नदी में पुल नहीं बनने से ग्रामीणों में आक्रोश
आलमनगर के ग्रामीणों को चचरी पुल के क्षतिग्रस्त होने से भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। बरसात के दिनों में आवाजाही और भी मुश्किल हो जाती है। स्थानीय प्रशासन और जनप्रतिनिधियों की उदासीनता से...

आलमनगर, एक संवाददाता प्रखंड के कई इलाकों में आज भी चचरी पुल से आवाजाही करने की विवशता बनी हुई है। जहां पुल नहीं बनने से ग्रामीणों में भारी आक्रोश देखा गया। बसनवाड़ा पंचायत के पुरैनी बासा के पास नदी पर पुल नहीं रहने से लोगों को दशकों से आवाजाही की भारी परेशानी झेलनी पड़ रही है। हर साल खासकर बरसात के दिनों में आवागमन की समस्या गंभीर हो जाती है। बावजूद इस इलाके के लिए जनप्रतिनिधि और जिला प्रशासन के अधिकारी उदासीन बने हैं। जबकि सरकार हरेक गांव से गांव को जोड़ने और मुख्य सड़क तक संपर्क पथ बनाने के लिए सड़क और पुल-पुलिया निर्माण को प्राथमिकता दे रही है।
लेकिन इस प्रखंड में ऐसा कुछ भी नहीं देखा जा रहा है। बाढ़ प्रभावित प्रखंड रहने के बाद भी पुल-पुलिया निर्माण कार्य को प्राथमिकता देने के सरकार के नीति को लेकर अधिकारी उदासीन बने हैं। ग्रामीण बिंदेश्वरी सिंह, महेंद्र सिंह, हिसाबी सिंह, शंभू सिंह, बुट्टन सिंह, अशोक सिंह, दिलीप सिंह, प्रदीप सिंह, शालिग्राम सिंह आदि ने बताया कि स्थानीय जनप्रतिनिधि और जिला प्रशासन मामले में ध्यान नहीं दे रहे हैं। ग्रामीणों ने कहा कि गांव के बच्चों की पढ़ाई के लिए प्राथमिक विद्यालय और आंगनबाड़ी केंद्र तो खोला गया, लेकिन विडंबना है कि नदी के एक ओर गांव के लोग बसे हैं और दूसरी ओर स्कूल और आंगनवाड़ी केंद्र खोला गया है। चचरी पुल से नदी पार करने में स्कूली बच्चे और आंगनबाड़ी केंद्र के बच्चों को खतरा बना रहता था। बच्चों के सुरक्षित घर आने की चिंता ग्रामीणों को सताती रहती थी। लेकिन चचरी पुल क्षतिग्रस्त हो जाने से अब वह सहारा भी छीन गया है। जिसे निकट समय में हमलोगों को आवाजाही के लिए भारी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। ग्रामीणों ने कहा कि साल के आठ से नौ महीने लोगों को चचरी पुल के सहारे नदी पार करने की विवशता रहती है। जो चचरी पुल भी करीब छह महीने से क्षतिग्रस्त बना हुआ है। ग्रामीणों ने यह भी बताया कि पूर्व के सालों में चचरी पुल पार करने के दौरान कई हादसे भी हो चुके हैं। ग्रामीणों ने जनप्रतिनिधि और जिला प्रशासन से उच्च स्तरीय पुल निर्माण की मांग की है। ग्रामीणों ने यह भी बताया कि अगर पुल निर्माण पर गंभीरता नहीं बरती गयी तो बाध्य होकर सरकार और जनप्रतिनिधि के खिलाफ आवाज उठाने को लोग विवश हो जाएंगे।
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