बोले सहरसा : रोजगार के लिए युवाओं को मिले प्रशिक्षण के साथ सरकारी मदद
युवाओं ने बताया कि सरकारी नौकरी पाने की कोशिशों के साथ-साथ स्वयं का कारोबार शुरू करने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। लेकिन प्रशिक्षण और संसाधनों की कमी के कारण वे सफल नहीं हो पा रहे हैं। बैंकों से ऋण लेने...
आजकल युवा सरकारी नौकरी पाने की कोशिश के साथ-साथ खुद का कारोबार शुरू करने के लिए प्रयासरत हैं लेकिन जिले में पर्याप्त संसाधन एवं सही प्रशिक्षण नहीं मिलने के कारण आगे नहीं बढ़ पाते हैं। कई युवा इन सभी कठिनाइयों को पार कर जब किसी तरह आगे बढ़ते हैं तो उनको बैंक से सहायता नहीं मिल पाती है। ऐसे में फिर निराश होकर घर-परिवार छोड़ कर अन्य प्रदेश पलायन करने को मजबूर हो जाते हैं। युवाओं ने कहा कि हमने कई बार खुद का कारोबर शुरू करने के लेकर प्रयास किया लेकिन बैंकों एवं कार्यालय के नियम से थक-हार कर घर बैठ जाते हैं। संवाद को दौरान युवाओं ने अपनी परेशानी बताई। 63 प्रकार का प्रशिक्षण स्वरोजगार से जुड़ने के लिए दिया जाता है
30 से 35 युवा बेरोजगार प्रशिक्षण लेने के लिए एक बैच में होते हैं शामिल
11 माह प्रशिक्षण लेने के बावजूद कई युवा रोजगार की तलाश में हैं बैठे
जिले में हर वर्ष हजारों युवक-युवती मैट्रिक व इंटर पास कर आगे की पढ़ाई कर नौकरी की तैयारी में लग जाते हैं। कई युवाओं की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं रहने के कारण वे खुद का कारोबार शुरू करना चाहते हैं। उससे हुई कमाई से आगे पढ़ाई लिखाई करना चाहते हैं लेकिन ना तो उन्हें सरकारी सहयोग मिल पाता है और ना ही बैंक लोन। ऐसे में वो अपना रोजगार शुरू नहीं कर पाते।
प्रशिक्षण प्राप्त युवाओं ने कहा कि यहां पर कोई कल कारखाना नहीं है जहां काम कर घर परिवार चलाते हुए अपना आगे की पढ़ाई शुरू कर सकें। पूंजी और प्रशिक्षण के अभाव में स्वरोजगार करने के इच्छुक अधिकतर युवा अन्य प्रदेश की ओर पलायन करने को विवश हैं। उन्होंने कहा कि स्वरोजगार कर आगे बढ़ने के लिए सरकारी सहयोग नहीं मिल पाता है। ऐसे में खुद का रोजगार कर उसे आगे बढ़ाने के लिए हौसला रखने वाले युवक कमजोर पड़ जाते हैं। आर्थिक रूप से कमजोर परिवार का होने के कारण घर से पैसे लेकर अपना रोजगार नहीं शुरू कर पाते हैं। मजबूरी एवं पूंजी के अभाव में जीविकोपार्जन के लिए पलायन करने को मजबूर हो जाते हैं।
बैंक से कम ब्याज पर मिले ऋण तो बढ़ेगा रोजगार: उन्होंने कहा कि स्वरोजगार के लिए युवाओं को बैंक से आसानी से ऋण मिलेगा तो वे स्वरोजगार को आगे बढ़ाकर दूसरे को भी रोजगार दे सकेंगे। उन्होंने कहा कि बैंक से ऋण लेने में कई प्रकार की समस्या का सामना करना पड़ता है। कई प्रकार के कागजात की मांग की जाती है जो उपलब्ध नहीं रहता है। इस स्थिति में सरकार यदि ऋण प्रक्रिया को सरल करते हुए बैंक से कम ब्याज पर ऋण की सुविधा उपलब्ध कराएगी तो युवा इसका फायदा उठा सकेंगे। अपने पैरों पर खड़े होकर समाज की उन्नति में सहायक बनेंगे।
स्वरोजगार से जुड़ने के लिए मिले प्रशिक्षण
जिले के कई युवाओं ने बताया कि खुद का रोजगार शुरू करने के लिए प्रशिक्षण की जरूरत है। सही प्रशिक्षण मिलने से कारोबार को आगे बढ़ाने में मदद मिलती है। प्रशिक्षण के बाद रोजगार शुरू करने से आमदनी अधिक होगी तो घर परिवार सुखी होगा। बच्चों को सही शिक्षा दे सकेंगे। लेकिन सही प्रशिक्षण नहीं मिलने के कारण यदि कहीं से रुपए की व्यवस्था कर अपना रोजगार शुरू करते हैं तो सही आमदनी नहीं होगी और इससे परेशानी बढ़ जाएगी। उन्होंने सरकार से ध्यान देते हुए और रोजगार आगे बढ़ाने के लिए मदद की मांग की।
सरकारी अनुदान मिलने से स्वरोजगार बढ़ेगा
युवाओं ने कहा कि सरकार द्वारा यदि रोजगार के लिए अनुदान दिया जाएगा तो हम लोग भी अपने कारोबार को आगे बढ़ा सकेंगे। इसमें अधिक आमदनी कर सकेंगे और अपने भविष्य को संवार सकेंगे। अभी की स्थिति काफी दयनीय है। जब तक सरकारी अनुदान नहीं मिलेगा हम लोगों को आगे बढ़ने में काफी मुश्किल होगी। सरकार हम युवाओं को कारोबार देकर आगे बढ़ाने में मदद करेगी तो हमारा भी भविष्य उज्ज्वल होगा। युवाओं का कहना है कि कुछ कामों के लिए अनुदान मिलता है लेकिन वह लेना काफी मुश्किल है।
शिकायत
1. शिक्षित तो किया जाता है पर जीवकोपार्जन के लिए उन्हें अपने हाल पर छोड़ दिया जाता है।
2. बैंक द्वारा आसान तरीका से ऋण देने की व्यवस्था नहीं है।
3. अधिक व्याज दर पर निजी लोगों से ऋण लेने में जोखिम है।
4. जटिल प्रक्रिया के कारण कई युवा ऋण से वंचित रहते हैं।
सुझाव
1. स्वरोजगार करने के इच्छुक युवाओं को आसान शर्त एवं कम ब्याज पर बैंक से ऋण मिले।
2. सही प्रशिक्षण की व्यवस्था होनी चाहिए ताकि कारोबार ठीक चलेे।
3. हाई स्कूल स्तर से व्यावसायिक शिक्षा हो अनिवार्य विषय ।
4. छोटे उद्यमियों को रियायती मूल्य पर कच्चे माल की व्वयस्था हो।
हमारी भी सुनें
पूंजी के अभाव मे इच्छा शक्ति रहने के बावजूद आर्थिक रूप से कमजोर परिवार के युवक पलायन करने को विवश हैं।
अंशु कुमार
युवाओं को स्वरोजगार के लिए प्रशिक्षण दे सभी को ऋण उपलब्ध करवाने के लिए विशेष योजना बनाए जाने की आवश्यकता है।
शुभम कुमार
स्वरोजगार शुरू करने के इच्छुक अधिकतर युवाओं को सरकारी स्तर पर मदद की जरूरत है। जिससे उन्हें लाभ मिल सके।
हर्ष कुमार
स्वरोजगार करने के इच्छुक आर्थिक रूप से कमजोर युवाओं को आसान शर्त एवं कम ब्याज पर ऋण उपलब्ध करवाने के लिए विशेष नीति बनानी चाहिए।
रंजीत कुमार
पूंजी के अभाव मे स्वरोजगार करने के इच्छुक युवा मजबूरन शहर से बाहर प्राइवेट नौकरी करने को विवश हैं।
मृणाल शंकर
वर्तमान समय मे आम युवाओं को रोजगार शुरू किए जाने के लिए कोई विशेष नियम नहीं है। इस कारण वे भटकते रहते हैं।
बिनोद
चुनाव के समय अधिकतर प्रत्याशी द्वारा युवाओं से वादा तो किया जाता है लेकिन चुनाव जीतने के बाद भूल जाते हैं।
आशीष कुमार
केन्द्र व राज्य सरकार द्वारा बेरोजगार युवकों के लिए कई योजना संचालित तो की जा रही है। लेकिन इसका समुचित लाभ सभी युवाओं को नहीं मिल पाता।
हीरा खां
लघु उद्योग का काफी महत्व है। इसमें अन्य को भी रोजगार देने का अवसर मिलता है। इसको बढ़ावा देने का प्रयास हो।
राहुल झा
बैंक के जटिल प्रक्रिया के कारण अधिकतर कमजोर परिवार के युवा इससे वंचित रहते हैं।इस दिशा में समुचित कार्यवाही हो।
बाबुल कुमार
स्वरोजगार शुरू करने वाले युवाओं के लिए आसान शर्त एवं कम ब्याज पर ऋण तथा ससमय सब्सिडी मिलने की व्यवस्था हो।
डोमा महतो
सदर प्रखण्ड मुख्यालय स्थित एसबीआई के आरसेटी मे प्रशिक्षण देने के बाद भी स्वरोजगार शुरू करने के लिए ऋण नहीं मिलता है।
विद्यानन्द पासवान
दूसरों से पूंजी ले व्यवसाय करने वाले युवा प्राकृतिक विपदा की हालात मे असफल हो जाते हैं। उन्हें सहायता मिले।
शंकर ठाकुर
युवाओं के निरंतर पलायन के कारण इस क्षेत्र की पहचान मजदूर आपूर्ति करने वाले क्षेत्र के रूप में बनती जा रही है।
कृष्ण कुमार खां
जटिल प्रक्रिया के कारण कई युवा बैंक से ऋण ले रोजगार शुरू करने के बदले दूसरों के यहां काम करना ठीक समझते हैं।
सुमित कुमार
इस प्रतियोगी युग में स्वरोजगार व लघु उद्योग शुरू करने वाले उधमियों को रियायती मूल्य पर कच्चा माल भी उपलब्ध करवाने की व्यवस्था की जानी चाहिए।
बौवा झा
बोले जिम्मेदार
भारतीय स्टेट बैंक ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान में कुल 63 प्रकार का प्रशिक्षण दिया जाता है। प्रशिक्षण लेकर युवाक- युवतियां लाभ उठा रहे हैं। यहां से प्रशिक्षण लेने के बाद बैंक लोन उपलब्ध कराने में भी इन लोगों की मदद की जाती है। कई प्रशिक्षण प्राप्त युवा बैंक से ऋण लेकर रोजगार चालू कर जीवन यापन कर रहे हैं।
-उमेश पासवान, आरसेटी डायरेक्टर
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