछली विक्रेताओं को परेशानी झेलनी पड़ती है। खुले आकाश के नीचे रहना पड़ता हैं।
कामती देवी
फुटकर मछली विक्रेताओं को सस्ते दरों पर ऋण दिया जाए। ताकि विपरीत परिस्थितियों में ऋण से कार्य किया जा सके।
कन्हैया सहनी
मछली की सुरक्षा के लिए कोल्ड स्टोरेज बनाया जाए। ताकि मछली सुरक्षित रहेगा सकें।
दुखनी देवी
इस इलाके में एक बड़ी मछली मंडी होनी चाहिए। ताकि फुटकर मछली विक्रेता की मछली की बिक्री नहीं होने की परिस्थितियों में बड़ी मंडी में मछली बेच सके।
दीनानाथ सहनी
सिमरी बख्तियारपुर में मछली बाजार के साथ-सा थ मछली मंडी भी होनी चाहिए। एवं मछली बाजार आधुनिक एवं सुविधा युक्त हो।
भोगी सहनी
सरकारी मछली बाजार बनने से मछली बेचने वाले फुटकर दुकानदारों को सुविधा होगी। प्रकाश की व्यवस्था होने से रात में भी व्यवसाय कर सकते हैं।
सुनील सहनी
बोलें जिम्मेदार:
सिमरी बख्तियारपुर नगर परिषद में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है। यह मत्स्य विभाग का मामला है। मेरे कार्यकाल में विभाग द्वारा निर्देश नहीं आया है। अगर निर्देश आएगा तो पहल किया जाएगा।
रामविलास दास,
कार्यपालक पदाधिकारी,
नगर परिषद,
सिमरी बख्तियारपुर।
प्रखंड मत्स्य पदाधिकारी समरेंद्र कुमार ने कहा कि सरकार के द्वारा मछली बाजार बनाने के लिए योजना प्रस्ताव है। इसके तहत नगर परिषद एवं अंचल को सरकारी भूमि हस्तगत कराने के लिए पत्राचार किया गया है। लेकिन अभी तक एनओसी अप्राप्त है। भूमि मिलते हैं, मछली बाजार बनाया जाएगा।
समरेंद्र कुमार,
प्रखंड मत्स्य पदाधिकारी,
सिमरी बख्तियारपुर।
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