महिलाओं के उत्थान के बिना गांवों का विकास अधूरा : मंत्री
महिलाओं के उत्थान के बिना गांवों का विकास अधूरा : मंत्री महिलाओं के उत्थान के बिना गांवों का विकास अधूरा : मंत्री

महिलाओं के उत्थान के बिना गांवों का विकास अधूरा : मंत्री बरबीघा, हिन्दुस्तान संवाददाता। महिलाओं के उत्थान के बिना ग्रामीण विकास का सपना अधूरा है। जब तक ग्रामीण महिलाएं आत्मनिर्भर नहीं होगी, तब तक गांवों का विकास संभव नहीं है। यह बातें ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार ने बरबीघा के सुभानपुर गांव में कहीं। गांव में मंगलवार को महिला संवाद कार्यक्रम हुआ था। मुख्य अतिथि के तौर पर मंत्री तो विशिष्ट अतिथि के रूप में बरबीघा विधायक सुदर्शन कुमार शामिल हुए। कार्यक्रम में आर्थिक सहयोग के दम पर विभिन्न क्षेत्रों में सफलता अर्जित करने वाली महिलाओं ने अपनी सफलता के बारे में बातें रखीं।
महिलाओं और लड़कियों ने एक सुर में कहा कि बिहार सरकार द्वारा चलायी जा रहीं विभिन्न योजनाओं ने उनकी जिंदगी पूरी तरह से बदल दी है। मंत्री ने सरकार द्वारा महिलाओं के सामाजिक और आर्थिक सशक्तीकरण के लिए किए जा रहे कार्यों की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि हमारा मानना है कि जब तक ग्रामीण महिलाएं आत्मनिर्भर नहीं होंगी, तब तक सतत विकास संभव नहीं है । राज्य सरकार ने पिछले वर्षों में महिला उत्थान को प्राथमिकता दी है, जिसके सकारात्मक परिणाम आज जमीन पर दिखाई दे रहे हैं। बिहार में अब तक लगभग 11 लाख स्वयं सहायता समूहों का गठन किया गया है। इन समूहों से 1.35 करोड़ से अधिक महिलाएं जुड़ चुकी हैं। महिलाओं के जीवन स्तर में सुधार के लिए पिछले वित्तीय वर्ष में ही कुल 4,500 करोड़ का ऋण विभिन्न बैंकों के माध्यम से प्रदान किया गया। स्वयं सहायता समूह के माध्यम से महिलाएं अब कृषि, पशुपालन, कुटीर उद्योग और स्थानीय सेवाओं में स्वरोजगार से जुड़ रही हैं। सरकार द्वारा संचालित कौशल विकास केंद्रों में अब तक 3.2 लाख ग्रामीण महिलाओं को प्रशिक्षित किया जा चुका है।
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