स्वाबलंबी व समर्थ बालकों का निर्माण करती है विद्या भारती : डी रामकृष्ण राव
स्वाबलंबी व समर्थ बालकों का निर्माण करती है विद्या भारती : डी रामकृष्ण रावस्वाबलंबी व समर्थ बालकों का निर्माण करती है विद्या भारती : डी रामकृष्ण रावस्वाबलंबी व समर्थ बालकों का निर्माण करती है विद्या...

स्वाबलंबी व समर्थ बालकों का निर्माण करती है विद्या भारती : डी रामकृष्ण राव चरित्र के साथ शिक्षा देना हमारा लक्ष्य विद्या भारती अखिल भारतीय शिक्षा संस्थान की वार्षिक साधारण सभा होगी 11 से 13 तक फोटो : राजगरी मंदिर : राजगीर सरस्वती विद्या मंदिर में बुधवार को वार्षिक साधारण सभा की जानकारी देते विद्या भारती के राष्ट्रीय अध्यक्ष डी रामकृष्ण राव व अन्य। राजगीर, निज संवाददाता। वर्तमान परिवेश में शिक्षा का डिजिटाइजेशन हो गया है। इस परिस्थिति में विद्या भारती विद्यालयों के बच्चों सहित देश के सभी छात्र-छात्राओं को आधुनिक तकनीकी से परिपूर्ण शिक्षा सर्व सुलभ उपलब्ध हो, ऐसी व्यवस्था बनाने के महायज्ञ में सरकार सहित देश के सभी बड़े शैक्षिक संस्थानों के साथ मिलकर विद्या भारती काम कर रही है। विद्या भारती स्वाबलंबी व समर्थ बालकों का निर्माण करती है। चरित्र के साथ शिक्षा देना हमारा लक्ष्य है। ताकि हमारी भावी पीढ़ी शिक्षित होने के साथ-साथ तकनीक से परिपूर्ण और सामर्थ्यवान बने। ये बातें बुधवार को पूज्य तपस्वी जगजीवन जी महाराज सरस्वती विद्या मंदिर परिसर में विद्या भारती के राष्ट्रीय अध्यक्ष डी रामकृष्ण राव ने कहीं। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति को ध्यान में रखते हुए पूरे देश में विद्या भारती विद्यालयों में शैक्षणिक पद्धति को लागू किया गया है। ताकि भावी पीढ़ी वर्तमान चुनौतियों का सामना कर सके। उन्होंने कहा कि विद्या भारती अखिल भारतीय शिक्षा संस्थान की वार्षिक साधारण सभा 11 से 13 अप्रैल तक पूज्य तपस्वी जगजीवन जी महाराज सरस्वती विद्या मंदिर राजगीर में होगी। इसमें देश के विभिन्न राज्यों से 350 से अधिक प्रतिभागी शिरकत करेंगे। राष्ट्रीय महामंत्री अवनीश भटनागर ने कहा कि विद्या भारती की शुरुआत 1952 में उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में प्रथम सरस्वती शिशु मंदिर से हुई। 12 हजार स्कूलों में पढ़ रहे 36 लाख छात्र : उन्होंने कहा कि वर्तमान में विद्या भारती के तहत 684 जिलों में 12 हजार 98 विद्यालय चल रहे हैं। इसमें लगभग 100 विद्यालय आवासीय हैं। 200 से अधिक सीबीएसई और शेष स्थानीय राज्य बोर्ड से सम्बद्ध हैं। सामाजिक उत्तरदायित्व का निर्वहन करते हुए विद्या भारती पूर्वोत्तर क्षेत्र तक सुदूर दुर्गम तथा जनजातीय क्षेत्रों, महानगरों की सेवा बस्तियों में 94 सौ से अधिक अनौपचारिक शिक्षा केंद्र नि:शुल्क चला रही है। इन सभी विद्यालयों में लगभग 36 लाख छात्र-छात्राएं अध्ययनरत हैं। विद्या भारती लगभग एक लाख 54 हजार शिक्षक बंधु भगिनी के उद्यम से विद्यार्थियों में नवीन शिक्षण कौशल और नैतिक मूल्यों को स्थापित करने का प्रयास कर रही है। यही नहीं उच्च शिक्षा के क्षेत्र में भी विद्या भारती 60 महाविद्यालयों तथा एक विश्वविद्यालय का संचालन करती है। उन्होंने कहा कि संविधान की 8वीं अनुसूची की 22 भाषाओं में से 20 भाषा के माध्यमों में विद्या भारती के विद्यालयों में शिक्षा दी जा रही है। राष्ट्रीय महामंत्री ने कहा कि साधारण सभा में विद्या भारती के विगत कार्यों की समीक्षा एवं आगामी कार्यक्रमों की योजना एवं राष्ट्रीय शिक्षा नीति के क्रियान्वयन में विद्या भारती की भूमिका की दृष्टि से साधारण सभा में तीन दिनों तक गहन विचार विमर्श एवं चिंतन मंथन कर आगामी योजना एवं कार्यक्रमों की रूपरेखा तैयार की जाएगी। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता राष्ट्रीय अध्यक्ष डी रामकृष्ण राव करेंगें। इसके मुख्य अतिथि अध्यात्मिक गुरु संत जियर स्वामी जी महाराज होंगे। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह कार्यवाह एवं विद्या भारती के मार्गदर्शक डॉ. कृष्ण गोपाल जी व विद्या भारती अखिल भारतीय शिक्षा संस्थान के संगठन मंत्री गोविन्द चंद महंत जी इसमें शिरकत करेंगे। मौके पर संगठन मंत्री ख्यालीराम जी, प्रदेश सचिव प्रदीप कुमार कुशवाहा, प्रदेश सह मंत्री सरस्वती विद्या मंदिर के सचिव प्रो. राणा पुरुषोत्तम कुमार सिंह, क्षेत्रीय प्रचार-प्रसार संयोजक नवीन सिंह परमार, प्रांतीय प्रचार प्रमुख गिरीश कुमार द्विवेदी, प्रधानाचार्य अनन्त कुमार सिन्हा, वीरेन्द्र कुमार सिंह व अन्य मौजूद थे। दिखेगी भारतीय संस्कृति की अनूठी छटा : तीन दिनों तक चलने वाले साधारण सभा में 12 अप्रैल की संध्या 4:30 बजे से विद्यालय की घोष दल (स्कूल बैंड) के द्वारा शानदार प्रदर्शन किया जाएगा। शाम सात बजे से विद्या भारती विद्यालयों के छात्र-छात्राओं के द्वारा भव्य रंग मंचीय कार्यक्रम होगा। इसमें भारतीय संस्कृति की अनूठी छटा देखने को मिलेगी।
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